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पुलिस के 5500 तथा संविदा शिक्षक के 12,600 पद मंजूर (मंत्रि-परिषद् के निर्णय)

बाँस विकास बोर्ड का गठन, अनुकंपा नियुक्ति के प्रावधान में संशोधन, मुख्यमंत्री आवास मिशन में मकान बनाने के लिए धन-राशि बढ़ी, मंदिर भूमि के पुजारी के पास रहने की अवधि बढ़ी


मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज सम्पन्न मंत्रि-परिषद् की बैठक में प्रदेश में कानून व्यवस्था को और मजबूत करने की दृष्टि से पुलिस बल में 5500 पद सृजित करने की मंजूरी दी गई। इनमें से 800-1000 पद को उच्च न्यायालय की सुरक्षा, विशेष किशोर पुलिस इकाई के गठन और 4 बड़े नगर में कानून एवं व्यवस्था तथा अपराध अन्वेषण पृथक्करण के लिए आरक्षित रखा गया है। सृजित पदों में से इकाईवार/पदवार वितरण करने के लिए गृह विभाग को अधिकृत किया गया है।

12 हजार 600 शिक्षक

मंत्रि-परिषद् ने वर्ष 2012-13 में उन्नत 100 हाई स्कूल तथा 300 हायर सेकेण्डरी स्कूल और वर्ष 2013-14 में उन्नत होने वाले 100 हाई स्कूल तथा 300 हायर सेकेण्डरी स्कूल में 12 हजार 600 पद की स्वीकृति का अनुमोदन दिया। इन पदों में प्राचार्य, संविदा शिक्षक वर्ग-1 एवं 2 के पद शामिल हैं। वाणिज्य संकाय के लिए शाला शिक्षक वर्ग-1 का एक पद भी उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के लिए स्वीकृत किया गया है।

बाँस शिल्प विकास बोर्ड

मंत्रि-परिषद् ने मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा सोमवार को बाँस शिल्पी पंचायत में की गई घोषणा के परिपालन में प्रदेश में बाँस शिल्पियों के विकास एवं हित-संवर्द्धन के लिए बाँस एवं बाँस शिल्प विकास बोर्ड एवं मध्यप्रदेश राज्य बाँस मिशन के गठन का निर्णय लिया। बोर्ड एवं मिशन के सुचारू संचालन के लिए आवश्यक प्राशसनिक एवं कार्यालयीन अमले की भी अनुमति दी गई। इन दोनों संस्थाओं के संचालन के लिए विभिन्न वित्तीय स्रोत से प्राप्त राशि के उपयोग की भी अनुमति दी गई।

अनुकंपा नियुक्ति

मंत्रि-परिषद् ने अनुकंपा नियुक्ति संबंधी प्रावधानों में मृत शासकीय सेवकों की संतानों के हित में उपयुक्त संशोधनों को मंजूरी दी। इस तरह के प्रावधान लागू करने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है।

निर्णय के अनुसार, सेवा में रहते हुए एक ही दुर्घटना अथवा उसके फलस्वरूप किसी शासकीय सेवक और उसके पति/पत्नी की मृत्यु हो जाने और उनका एक या एक से अधिक आश्रित सदस्य 21 वर्ष से कम आयु का होने की स्थिति में उसे 5 वर्ष तक दिवंगत शासकीय सेवक की अधिवार्षिकी आयु पर सेवानिवृत्ति दिनांक से अप्रभावित रहते हुए शासकीय सेवक को दिये जाने वाले अंतिम आहरित वेतन में से पेंशन की राशि घटाकर वेतन दिया जायेगा।

यदि शासकीय सेवक की पत्नी/पति की मृत्यु पहले ही हो चुकी हो तो शासकीय सेवक की मृत्यु होने के दिनांक से यह प्रावधान लागू होगा। प्रकरणों में आश्रित सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति की पात्रता इन नियमों के तहत बनी रहेगी, जो उसके आवेदन प्रस्तुत करने पर दी जा सकेगी। आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति अथवा अन्य रोजगार प्राप्त होने पर उपरोक्त सुविधा समाप्त हो जायेगी और नियमानुसार परिवार पेंशन की पात्रता यथावत रहेगी।

अनुकंपा नियुक्ति संबंधी यह प्रावधान राज्य शासन के अधिकारियों-कर्मचारियों के साथ-साथ अखिल भारतीय सेवाओं के मध्यप्रदेश केडर के अधिकारियों पर भी लागू होगा। यह प्रावधान एक जून 2013 से प्रभावशील होगा।

मुख्यमंत्री आवास मिशन

मंत्रि-परिषद् ने मुख्यमंत्री आवास मिशन में आवास निर्माण के लिए दी जाने वाली राशि को 75 हजार से बढ़ाकर एक लाख 20 हजार करने का निर्णय लिया। इस पुनरीक्षित लागत में 50 हजार रुपये हितग्राही को बैंक ऋण तथा 50 हजार रुपये राज्य सरकार द्वारा अनुदान के रूप में दिये जायेंगे। शेष 20 हजार रुपये हितग्राही स्वयं अपने योगदान के रूप में देगा। यह योगदान नगद, सामग्री, श्रम अथवा संयुक्त रूप में रहेगा। बैंक चाहे तो हितग्राही को उसकी पुनर्भुगतान क्षमता के आधार पर उसे 30 हजार रुपये की सीमा तक अतिरिक्त ऋण स्वीकृत कर सकेगा। लेकिन अतिरिक्त ऋण स्वीकृति में राज्य शासन का कोई हस्तक्षेप नहीं होगा।

मंदिर की जमीन

मंत्रि-परिषद् ने शासन संधारित मंदिरों की कृषि भूमियों को लीज पर न देते हुए पुजारियों के हवाले में रखने तथा आगामी आदेश तक मंदिरों से लगी कृषि भूमि स्थगित रखने के धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्री के निर्देश का कार्योत्तर अनुमोदन किया। साथ ही शासन संधारित मंदिरों से लगी हुई कृषि भूमि लीज पर न दी जाकर पुजारी के हवाले रखे जाने की अवधि 31 मई 2014 तक बढ़ाने का निर्णय लिया।

वृहद परियोजना नियंत्रण मंडल का गठन

मंत्रि-परिषद् ने जल संसाधन विभाग के अंतर्गत मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में वृहद परियोजना नियंत्रण मंडल के गठन का निर्णय लिया। इसमें वित्त, जल संसाधन, नर्मदा घाटी, कृषि विभाग के मंत्री, मुख्य सचिव, कृषि उत्पादन आयुक्त, कृषि विभाग के प्रमुख सचिव, प्रमुख सचिव वित्त, प्रमुख सचिव जल संसाधन तथा उपाध्यक्ष नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण सदस्य होंगे। प्रमुख अभियंता जल संसाधन विभाग इसके सचिव होंगे।

मंत्रि-परिषद् ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित प्रगति समीक्षा समिति, परियोजना परीक्षण समिति, साधिकार समिति, राज्य-स्तरीय जल स्रोत उपयोग समिति एवं स्टीयरिंग समिति को भंग करते हुए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में साधिकार समिति के गठन का निर्णय लिया।

समिति में कृषि उत्पादन आयुक्त, वित्त एवं योजना, नर्मदा घाटी और जल संसाधन विभागों के प्रमुख सचिव, जल संसाधन विभाग के प्रमुख अभियंता तथा परियोजना संचालक विश्व बैंक परियोजना जल संसाधन विभाग सदस्य होंगे। मुख्य अभियंता बोधी समिति के सदस्य सचिव होंगे।

साधिकार समिति को परियोजना परीक्षण समिति के समस्त अधिकार प्राप्त होंगे। यह जल संसाधन विभाग की मध्यम एवं वृहद परियोजनाओं की प्रशासकीय स्वीकृति संबंधी प्रस्तावों को परीक्षण करेगी। समिति द्वारा जल संसाधन विभाग की परियोजनाओं के लिए 50 करोड़ से अधिक और 100 करोड़ तक वित्तीय निविदाओं की स्वीकृति दी जायेगी।

अन्य निर्णय
  • मंत्रि-परिषद् ने अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक के 6 पद जून 2014 तक के लिए अस्थाई रूप से सृजन करने का निर्णय लिया। इन पदों का समायोजन वर्ष 2013 एवं 2014 के दौरान उपलब्ध होने वाली रिक्तियों के विरुद्ध किया जायेगा।
  • मंत्रि-परिषद् ने मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कम्पनी को यूनियन बैंक ऑफ इंडिया से 65 करोड़ की नगद ऋण सीमा सुविधा प्राप्त करने के लिए राज्य शासन की गारंटी देने का निर्णय लिया।
  • मंत्रि-परिषद् ने भोपाल में प्रस्तावित वन भवन निर्माण के 86 करोड़ 78 लाख रुपये की पुनरीक्षित प्रस्ताव को मंजूरी दी।
  • मंत्रि-परिषद् ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के हेण्डपम्प तकनीशियन को देय मासिक स्थाई यात्रा भत्ता की राशि 200 रुपये से बढ़ाकर 300 रुपये करने का निर्णय लिया। यह वृद्धि 2 अगस्त 2011 से स्वीकृत की गई है।
  • मंत्रि-परिषद् ने विमान संचालनालय के लिए 11 स्थाई पद को एक मार्च 2013 से आगामी 5 वर्ष के लिए निरंतर रखने की स्वीकृति दी।

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