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मौखिक तलाक के खिलाफ देशभर में अभियान का आगाज

ब्यूरो, भोपाल.

भारतीय मुस्लिम महिला आंदोलन की राज्य समन्वयक सफिया अख्तर के साथ सदफ और साजिदा आजम
सफिया अख्तर के साथ सदफ और साजिदा आजम
फोन, पोस्ट कॉर्ड, ई-मेल और एसएमएस के जरिए तलाक दिया जाना गैर इस्लामिक है। तलाकशुदा महिलाओं और उनके बच्चों को बिना किसी सहारे के छोड़ दिया जाता है। इस तरह से तलाक दिए जाने पर जल्द से जल्द रोक लगाए जाने के लिए मुस्लिम महिलाएं देशभर में अभियान शुरु कर चुकी हैं।
यह जानकारी भारतीय मुस्लिम महिला आंदोलन की राज्य समन्वयक सफिया अख्तर के साथ सदफ और साजिदा आजम ने दी। उन्होंने बताया कि, अभियान के तहत मौखिक तलाक दिए जाने पर रोक लगाने के लिए पूरे मुस्लिम समाज और उलेमाओं से मांग की जाएगी, क्योंकि यह तलाक से संबंधित कुरानिक निषेधाज्ञा का घोर उल्लंघन करता है। मुस्लिम पुरुषों की इस गैर कुरआनी प्रथाओं की वजह से महिलाएं बहुत पीड़ित हैं। सिर्फ तीन बार तलाक कह कर महिलाओं और बच्चों को बेसहारा छोड़ दिया जाता है, जिससे उनकी जिंदगी बर्बाद हो जाती है। सरकार और समाज को इस प्रथा को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने की जरुरत है।

देशभर में अभियान शुरु
मौखिक तलाक के खिलाफ देशभर में आंदोलन की शुरुआत 22 मार्च को मुंबई से हो गई है। इसके तहत ट्रिपल तलाक पर रोक लगाने और महिला शिक्षा को बढ़ावा देने और तलाकशुदा महिलाओं के बारे में विचार करने की अपील की जा रही है। इसके साथ ही स्टोरीज आॅफ ट्रिपल तलाक एंड इंडियन मुस्लिम वूमन नामक पुस्तिका भी दी जा रही है। इसमें देश के विभिन्न हिस्सों की ऐसी महिलाओं की दास्तां हैं, जिनको मौखिक तलाक देकर बच्चों के साथ बेसहारा छोड़ दिया गया है।

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