मनीष शुक्ला, दिल्ली.
मुंह में मिठास घोलने वाली खबर है। शकर के आगामी मार्केटिंग सत्र की अक्टूबर से शुरुआत होते ही उत्पादन में 5 प्रतिशत तक की बढोतरी होने के आसार है। इसका सीधा असर शकर के दामों पर पडेÞगा। जैसा कि अनुमान है कि, मार्केटिंग सत्र 2014-15 में शकर उत्पादन पांच फीसदी बढ़ कर 255 लाख टन पहुंचेगा।
शकर उद्योग का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठन इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (आईएसएमए) के मुताबिक गन्ने के रकबे में कमी आने के बावजूद शकर का उत्पादन बढ़ेगा। यह लगातार पांचवा वर्ष है, जब देश में शकर का उत्पादन सालाना घरेलू खपत 230-240 लाख टन को पार करने के पुख्ता आसार हैं। इसी को देखते हुए केंद्र सरकार से मांग की है कि रा शुगर पर निर्यात सब्सिडी आगामी मार्केटिंग सत्र में जारी रहनी चाहिए, क्योंकि अब तक इस स्कीम में सिर्फ 7 लाख टन शकर का निर्यात किया जा सका है। वहीं स्कीम के तहत 40 लाख टन निर्यात को मंजूरी दी गई है।
अनुमान है कि, 2013-14 में शकर का कुल निर्यात 211 लाख टन होगा। इसमें से 55 फीसदी रा शुगर और शेष रिफाइंड होगी। एसोसिएशन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि सितंबर 2014 सेटेलाइट इमेज के आधार पर इस्मा ने देश में गन्ने का कुल रकबा 529 लाख हेक्टेयर रहने का अनुमान जताया है, जोकि बीते साल की तुलना में 1 फीसद कम है।