कलेक्टोरेट में सीबीआई संयुक्त निदेशक ऋषिराज सिंह ने की जनसुनवाई
टीटीटीआई में फर्जी मॉर्कशीट वाले कर्मचारी और 70 करोड़ का घोटाला
केंद्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान, नबीबाग के निदेशक ने सरकारी जमीन को प्राइवेट दर्शाकर अनुबंध किया और करोड़ों का केंद्रीय प्रोजेक्ट लांच करवा दिया। इस प्रोजेक्ट से महिलाओं और किसानों का फायदा होने का दावा किया गया था, लेकिन अब न तो प्रोजेक्ट से जुड़ी मशीनों का ही पता है और महिलाओं की समिति भी गायब हो चुकी है।
संयुक्त निदेशक, ऋषिराज सिंह |
फर्जी मॉर्कशीट से कर रहें हैं नौकरियां
टीटीटीआई में भ्रष्टाचार की शिकायत की गई, जिसमें बताया गया कि फर्जी अंकसूचियों से सात कर्मचारी नौकरी कर रहे हैं। इन कर्मचारियों की असली मॉर्कशीटों को क्रास चेक करने के बजाय जांचकर्ता ने हर कर्मचारी से डेढ़ लाख रुपए रिश्वत लेकर दबा दिया। इसके साथ ही केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय से 70 करोड़ का अनुदान मिला था, जिसको निदेशक ने छुटपुट निर्माण और अन्य दिखावे के कामों की आड़ में फर्जी बिल बाउचर लगाकर हड़प लिया है।
बैंक आफ बड़ौदा के खातों में फर्जीवाड़ा
एक शिकायतकर्ता ने बैंक आफ बड़ौदा, ब्रांच लांबाखेड़ा में मनरेगा के खातों के करोड़ों रुपए के फर्जीवाड़ा का आरोप लगाया। मनरेगा के खाते मृतकों के साथ ही लखपतियों तक के नाम पर खोले गए हैं। कई नाम ऐसे भी हैं, जिनके बारे में गांववालों को ही पता नहीं है। हर साल फर्जी खाताधारकों के नाम पर करोड़ों को भुगतान हो जाता है। इस बारे में बैंक मैनेजर और फील्ड आॅफिसर से लेकर सरपंच और सचिव तक शामिल हैं।
राशनकॉर्ड के बदले मांग रहे पैसा
एसपी यतीश कोयल |
आवभगत से अभिभूत हुए शिकायतकर्ता
जनसुनवाई के दौरान शिकायतकर्ताओं को तब सुखद आश्चर्य हुआ, जब उनको बिस्किट के साथ चाय पेश की गई। इससे अचकचाए शिकायतकर्ताओं ने तुरंत सफाई भी दी कि, वह तो आवेदन देने आए हैं, कोई साहब नहीं है। इसके बाद सीबीआई के स्टाफ ने समझाया कि, चाय तो आपके लिए ही हैं। इसके बाद ही शिकायतकर्ताओं ने चाय का कप उठाया। इसके साथ ही हर शिकायत पर बेहद गंभीरता से सुनने के साथ ही कार्रवाई का भरोसा भी दिलाया गया।
मोबाइल नंबर, ई-मेल और पता भी दिया
सीबीआई के अधिकारियों के मोबाइल नंबर, कार्यालय के फोन नंबर और ईमेल देते हुए शिकातयकर्ताओं से कहा गया कि, भ्रष्टाचार से संबंधित शिकायत और जानकारी दे सकते हैं। इसमें यह ध्यान रखना होगा कि, शिकायतें केन्द्र सरकार के कार्यालयों उपक्रमों (बैंक, बीमा कम्पनी, एफसीआई, रेलवे, डाकधर आदि) के कर्मचारियों व अधिकारियों से संबंधित भ्रष्टाचार, घोटालों की ही हों। शिकायत व सूचनाएं लिखित अथवा मौखिक तौर पर दी जा सकती हैं और सूचनादाता का नाम पता गोपनीय भी रखा जाएगा।