शमिन्दर सिंह, शाहजहांपुर.
नाराज वकीलों ने प्रदर्शन करते साढ़े चार घंटे बनाया एसडीएम को बंधक
आज शाम तहसील सदर में न्यायिक कार्य से अदालत में गये दलित अधिवक्ता को एसडीएम सदर ने जातिसूचक शब्दों से नवाजते हुए लात घूंसों से जमकर पिटाई कर दी। इसकी खबर लगते ही क्षुब्ध वकीलों ने एसडीएम को घेर कर बंधक बना लिया और धरना प्रदर्शन कर कोतवाली में लिखित तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की है।
थाना कोतवाली में पीड़ित अधिवक्ता ने दी तहरीर में कहा है कि वे अपने एक मुवक्किल के न्यायिक कार्य से राखी मैडम के पास गये थे, उसी समय एसडीएम सदर जयनाथ यादव पहुंच गये। किसी बात पर एसडीएम सदर ने अधिवक्ता उमेश जाटव को जाति सूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए कहा कि तुम हरिजन वकीलों की क्या हिम्मत है जो वकालत करोगे, और उनके हाथ से फाइल छीनने की कोशिश की और वहां से उन्हें भाग जाने को कहा। इसी बात पर कहा-सुनी हो जाने पर एसडीएम जयनाथ यादव ने वकील उमेश कुमार की लात घूसों से पिटाई शुरू कर दी। शोर शराबा सुनकर एसडीएम के गार्ड भी वहां पहुंच गये उन्होंने ने भी एसडीएम का साथ देते हुए पिटाई शुरू कर दी। इसी बीच तहसील सदर के अन्य अधिवक्ता भी वहां पहुंच गये और मामले को समझने की कोशिश की। बात पता चलते ही तहसील सदर के वकीलों ने एसडीएम को तहसील परिसर में ही घेर कर बंधक बना लिया और धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया।
देर शाम तक एसडीएम को साढ़े चार घंटे बंधक बनाने के बाद स्थिति को बिगड़ते देख तहसील में अपर पुलिस अधीक्षक समस्त एडीएम, सीओ सिटी तहसील पहुंचे और वकीलों से वार्ता की। एसडीएम यादव ने वकीलों से सार्वजनिक रूप से मांफी मांगी और कहा अब कभी ऐसी गलती नहीं होगी। तब जाकर कहीं वकीलों का गुस्सा ठंडा हुआ। धरना प्रदर्शन में अधिवक्ता रज्जन बाबू मिश्रा, राजेश सक्सेना, संजीव मिश्रा, महेन्द्र बाजपेई, कमलेश सक्सेना, महेन्द्र श्रीवास्तव, विनोद श्रीवास्तव, आदर्श सक्सेना, कमल सक्सेना, महेश सक्सेना, दिनेश सक्सेना, राजीव दीक्षित, विष्णुकांत मिश्रा, विजय, प्रमोद मिश्रा, राजू मिश्रा, निमेष कुमार सहित सैकड़ो अधिवक्ता थे।
एसडीएम ने गार्ड सहित दलित अधिवक्ता को लात-घूसों से पीटा
अप्रैल 22, 2013
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