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चुनाव के लिए शासकीय अमला और पुलिस बल डिप्लॉयमेंट का निर्धारण करें सभी जिले (विधानसभा निर्वाचन-2013)


निर्वाचन आयोग ने वीडियो कान्फ्रेसिंग में दिये निर्देश

भारत निर्वाचन आयोग के उप चुनाव आयुक्त द्वय सर्वश्री विनोद जुत्शी और सुधीर त्रिपाठी ने आज नई दिल्ली से वीडियो कान्फ्रेसिंग द्वारा मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा की। मध्यप्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री जयदीप गोविंद ने निर्वाचन आयोग को अब तक की गई तैयारियों से अवगत करवाया।

उप चुनाव आयुक्त श्री विनोद जुत्शी ने कहा कि सभी जिलों को अपनी निर्वाचन प्रबंधन योजना के अनुसार शासकीय अमले और पुलिस बल के डिप्लॉयमेंट का निर्धारण अभी से कर लेना चाहिए। जिला निर्वाचन अधिकारी अपने जिले के पुलिस अधीक्षक से डिप्लॉयमेंट प्लान पर चर्चा कर निर्णय लें। चिन्हांकित क्रिटिकल पोलिंग बूथ पर पुलिस बल के पुख्ता इंतजाम होना चाहिए। पुलिस बल के डिप्लॉयमेंट के लिए वर्ष 2008 और 2009 में आयोग द्वारा दिये गये निर्देशों का पालन होना चाहिए। मध्यप्रदेश में निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव हो, गड़बड़ी वाले क्षेत्रों में सुरक्षा की मजबूत व्यवस्था हो। मसल पॉवर (बाहुबल) और मनी पॉवर के इस्तेमाल पर सख्ती से रोक लगाई जाये। निर्धारित समयावधि में लायसेंसधारियों से शस्त्र जमा करवाये जायें और चुनाव क्षेत्रों में शराब का वितरण कतई न होने दे।

उप चुनाव आयुक्त ने कहा कि वलनरेबल मेपिंग का कार्य सभी जिले शीघ्र पूरा करें। चुनाव की घोषणा के साथ राजनैतिक दलों के साथ बैठकें आयोजित की जाये। आदर्श आचरण संहिता का कड़ाई से पालन करवाया जाये। राजनैतिक दलों और पोलिंग एजेंट को निर्वाचन संबंधी कानून एवं नियमों की जानकारी दी जाए। सभी मतदान केन्द्रों पर मतदाताओं की सुविधा के इंतजाम किये जाये। पेयजल, बिजली, शौचालय आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करवाई जाये। फोटोयुक्त मतदाता पर्चियों (वोटर स्लिप) का वितरण समय पर करवाया जाये। लोगों को मतदान के लिए प्रेरित करने का व्यापक अभियान चलाया जाये, ताकि मतदान का प्रतिशत अधिकाधिक हो। उन्होंने डाक मतपत्र के लिए गुजरात, कर्नाटक, फार्मूला अपनाने का सुझाव भी दिया। गुजरात में हुए चुनाव में 3 लाख 30 हजार में से 2 लाख 75 हजार डाक पत्र का उपयोग हुआ था।

श्री जुत्शी ने प्रदेश के नक्सल प्रभावित जिलों में भी शांतिपूर्ण चुनाव करवाने के लिए कार्य-योजना तैयार करने को कहा। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की पूर्ति के लिए शासकीय विभागों से अमला लिया जाये। उन्होंने चुनाव प्रबंधन और विभिन्न कार्यों को लेकर मध्यप्रदेश द्वारा की गई तैयारियों और उसके प्रस्तुतिकरण की सराहना भी की।

श्री सुधीर त्रिपाठी ने 7 जून से प्रारंभ करवाये गये मतदाता सूची के संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्य की प्रगति की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि जिले अपने इलेक्शन प्लान के अनुसार कार्य करें। चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता का पूरा ध्यान रखा जाये।

श्री जयदीप गोविंद ने निर्वाचन आयोग को बताया कि प्रदेश में मतदाताओं के पंजीयन के कार्य में गति आई है। साथ ही जेंडर अनुपात भी बढ़ा है। अन्य राज्यों से ईवीएम के पहुँचने का क्रम जारी है। जिलों को ईवीएम के प्रथम चरण की जाँच करवाने के निर्देश दिये गये हैं। वलनरेबल प्लान के लिए भी जिलों को निर्देशित किया गया है। आगामी 19 जुलाई को आयकर विभाग के अधिकारियों तथा 25 जुलाई को पुलिस अधिकारियों की ट्रेनिंग होगी। निर्वाचन के दौरान कानून एवं व्यवस्था को बनाये रखने की दिशा में ठोस उपाय किये जा रहे हैं। राज्य-स्तर पर पेड न्यूज और मीडिया वर्कशाप के आयोजन के बाद अब जिलों में इसका आयोजन होगा। उन्होंने आयोग को आश्वस्त किया कि डाक मतपत्र के लिए अधिक पंजीयन की ओर विशेष ध्यान दिया जायेगा। जिलों के लिए अस्थाई कर्मचारियों के लिए 750 पद स्वीकृत करवाये गये हैं। जिले में रिटर्निंग ऑफीसर और असिस्टेंट रिटर्निंग ऑफीसर (आर.ओ. एवं ए.आर.ओ.) भी नियुकत किये गये हैं। निर्वाचन आयोग की वीडियो कान्फ्रेसिंग के बाद संभागायुक्तों और जिला कलेक्टरों के साथ चुनाव तैयारियों की समीक्षा की गई। वीडियो कान्फ्रेसिंग में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।

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