रामबिहारी पांडे, सीधी.
सीधी जिले के रामपुर नैकिन विकासखण्ड के दो गांव दहशतगर्दो के साये में सहमे रहने के बाद अब मुखर होने लगे हैं। विरोध में आदिवासियों ने आवाज उठानी शुरु कर दी है। यह अलग बात है कि वे बोल न पाने के कारण सिर में काली टोपी पहनकर काम शुरू करके निजात दिलाने की मांग कर रहे हैं।
गौरतलब है कि चुरहट विधानसभा के चंदैनिया, बूसी ग्राम पंचायते दशहदगर्दो से बेहद परेशान हैं। आदिवासी सरपंच होने के कारण उन्हे काम नही करने दिया जा रहा है। यहां तक की मारपीट कर काम में बाधा पहुंचाई जा रही है, जिसकी रिपोर्ट किये जाने पर कोई कार्रवाई नही हो रही है, जिससे मजबूर होकर आदिवासी अब आंदोलन की राह पर बढ़ चले हैं। दो सैकड़ा से ज्यादा हरिजन आदिवासी अपनो बच्चो समेत ग्राम पंचायतो के प्रमुख स्थानों पर एकत्रित होकर आंदोलन करने लगे है। बताया गया है कि दोनो ग्राम पंचायतो में गोरे काले का भेद शुरू हो गया है तो अधिकारी भी गोरों का साथ देने लगे हैं।
सामंती चलाने पर उतारु हैं दबंग
आदिवासी समाज के मुखिया गुरू प्रसाद कोल ने बताया कि चंदैनिया ग्राम पंचायत में सरहंग किस्म के लोगो ने अपनी सामंती चलाने के लिये सरपंच व उसके परिजनो के साथ 14 मार्च को मारपीट कर पंचायत द्वारा बनाये जा रहे शौचालय को ध्वस्त कर दिया था। मारपीट करने वालों ने धमकी दी है कि ग्राम पंचायत का कार्य उनके रहते कोई हरिजन आदिवासी नही कर सकता, जिसकी शिकायत चुरहट थाना के साथ हरिजन थाना में की गई। हालांकि, पुलिस ने दहशतगर्दो को शिकायत होने की जानकारी दे दी थी, जिससे दहशतगर्द आगबबूला होकर मारपीट की थी। यही हाल बूसी ग्राम पंचायत का भी सामने आया है जहां के सरपंच राजेश कोल को रामपुर नैकिन जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने अपने लिपिक सहित दो अन्य लोगो के साथ मिलकर कमरे में कैद करके फर्जी कार्यो में हस्ताक्षर करने के लिये मजबूर कर दिया। उसकी भी शिकायत स्थानीय थाने में दर्ज कराई गई थी, लेकिन कार्रवाई नही हुई तो दोनो ग्राम पंचायतो के कोल समाज ने एकत्रित होकर आंदोलन जारी कर दिया। उनके आंदोलन को सफल बनाने के लिये भाकपा लेनिनवादी के प्रदेश सचिव बद्री प्रसाद मिश्रा उर्फ गुरूप्रसाद कोल भी शामिल हो गये है। उधर चंदैनिया ग्राम पंचायत की महिला सरपंच महगी देवी कोल का कहना है कि ग्राम पंचायत में जमीदारों की तूती बोल रही है, उनके इशारे पर काम न किया जाना मुसीबत बन जाता है। बूसी ग्राम पंचायत के सरपंच राजेश कोल के अनुसार उनके ग्राम पंचायत की महिला सचिव ने दबंगों के इशारे पर फर्जी काम किया था, इन पर हस्ताक्षर करने से इंकार कर दिया तो मारपीट की गई। यही हाल हर्दिहा कोठार ग्राम पंचायत के सचिव सुरेन्द्र कुमार कारपेन्टर ने भी बताया है।
दहशतगर्दो के साये में दो ग्राम पंचायत
अप्रैल 24, 2013
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