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काम के बोझ के खिलाफ सड़क पर बैठे रेल कर्मचारी

भोपाल.

काम के बोझ के खिलाफ सड़क पर बैठे रेल कर्मचारी
रेलवे परिचालन विभाग पर काम का बोझ बढ़ता जा रहा है, जिससे तनाव के चलते रेल कर्मचारी बीमार पड़ रहे हैं और उनसे ड्यूटी के दौरान चूक हो रही है। इसके अलावा सुरक्षा के भी मुकम्मल इंतजाम नहीं होने से गुलाबगंज जैसी घटनाएं हो रही हैं।
यह कहना है वेस्ट सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ के मंडल अध्यक्ष राजेश पांडे का, जोकि सोमवार को भोपाल स्टेशन के बाहर मीडिया से मुखातिब थे। डब्ल्यूसीआरएमएस के आव्हान पर यहां पर रेल कर्मचारियों ने धरना देकर रेल प्रशासन के अड़ियल रवैए के खिलाफ नारेबाजी की और मांगे नहीं मानने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी। रेल कर्मचारियों की प्रमुख मांगों में स्टेशन मास्टर, वॉचमैन, गेटमैन की ड्यूटी को 12 घंटे से घटाकर 8 घंटे किया जाए, एडीशनल एएसएम मुहैया करवाना, रोड साइड स्टेशन पर सुविधाएं, स्टेशन मास्टर की प्रारंभिक भर्ती ग्रेड पे 4200 एवं 4800, यूटीएस-पीआरएस स्टेशनों पर बुकिंग क्लर्क की पदस्थापना रोस्टर में सुधार, प्रत्येक स्टेशन पर सुरक्षा के कडे इंतजाम किए जाएं।
इस मौके पर महामंत्री अशोक शर्मा, बीडी मिश्रा, शकील फारुकी, एपी शुक्ला, जेए नियाजी, आलोक श्रीवास्तव, दिनेश त्रिपाठी, बलबीर सिंह, केपी वर्मा, आरिफ अली, सुरेश पंचम, अशोक गोंविद, सुरेश श्रीवास्तव, लीलाधर, मनोज महापात्रे, शकील खान, आरके पौराणिक, एचएम सिंह, राधेश्याम कुशवाहा, अवधेश चौहान, अभिषेक गुप्ता आदि थे।

एफआईआर रद्द करने की मांग
डब्ल्यूसीआरएमएस ने गुलाबगंज कांड के बाद प्रदर्शन कर रहे रेल कर्मचारियों के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर रद्द करने की मांग की है। गौरतलब होगा कि, 26 फरवरी को हिंसक भीड़ ने गुलाबगंज स्टेशन में आग लगा दी थी, जिसमें एक रेल कर्मी की मौत हो गई थी और स्टेशन मास्टर 70 प्रतिशत जलने के बाद अस्पाल में भर्ती है। इसी के विरोध में रेल कर्मचारियों ने काम बंद कर दिया था और नारेबाजी करते हुए यात्रियों को बुकिंग काउंटर एवं स्टेशन से बाहर खदेड़ दिया था।

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