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मवेशी मरने पर किसान को सवा महीने का वनवास

महेन्द्र सिंह ठाकुर, सीहोर.

मवेशी मरने पर किसान को सवा महीने का वनवास
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले के एक ग्राम में दबंगों ने एक ग्रामीण को सवा महीने के लिए ग्राम से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। इस ग्रामीण को यह आरोप लगाकर सजा दी गई है कि, उसकी वजह से एक मवेशी की मौत हो गई है। वनवास की सजा के साथ ही यह चेतावनी भी दी गई है कि, यदि वह सजा का पालन नहीं करता है तो उसे समाज से बेदखल करके हुक्का पानी बंद कर दिया जाएगा।
सीहोर से लगभग 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्राम सेवनिया में एक ग्रामीण को उसके कारण मवेशी की मौत हो जाने का आरोप लगाया गया है। इस आरोप के चलते उसको जात से बंद करने और हुक्का पानी बंद करने की धमकी देकर दंबगों ने उसे सवा महीने के लिए ग्राम से बाहर निकाल दिया है। उस ग्रामीण से कहा गया है कि सवा महीने वह ग्राम से बाहर जंगल में समय व्यतीत करे, उसके बाद ही उसे ग्राम में प्रवेश दिया जाएगा।

पीड़ित किसान की जुबानी, कुप्रथा की कहानी

मवेशी मरने पर किसान को सवा महीने का वनवासग्राम सेवनिया में रहने वाले 30 वर्षीय निर्मल वर्मा ने बताया कि लगभग एक सप्ताह पहले जब वह खेत में हल चला रहा था और पानी पीने चला गया था, उस दौरान एक बैल की मौत हो गई थी। ग्राम के दबंगों को जब इस बात की जानकारी मिली तो ग्राम वालों ने उसे शुक्रवार को असहनीय दंड दे दिया। निर्मल के मुताबिक दबंगों ने उसे धमकी दी है कि, उसे बात नहीं मानने पर जात से बंद कर दिया जाएगा और उसका हुक्का पानी भी गांवभर में बंद कर दिया जाएगा इस डर के कारण निर्मल ग्राम के बाहर जंगल में एक पेड के नीचे रहने चला गया है, जहां वह अब सवा महीने तक रहेगा। निर्मल के पिता 70 वर्षीय सेवाराम ने बताया कि ग्रामीणों के डर के कारण उनका बेटा निर्मल ग्राम के बाहर रहने को मजबूर है। शुक्रवार की रात उन्होंने अपने बेटे की पीड़ा का अहसास होने पर उसे घर से बना भोजन ले जाकर दिया। सेवाराम के मुताबिक दबंगो का आदेश डर के कारण उन्हें मानना पड़ रहा है, लेकिन ऐसी कुप्रथा को जल्द से जल्द बंद किया जाना चाहिए।


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