ब्यूरो, बेमगगंज, रायसेन.
-बिफरे कर्मचारियों ने शुरु की अनिश्चितकालीन हड़ताल, तहसीलदारों ने राजस्व मंत्री को ज्ञापन सौंपते दी चेतावनी
प्रदेश के इतिहास की यह पहली घटना है, जब एक डिप्टी कलेक्टर और तहसीलदार का सरेआम गाली गलौज करते जुलूस निकाला गया। न्यायालयीन प्रकरणों की सुनवाई कर रहे एसडीएम और तहसीलदार को कार्यालय से बाहर निकाला जाकर पहले तो कार्यालय परिसर में ही बेइज्जत किया गया और फिर गाली गलौच करते हुए रेस्ट हाउस तक जुलूस निकाला गया और गालियां देते हुए धक्का मुक्की करते हुए जलील किया गया। यह शर्मनाक वाकया है रायसेन जिले के बेगमगंज सबडिवीजन का, जहां पूर्व मंत्री और हाउसिंग बोर्ड के चेयरमैन रामपाल सिंह के साथ सैकड़ों भाजपाईयों ने सब डिवीजन कार्यालय से लेकर पीडब्ल्यूडी के रेस्ट हाउस तक करीब दो घंटे तक प्रशासनिक अधिकारियों को प्रताड़ित किया। इसके विरोध में जहां कर्मचारी बेमुद्दत हड़ताल पर चले गए हैं, तो वहीं तहसीलदारों ने राजस्व मंत्री को ज्ञापन सौंपते कार्रवाई नहीं होने पर आंदोलन का अल्टीमेटम दे दिया है।
इस वाकए की शुरुआत हुई सोमवार की शाम करीब 3:30 बजे, जब पूर्व मंत्री और हाउसिंग बोर्ड चेयरमैन रामपाल सिंह के साथ सैकड़ों भाजपा कार्यकर्ता एसडीएम आफिस जा पहुंचे। इस दौरान एसडीएम लखन सिंह टेकाम और तहसीलदार वृजेंद्र रावत अपने कार्यालयीन काम काज को निपटाने में व्यस्त थे। रामपाल सिंह बाहर खडे हो गए और एसडीएम और तहसीलदार को बाहर बुलवा कर फटकारने लगे। दोनों अधिकारियों ने सफाई देने की कोशिश भी, लेकिन रामपाल और भाजपाई कुछ सुनने को तैयार ही नहीं थे। इसी दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं ने गालियों की बौछार कर दी और दोनों अधिकारियों से धक्का मुक्की शुरु हो गई। इससे बचाव के चलते एसडीएम के हाथ में पकड़ी नोट बुक दूर जा गिरी। इसके बाद रामपाल सिंह जबरन अधिकारियों को अपने साथ लेकर पीडब्ल्यूडी के रेस्ट हाउस चल दिए। नजारा यह था कि, रामपाल सिंह आगे-आगे चल रहे थे, फिर अधिकारी थे और पीछे चल रही भीड़ थी, जोकि अधिकारियों को बेहद गंदी गंदी गालियां देते हुए धक्का मुक्की कर रही थी।
आधे घंटे तक करते रहे प्रताड़ित
रेस्ट हाउस पहुंचने के बाद तो भाजपा कार्यकर्ताओं ने सारी हदें तोड़ते हुए अत्यंत भद्दी भद्दी गालियां देते हुए एसडीएम के बैठने के लिए रखी कुर्सी तक खीच ली। इस दौरान अधिकारियों को लेकर शर्मनाक टिप्पणियां भी की जाती रहीं। यहां पर रामपाल सिंह ने अधिकारियों को अनसुनी करने पर नतीजे भुगतने की चेतावनी दी। करीब आधे घंटे तक प्रताड़ना और अपमान का यह सिलसिला चलता रहा। किसी तरह से अधिकारी निकल सके और फिर थाना बेगमगंज में रामपाल सिंह सहित 200 भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ लिखित रिपोर्ट की गई।
पटवारी के खिलाफ चाहते थे कार्रवाई
इस विवाद की जड़ में कस्बा पटवारी रामेश्वर सलामे और भाजपा कार्यकर्ताओं की टसल बताई जाती है। रात को एक भाजपा कार्यकर्ता अक्षय जैन की ट्रैक्टर ट्राली को अवैध खनिज परिहवन करते हुए पकड़े जाने के बाद छोड़े जाने की दबिश ड़ाली गई थी। अनसुनी होने पर रामपाल सिंह से शिकायत की गई थी। इससे पहले शासकीय कार्य के लिए तहसीलदार ने जलील मियां की बस को अधिग्रहित किया था।
कर्मचारियों ने शुरु की हड़ताल
एसडीएम आफिस और तहसील कार्यालय के कर्मचारियों ने इस घटना के विरोध में कलेक्टर को ज्ञापन भेजने के बाद सोमवार शाम को ही हड़ताल शुरु कर दी। कर्मचारियों की मांग है कि, रामपाल सिंह सहित मलखान सिंह जाट, अक्षय जैन, बस मालिक जलील, मुन्ना टालवाला और लाल बहादुर एव अन्य को गिरफ्तार करके जेल भेजा जाए और सुरक्षा के माकूल इंतजाम किए जाए।
दहशत में हैं अधिकारी और कर्मचारी
पुलिस को सौंपी गई लिखित रिपोर्ट में एसडीएम टेकाम ने लिखा है कि, अगर बीच बचाव नहीं होता तो कोई भी अनहोनी हो सकती थी। सभी दहशत में है और सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। तहसीलदार रावत का कहना है कि, प्रशासनिक तंत्र के साथ ऐसी घटना चिंतनीय है और कार्रवाई नहीं होने और सुरक्षा नहीं मिलने पर काम करना संभव नहीं होगा।
प्रशासनिक अफसरों में बढ़ता आक्रोश
राज्य प्रशासनिक सेवा संघ के महामंत्री अशोक वर्मा ने घटना की निंदा करते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की है। वर्मा ने दो टूक कहा कि, अगर पुख्ता सुरक्षा के साथ ही आरोपियों को गिरफ्तार करके जेल नहीं भेजा जाता तो काम करना मुश्किल होगा। राजस्व प्रशासनिक सेवा संघ के उपाध्यक्ष मुकुल गुप्ता, सचिव मनीष शर्मा, चंद्रशेखर श्रीवास्तव, रमेश शर्मा, आकाश श्रीवास्तव, पदीप कौरव आदि ने राजस्व मंत्री करनसिंह वर्मा को ज्ञापन सौंपते कार्रवाई करने के साथ ही सुरक्षा की मांग की है। संघ ने कहा कि, अवैध उत्खनन और माफिया के खिलाफ कार्रवाई करने पर सरेआम अपमान और प्रताड़ना बर्दाश्त नहीं की जाएगी।