ब्यूरो, भोपाल.
खिलचीपुर (राजगढ़) से सेवानिवृत्त तहसीलदार रमेश कुमार पंथी की बेटी तृप्ती पंथी को स्थाई जाति प्रमाण पत्र नहीं मिल पा रहा है। समाधान केंद्र में आवेदन जमा करने के बाद तय की गई निर्धारित 15 दिन की समयसीमा भी 22 फरवरी को बीत चुकी है।
यह परेशानी मंगलवार को कलेक्टोरेट में जनसुनवाई में बताते हुए तृप्ती पंथी ने अपना स्थाई जाति प्रमाण पत्र दिलवाने की गुहार लगाई। तृप्ती ने बताया कि वह गीतांजलि कॉलेज में पढ़ रही हैं तथा पूरा परिवार 406 हाउसिंग बोर्ड बैरसिया रोड पर निवास कर रहा है। समाधान केंद्र में स्थाई जाति प्रमाण पत्र के लिए 20 जनवरी 13 को आवेदन किया था। आवेदन के साथ पिता सेवानिवृत्त तहसीलदार रमेश कुमार पंथी का अनुसूचित जाति (कोली) का जाति प्रमाण पत्र जो कि 11.7.1956 को केएस ठाकुर एडीएम भोपाल द्वारा बनाया गया था कि प्रमाणिक प्रति, डुप्लीकेट सर्विस की प्रति, शासन द्वारा जारी की गई पदानुक्रम सूची आदि सहित समस्त दस्तावेज लगाकर दिए थे। इसके बाद भी स्थाई जाति प्रमाण पत्र नहीं बना। जनसुनवाई कर रहे डिप्टी कलेक्टर जीएस धुर्वे व आरएस परिहार ने तत्काल एसडीएम शहरवृत्त को मामले की जांच के निर्देश दिए हैं। मंगलवार को कलेक्टर कार्यालय में आयोजित जनसुनवाई में 196 और कमिश्नरी में 6 शिकायती आवेदन प्राप्त हुए।
बेटे और बहू ने जीना हराम किया
ई-3/263 अरेरा कालोनी निवासी 80 वर्षीय वीरेंद्र कुमार वर्मा ने अपने छोटे पुत्र संजीव कुमार वर्मा व पुत्रवधु डिंपल वर्मा व उसके छोटे भाई विजय कुमार पर शारीरिक-मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। उन्होंने अपने शिकायती आवेदन में बताया कि मैं, मेरी पत्नी बसंती, नाती अनिरूद्ध गोखले, बड़ा बेटा-बहू व छोटे बेटा-बहू उनके बच्चे सभी एक साथ अरेरा कालोनी स्थित एक मंजिला मकान में रहते हैं। छोटा बेटा संजीव व बहू डिंपल आए दिन मुझे प्रताड़ित करते हैं। इस काम में बहू का भाई विजय कुमार भी सहयोग देता है। 28 फरवरी-13 को तो उसने हद ही कर दी। उसने मुझसे साफ कह दिया कि यदि मेरा हिस्सा नहीं मिला तो आपको जिंदा नहीं छोडूंगा। इसके बाद एक विज्ञापन जारी कर मैने उसे अपनी संपत्ति से बेदखल कर दिया है, फिर भी परेशान कर रहा है।
कर्ज चुकाने जमीन बेचने की इजाजत मांगी
रायपुर ग्राम निवासी संतोष कुमार ने अपने उपचार के दौरान लिए गए कर्ज को चुकाने के लिए भू-स्वामी पट्टे की भूमि के एक भाग का विक्रय किए जाने की इजाजत दिए जाने की मांग की है। संतोष ने बताया कि 15-4-2012 को एक एक्सीडेंट में उसका एक पैर खराब हो गया। इसके इलाज में काफी राशि खर्च हो गई, जोकि कर्ज लेकर की गई। यह कर्जा लगातार बढ़ता जा रहा है। इस कर्जें को भरने के लिए ग्राम ईटखेड़ी में सरकार द्वारा दी गई 4.47 हेक्टेयर कृषि भूमि के पट्टे में से 1.66 एकड़ भूमि बेचना चाहता हूं, ताकि इस कर्जे से मुक्ति मिल सके।
तहसीलदार की बेटी को ही नहीं मिला जाति प्रमाण पत्र
मार्च 05, 2013
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