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आरबीआई की मंशा पैसे का पूरी तरह ई-ट्रांजेक्शन

कुल जीडीपी 13 फीसदी का होता है नकद लेन-देन
ब्यूरो, भोपाल.

देश में सकल घरेलू उत्पादन (जीडीपी) का 13 फीसदी नकद लेन-देन होता है। भारतीय रिजर्व बैंक की मंशा है कि पैसे का पूरी तरह ई-ट्रांजेक्शन हो। ई-ट्रांसफर होगा तो भ्रष्टाचार के साथ अन्य गड़बड़ियों पर भी अंकुश लगेगा।

यह विचार मंगलवार को आरबीआई के डिप्टी गवर्नर एचआर खान ने व्यक्त किए, जोकि एक दिवसीय इलेक्ट्रानिक बैंकिंग जागरूकता और प्रशिक्षण कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। उन्होंने कहा, भारत में बडेÞ निवेश की संभावनाएं ज्यादा हैं, लेकिन विदेशी निवेश कम हो रहा है। लघु, सूक्ष्म उद्योगों को इससे कोई दिक्कत वाली बात नहीं है, लेकिन जब बड़े स्तर पर निवेश नहीं होगा तो दिक्कतें बढ़ेंगी। ये बड़े व्यापार के दृष्टीकोण के हिसाब से ठीक नहीं है। इस दौरान उन्होंने विदेशी मुद्रा निवेश एवं प्रबंधन तथा ई-ट्रांजेक्शन को लेकर विस्तार पूर्वक बात की। एक निजी होटल में हुआ ये कार्यक्रम विशेषतौर पर भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के पेंशनर के लिए आयोजित किया गया था।

उल्लेखनीय है कि श्री खान ने ही कुछ दिन पहले नेशनल इलेक्ट्रानिक फंड ट्रांसफर (एनईएफटी) सेवा की शुरुआत की थी। इसके जरिए 2.5 रुपए में रुपए एक जगह से दूसरी जगह भेजे जा रहे हैं। आरबीआई ने नई पहल करते हुए बैंक पेंशनर के लिए मोबाइल बैंकिंग सेवा शुरू की है। इस दौरान पेंशनर्स को मोबाइल बैंकिंग के उपयोग आदि के बारे में भी जानकारी दी गई। वहीं सवाल जवाब भी हुए, जिनके जवाब खान के साथ अन्य अधिकारियों ने दिए।

कार्यक्रम में चीफ एक्जीक्यूटिव आॅफिसर फॉरेन एक्सचेंज डिपार्टमेंट डीजी पटवर्धन, आरबीआई के डीजीएम डीपी पांडा, आरबीआई मुंबई के जीएम आदित्य गहया, आरबीआई भोपाल के जीएम एस. चौधरी, आरबीआई मुंबई के डीजीएम पीके कार और आरबीआई से जुड़े अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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