रेलिक रिपोर्टर, भोपाल.
उम्र दराज और आर्थिक तौर पर कमजोर शायरों की इमदाद की तैयारी में ऊर्दू अकादमी जुटी है। इसके लिए शायरों का हर माह सम्मान किया जाएगा, जिसके लिए सत्तर साल की उम्र तय की गई है, हालांकि इसमें उभरते और युवा शायरों को भी शामिल किया जाएगा। ताकि आर्थिक रूप से कमजोर शायरों को पेंशन देने पर विचार किया जा सके।
उर्दू जुबान को बचाने
के लिए उर्दू अकादमी पूरे प्रयास करेगी। शायर, अदीब और उर्दू जुबान के
विद्वानों को अकादमी की कल्चरल गतिविधियों से जोड़ा जाएगा। अकादमी स्कूलों
के जरिए सूबे के हर कोने तक पहुंचने की तैयारी में है।
अयाज अहमद कुरैशी, सचिव, उर्दू अकादमी
मध्यप्रदेश उर्दू अकादमी को संस्कृति विभाग में शामिल करने के प्रस्ताव के बाद उर्दू अकादमी में उर्दू जुबान को बढ़ावा देने के लिए प्रयास तेज हो गए हैं। दूसरी ओर, हालात यह हैं कि यहां शायरों की सूची तक नहीं है, जिसकी वजह से अन्य संस्थाओं से शायरों की जानकारी मांगी जा रही है। इसके तहत उर्दू अकादमी प्रदेश सत्तर साल से ज्यादा उम्र वाले शायरों की सूची इकट्ठा कर रही है।
शायरों के नाम सूचीबद्ध होने के बाद इनके सम्मान की लिस्ट तैयार की जाएगी। अकादमी के सचिव अयाज अहमद कुरैशी के मुताबिक शायरों की सूची मिलने और बनने के बाद शायरों को छांटकर उनके सम्मान की तैयारी की जाएगी।
स्कूलों में होगी ऊर्दू वर्कशॉप
उर्दू जुबान को बढ़ावा देने के लिए उर्दू अकादमी प्रदेश के स्कूलों में वर्कशाप आयोजित करेगा। उर्दू जुबान से जुड़े विद्वान स्कूलों में जाकर छात्रों को उर्दू जुबान की अहमियत और उसके फायदे बताएंगे। कैंप के दौरान जिन स्कूलों में उर्दू विषय को लेकर शिक्षकों की कमी है, उन स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति के संबंध में जिला शिक्षाधिकारी से सिफारिश की जाएगी।
तत्काल फायदा होगा कर्मचारियों को
संस्कृति विभाग के अधीन होने के प्रस्ताव से ऊर्दू अकादमी के कर्मचारियों को सबसे पहले फायदा प्रमोशन और भत्तों के तौर पर होगा। वर्तमान में यहां काम करने वाले कर्मचारियों का बीते 25 सालों से प्रमोशन तक नहीं हुआ है। इसके साथ ही कर्मचारियों को वेतन भी समय पर नहीं मिल पाता है। कर्मचारियों को जुलाई-2013 से बढ़ा हुआ डीए नहीं मिला है।
उम्रदराज शायरों की मदद करेगी ऊर्दू अकादमी
अगस्त 18, 2014
0
Tags