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क्रिकेट की पिच पर फिर चली सियासत की बाउंसर

ब्यूरो, भोपाल.
भोपाल डिवीजन क्रिकेट एसोसिएशन (बीडीसीए) में अध्यक्ष पद के लिए दावेदारी जता रहे विधायक ध्रुवनारायण सिंह ने मंगलवार को कहा, हमें राजिस्ट्रार फर्मस एंड सोसायटी से वैधानिक होने की मान्यता मिली है। जवाब में आरीफ अकील ने सोसायटी का फैसला देख आगे कुछ बोलने को कहा है। दोनों विधायकों के जवाब के इतर बीडीसीए के चुनाव के लिए चेयर मैन बनाए गए अरुणदेव बाबा ने फैसले को राजनीतिक दबाव में लिए जाने का दावा कर ड़ाला। 

बीडीसीए अध्यक्ष पद को लेकर चल रहे विवाद में धु्रवनारायण गुट ने बाजी मारी
 
अकील गुट को पहले ही सिंधिया की अगुवाई वाला एमपीसीए दे चुका है मान्यता
 

विधायक ध्रुवनारायण सिंह ने मंगलवार को पत्रकार वार्ता में जानकारी दी कि रजिस्ट्रार फर्म्स एंड सोसायटी ने आरिफ अकील गुट को अवैध घोषित कर दिया है। इसके साथ ही अकील गुट के चेयरमैन पद को भी असंवैधानिक करार दिया है। उन्होंने कहा, अकील गुट को वार्षिक आम सभा (एजीएम) की मान्यता नहीं है। क्योंकि चेयरमैन को एजीएम बुलाने का अधिकार ही नहीं है। ध्रुव बोले, रजिस्ट्रार फर्म्स एंड सोसायटी ने बीडीसीए चुनाव मामले में ३० मार्च को सुनवाई की थी। इसके बाद ६ अप्रैल को सोसायटी ने ध्रुवनारायण सिंह ग्रुट को वैध करार दिया। वे बोले, हमने मध्यप्रदेश क्रिकेट संघ से अवैधानिक गुट की मान्यता निरस्त कर वैधानिक रूप से पंजीकृत गुट को ही मान्यता प्रदान करने की मांग की है। इस बारे में जब उत्तर विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक आरिफ अकील से बात की तो उन्होंने कहा, मुझे फैसले की कोई कॉपी नहीं मिली है। जब तक फैसले की कॉपी नहीं मिल जाती मैं कुछ नहीं कह सकता।

फिर से सियासत का पारा गरम
इस फैसले से बीडीसीए के अध्यक्ष पद के लिए फिर राजनीति के मैदान में जंग छिड़ गई है। गौरतलब होगा कि आरिफ गुट ने 13 फरवरी,13को और ध्रुव गुट ने 24 फरवरी,13 को चुनाव कराए थे। दोनों ने ही निर्विरोध चुनाव होने में अपनी पैनल की एकतरफा जीत का दावा किया था। इसके बाद ही दोनों गुटों में विवाद और बढ़ गया था। ऐसे में एमपीसीए के सर्वेसर्वा ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आरिफ गुट को ही मान्यता देते हुए बैठक में बुलाया था। इस पर आरिफ गुट ने अपने आप को वैधानिक करार दे दिया था, लेकिन अब रजिस्ट्रार के फैसले के बाद बाजी पलट गई है और धु्रव गुट अपने आप को वैधानिक बता रहा है।

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मुझे सोसायटी द्वारा दिए गए किसी आदेश की कोई जानकारी नहीं मिली है। आदेश मिलने के बाद ही कुछ कह पाऊंगा।
अरिफ अकील, विधायक

राजनैतिक दबाव में आकर यह निर्णय दिया गया है, वैसे मैंने आदेश नहीं पढ़ा है। रजिस्ट्रार फर्म्स एंड सोसायटी का निर्णय बिना जांच पूरी किए दिया गया है। इस मामले में नियमानुसार हम आगे अपील करेंगे।
अरुणदेव सिंह बाबा, चेयरमैन

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