नरेन्द्र राठौर, बामनिया, झाबुआ.
शासन की योजनाओं को सफल रूप से क्रियांवित करने के लिए जुटी हुई जिले की कलेक्टर के सम्मुख स्वास्थ्य विभाग द्वारा 13 फरवरी को बामनिया में तय किया गया नसबंदी शिविर अधूरे मैदानी प्रयासों के चलते नही हो सका।
गौरतलब होगा कि, 8 फरवरी को बामनिया में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर एएनएम, आंगनवाडी एवं आशा कार्यकर्ताओं की परिवार नियोजन के लक्ष्य को निश्चित समयावधि में पूरा करने की बैठक स्वंय कलेक्टर जयश्री कियावत ने ली थी। इसमें सीएमएचओ डॉ. रजनी डावर, महिला बाल विकास अधिकारी, एसडीएम विष्णु कमलकर, ब्लॉक मेडिकल आफिसर केडी मंडलोई आदि मौजूद थे। कलेक्टर ने बेहद सहजता से बामनिया में कैंप हेतु रायशुमारी करते हुए 3 केस लाने वाली आशा कार्यकर्ता को मोबाईल हेतु 1400 रूपए दिए जाने की घोषणा की थी। तब सभी ने बडे विश्वास के साथ 13 फरवरी को बामनिया कैंप आयोजित करने एवं सफल बनाने का दावा किया था, किन्तु मैदानी हकीकत 13 फरवरी को नजर आई, जब यहां कैंप के नाम पर बमुश्किल 3-4 केस आए और क्षेत्र में हो रहे विवाह आयोजनों का हवाला देते हुए कैंप रद्द कर दिया गया और जो केस आए भी थे उनको खवासा में हो रहे कैंप में भेज दिया गया।
फरमाते हैं जिम्मेदार
मैं अभी राणापुर लोक कल्याण शिविर में हूं। बामनिया शिविर को लेकर अभी कुछ जानकारी नहीं है, यदि कोई लापरवाही वाली बात है तो कार्यवाही होगी।
जयश्री कियावत, कलेक्टर, झाबुआ
नाकामी के लिए कार्यकर्ताओं ने विवाह आयोजनों को कारण बताया है, जिस कारण 3-4 केस ही आ पाए थे, जिन्हें समीप ही आयोजित हो रहे खवासा कैंप में भेज दिया गया।
केडी मंडलोई, ब्लॉक मेडिकल आफिसर,पेटलावद
अधूरी तैयारियों से बामनिया नसबंदी शिविर फ्लाप
फ़रवरी 13, 2013
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