टाइगर स्टेट का दर्जा दोबारा हासिल करने के लिए पन्ना की हीरा खदानों को बंद करने का फरमान सुनाए जाने के हफ्तेभर बाद ही हुई हीरों की नीलामी में एक हीरा इतना कीमती निकला कि, उसके खरीददार ही नही मिले। इस उज्जवल हीरे की आफसेट प्राइज 5 करोड़ रखी गई थी, लेकिन हीरों की नीलामी में इसको खरीदने की कूबत किसी में नहीं होने से यही हीरा नहीं बिक सका।
हीरा नीलामी में भागीदारी करते व्यापारी और अधिकारी |
गौरतलब होगा कि पन्ना जिले में स्थित एनएमडीसी हीरा खनन परियोजना में कड़ी सुरक्षा के बीच 24 सितंबर को हुई दो दिवसीय हीरों की नीलामी में 8 करोड़ 62 लाख रूपए के हीरे बिक्री हुए। नीलामी में 13 हजार 200 कैरेट वजन के हीरे प्रदर्शित किए गए थे, जिनमें अब तक का सबसे बड़ा 37.68 कैरेट का हीरा भी रखा गया था। हालांकि, इस नायाब हीरे को खरीददार नहीं मिल सका। एनएमडीसी हीरा खनन परियोजना मझगवां पन्ना के डिप्टी मैनेजर एएन सिद्दीकी के अनुसार नीलामी में कुल 6 हजार 200 कैरेट वजन के हीरे बिके हैं, जिनमें 21 कैरेट वजन का एक हीरा 72 लाख रू. में बिका। हीरों की इस नीलामी में सबसे मंहगा हीरा उज्जवल किस्म का 12 कैरेट वजन वाला रहा, जो 62 लाख में बिका। नीलामी में पन्ना जिले के साथ ही विभिन्न प्रान्तों के करीब सवा सौ हीरा व्यापारियों ने बोली लगाई। सर्वाधिक खरीदी करने वालों में मुम्बई, सूरत, पूना, नागपुर, बलसाड़, बनारस, झांसी व बांदा के व्यापारी रहे।
उज्जवल हीरे की नहीं लगी बोली
मझगवां खदान से वर्ष 2011 में निकला अब तक का सबसे बड़ा 37.68 कैरेट वजन वाला हीरा की अपेक्षित कीमत न लगने से बिक नहीं सका। इस नीलामी का सबसे बड़ा आकर्षण जून 2010 में निकला उज्जवल किस्म का 34.37 कैरेट वजन वाला हीरा था. इस हीरे के नीलाम होने की संभावना व्यक्त की जा रही थी, लेकिन नीलामी में भाग लेने वाले व्यापारियों ने इस नायाब हीरे की कीमत 4 लाख 25 हजार प्रति कैरेट की दर से लगाई जो परियोजना प्रबंधन के वैलुएशन की तुलना में कम होने के चलते इस हीरे को भी नहीं बेचा जा सका। नीलामी में सिर्फ दो बड़े हीरे ही बिके, जिनमें 21 कैरेट वजन वाला हीरा 72 लाख में तथा 12 कैरेट वजन वाला जेम क्वॉलिटी का हीरा सबसे मंहगा 62 लाख में बिका।