रेलिक रिपोर्टर, शाहजहांपुर.
नैतिकता जीवन का सबसे बड़ा गुण है। मनुष्य यदि आन्तरिक रूप से शुद्ध नहीं है तो उसका सम्पूर्ण व्यक्तित्व कितना भी प्रभावी हो वह श्रेष्ठ नहीं माना जा सकता। मानवीयता के गुणों से परिपूर्ण व्यक्ति ही मानव कहलाने योग्य है।
राम चन्द्र मिशन के प्रशिक्षक श्रीकृष्ण टंडन ने स्वामी शुकदेवानन्द महाविद्यालय
में दिया व्याख्यान
उसमें संवेदना, सहयोग, सहानुभूति, सहजप्रेम जैसे गुण होने आवश्यक हैं। इन गुणों से आवृत्त व्यक्ति ईश्वरीय गुणों से परिपूर्ण माना जा सकता है। दया, करूणा, उदारता जैसे गुण ईश्वर के गुण हैं यदि मनुष्य इन्हें स्वयं में विकसित कर लेता है तो वह स्वयं देवत्व को प्राप्त कर सकता है। यह विचार राम चन्द्र मिशन के प्रशिक्षक एवं आश्रम प्रबन्धक श्रीकृष्ण टण्डन ने व्यक्त किए। श्री टण्डन स्वामी शुकदेवानन्द महाविद्यालय के शिक्षक शिक्षा विभाग में मनुष्यता का सर्वोच्च गुण नैतिकता विषय पर आयोजित व्याख्यान में विचार व्यक्त कर रहे थे।
विशिष्ट अतिथि सहज योग विचारक रवीन्द्र कुमार ने कहा कि सत्य के सम्बन्ध में हमारी अवधारणा सत्य बोलने तक ही सीमित रह गयी है हम वास्तविक जीवन में सत्य का अनुपालन नहीं करते हैं। इससे पूर्व अतिथियों का स्वागत डॉ. प्रभात शुक्ल ने किया।
इस अवसर पर बीएड, एमएड तथा बीटीसी के विद्यार्थियों के साथ प्राध्यापक डॉ. एमके वर्मा, डॉ. मीना शर्मा, डॉ. रत्ना गुप्ता, डॉ. शैलजा मिश्रा, डॉ. प्रशान्त अग्निहोत्री, डॉ. विनीत श्रीवास्तव, अरविन्द कुमार, राजेश कुमार, धीरज रस्तोगी, नंदनी कश्यप आदि उपस्थित रहे। संचालन सुयस सिन्हा ने तथा आभार डॉ. प्रभात शुक्ल ने व्यक्त किया।
मानवीयता के गुणों से परिपूर्ण व्यक्ति ही मानव कहलाने योग्य
सितंबर 10, 2014
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