ब्यूरो, भोपाल.
कांग्रेस ने राजधानी की रोहित नगर गृह निर्माण सहकारी समिति में मुख्यमंत्री शिवराज सिहं के बहन, बहनोई आदि रिश्तेदारों के नियमों को बलाए ताक रखते हुए फर्जी सदस्य बनकर प्लॉट हड़पने के लिए फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगाया है।
-रोहित हाउसिंग सोसायटी में अवैध सदस्य बनकर सीएम के रिश्तेदारों ने तान दिए आलीशान मकान
-नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल भैया ने मय सुबूतों के आरोप लगाते हुए सीबीआई से जांच कराने की मांग की
-कांग्रेस मीडिया सेल प्रभारी मानक अग्रवाल ने प्रेस ब्रीफिंग के बाद राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा
नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल भैया ने शुक्रवार को जारी बयान में इस मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से जवाब मांगते हुए पूरे प्रकरण की सीबीआई से जांच कराने की मांग की है। दूसरी ओर, इसी मामले को लेकर कांग्रेस मीडिया सेल प्रभारी मानक अग्रवाल ने पहले पत्रकारों से चर्चा की और फिर राज्यपाल को ज्ञापन सौंपते हुए जांच की मांग की है।
नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने आरोप लगाया है कि, इस रोहित गृह निर्माण सहकारी समिति में मुख्यमंत्री के परिजनों द्वारा प्लाट हड़पने का मामला सामने आया है। यह गंभीर मामला है, जिसकी जांच सीबीआई से कराई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि हाउसिंग सोसायटी पुरानी है, जिसे वास्तविक और शुरुआती सदस्यों ने प्लॉटों की रजिस्ट्रियां तक करवा ली थी, लेकिन उनको आज तक प्लॉट नहीं मिले। दूसरी ओर, शिवराज सिंह के मुख्यमंत्री बनने के बाद उनके रिश्तेदार इस सोसायटी के पिछले दरवाजे से सदस्य बन गए और उनके नाम से न सिर्फ धड़ाधड़ रजिस्ट्री हो गइं, बल्कि प्लॉट का कब्जा भी मिल गया।
इधर, प्रदेश कांग्रेस के मीडिया सेल के अध्यक्ष मानक अग्रवाल ने शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस बुलाकर इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की। उन्होंने प्लॉट लेने वाले 11 नामों का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री चौहान से रिश्तों का गणित का खुलासा किया। अग्रवाल ने दावा किया कि सोसायटी के मूल सदस्य अभी भी पैसा जमा करने के बाद प्लॉट के लिए भटक रहे हैं, लेकिन अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके जमीन हथियाकर मकान बना चुके हैं।
इस तरह से सीएम के रिश्तेदारों को मिल गए प्लॉट
रोहित गृह निर्माण सहकारी समिति का पंजीयन मार्च,1983 में हुआ था। वर्ष 2003 तक सोसायटी के 1500 सदस्य बनाए गए, जबकि 100 एकड़ जमीन पर 1459 भूखंडों की संख्या से अधिक सदस्य बनाना अपराध है। सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 72 के तहत भूखंडों की संख्या से अधिक सदस्य बनाना अवैध और अपराध है। इस कानूनी प्रावधान को दरकिनार करके मुख्यमंत्री के रिश्तेदारों को सदस्य बनाकर उनको भूखंड आवंटित कर दिए गए। इसके नतीजे में सदस्यों की संख्या 2450 तक पहुंच चुकी है। इस धांधली का खुलासा सहकारिता विभाग के आडिट वर्ष 2005 में हो चुका है, लेकिन मुख्यमंत्री के दबाव में सारे मामले को दबाए रखा गया। गौरतलब होगा कि, शिवराज सिंह चौहान वर्ष 2005 में ही पहली बार मुख्यमंत्री बने थे।
अवैध सदस्य बनकर भूखंड लेने वाले सीएम के रिश्तेदार
भूखंड पाने वाला मुख्यमंत्री से रिश्ता सदस्यता क्रमांक पंजीकृत भूखंड/वर्ष
रोहित सिंह चौहान भाई 2198 ए 2100 वर्ग फुट (2006)
रश्मि चौहान भाई की पत्नी 2199 ए 2100 वर्ग फुट (2006)
अनीता चौहान दूसरे भाई की पत्नी 1255 1500 वर्ग फुट (2009)
प्रद्युम्न चौहान भतीजा 1254 1500 वर्ग फुट (2009)
बृजेश चौहान भांजा 1253 1500 वर्ग फुट (2009)
धर्मेन्द्र सिंह चौहान भाई का दामाद 1318 1500 वर्ग फुट (2008)
सुभाष वर्मा भाई का साला 155 1500 वर्ग फुट (2008)
हरीश सिंह निजी सचिव 1692 1500 वर्ग फुट (2008)
सीमा चौहान करीबी 112 1500 वर्ग फुट (2008)
ममता चौहान करीबी 190 1500 वर्ग फुट (2008)
बलवंत चौहान करीबी 1335 1500 वर्ग फुट (2008)
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के कुनबे ने हड़पे प्लॉट
अप्रैल 05, 2013
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