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राज्य का प्रतीक छपी नोट बुक को पार्षद ने नाली में फेका

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के गृह जिले में सालभर में पत्रकारों से दुर्व्यवहार का छठा मामला
ब्यूरो, सीहोर.



खुद को नगर पालिका का कर्मचारी बताने वाला दिनेश उपाध्याय सिहोर के वार्ड नंबर 32 में घर घर जाकर सर्वेक्षण के नाम पर लोगो को भ्रमित कर जानकारी के नाम पर लोग के घर में घुसने की कोशिश करता है ! और बेतुकी जानकारी मांगता है ! सर्वेक्षण फॉर्म पर हस्ताक्षर करने का दबाव भी डालता है !
इस बारे में जब पत्रकार आमिर खान ने सर्वेक्षण करनेवाले दिनेश उपाध्याय से जानकारी व आदेश के बारे में पूछा गया तो न तो सर्वेक्षण करने का कारण पता था और न कोई आदेश ही उसके पास था। हद तो यह है कि, सर्वेक्षण करने का उद्देश्य तक पता नहीं था।
हालांकि, एक आदेश की कॉपी दिनेश उपाध्याय ने दिखाई, जोकि नगर पालिका द्वारा व्यक्तिगत दिया गया था, जिस पर लिखा था जिस पर लिखा था अगर सर्वेक्षण 20-02-2013 तक पूरा नहीं हुआ तो वेतन काट दिया जाएगा साथ ही नौकरी से भी निकाल दिया जाएगा। आदेश में न तो यह लिखा था के आदेश किस के बारे सर्वेक्षण किया जाना है ? और न यह लिखा था के आदेश कहा के लिए है ? यह व्यक्तिगत आदेश दिनांक 18-02-2013 को जारी किया गया था जो दिनेश उपाध्याय के लिए था। गौरतलब होगा कि, जनसंख्या, गरीबी से नीचे रहने वालो का सर्वेक्षण, वोटर कार्ड, राशन कार्ड आदि का सर्वेक्षण समाप्त हो चुके है।
पार्षद ने पत्रकार से नोटबुक छीनकर नाली में फेकी
इस फर्जीबाड़े की जानकरी जब सीहोर के वार्ड-32 पार्षद आजÞम बेग को दी गयी, तो पार्षद ने फरमाया कि, यह मेरा आदेश है और यह मेरा वार्ड है। वार्ड में रहने वालो को इस पर हस्ताक्षर करना ही होंगे, तुम अपनी नोट बुक में नगर पालिका कर्मचारी का नाम नहीं लिख सकते हो। यह कहते हुए नोट छीनकर पहले तो पन्ने फाडेÞ और फिर नाली में फेक दिया। इसके साथ ही पत्रकार से भी अपशब्द कहे। इस पर आमिर खान ने आपत्ति की और राज्य प्रतीक चिन्ह छापी मध्यप्रदेश शासन की नोटबुक को नाली में फेंकने से मना किया।
मियाद गुजरने के बाद भी कैसे हो रहा है सर्वेक्षण
इस मामले में नगर पालिका में चल रही भर्राशाही खुलकर सामने आ गई है। सर्वेक्षण की मियाद 20-02-2013 है तो मार्च,13 तक किस बात का और क्यों सर्वेक्षण किया जा रहा है? क्या किसी घोटाले को अंजाम देने के लिए नगर पालिका कर्मचारी और वार्ड पार्षद कोई सर्वेक्षण करवा रहे हैं? नगर पालिका कर्मचारी शासन के आदेश मानने के बजाय पार्षदों की मनमानी को पूरा करने में जुटे हैं।
बढ़ते जा रहे हैं पत्रकारों से अभद्रता के मामले
उल्लेखनीय है कि, सीहोर जिले में पत्रकारों के साथ सरेआम अभद्रता का सालभर में यह छठा मामला है। अभी तक फोटो पत्रकार बब्बल गुरु, सुषांत समधिया, संतोष कुशवाहा, गौतम शाह आदि से बदसलूकी हो चुकी है। पत्रकारों पर गलत आरोप भी लगाए जाते है। इसी तरह सीहोर जिले की तहसील आष्टा में भी हाल ही में एक भी पत्रकार से अभद्रता की गई थी। इसको लेकर जिला पत्रकार संघ इकाई ने जिला पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन भी सौंपा था। विदिशा जिले की तहसील सिरोंज में भी एक पत्रकार से बदसलूकी के विरोध में सिरोंज पत्रकार संघ ने एक दिन का आन्दोलन कर शहर में अख़बार नहीं बटने दिए थे। इस मामले की शिकायत प्रदेश के जनसंपर्क मंत्री से भी की गई थी।

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