सडक मार्ग पर बनी अग्रेंजों के जमाने की पुलिया |
-जीर्णोद्धार होने पर एक दर्जन से अधिक गांव होंगे लाभान्वित
तीन दशक पूर्व तक पन्ना जिले की जिस खूबसूरत घाटी से वाहनों का आवागमन होता था, वही अब उपेक्षित पड़ी है. घने जंगलों व प्रकृति के अद्भुत नजारों के बीच से गुजरने वाली इस घाटी के मार्ग का जीर्णोद्धार न होने से आवागमन ठप्प हो गया है. नतीजे में एक दर्जन से अधिक ग्रामों के रहवासियों को जिला मुख्यालय आने के लिए 30 से 40 किमी की दूरी अधिक तय करनी पड़ती है. यदि घाटी के 7 किमी लम्बे पुराने मार्ग का जीर्णोद्धार हो जाए तो ग्रामीणों को जिला मुख्यालय आने के लिए अनावश्यक चक्कर नहीं काटना पड़ेगा.
उल्लेखनीय है कि लोक निर्माण विभाग के विलुप्त हो चुके इस अति महत्वपूर्ण सडकÞ मार्ग की ओर पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष बृजेन्द्र सिंह बुन्देला ने शासन व प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया है. पिछले तीन दशक से भी अधिक समय से उपेक्षित पड़े इस मार्ग की हकीकत से अवगत कराने के लिए बुन्देला गुरुवार को जिले के पत्रकारों को मौके पर ले गये. घने जंगलों के बीच से निकले इस सडकÞ मार्ग को देख पत्रकार भी हैरत में पड़ गए. इस मार्ग पर कुछ किमी पैदल चलने पर प्रकृति के जहां नयानाभिराम नजारे देखने को मिले, वहीं यह अहसास भी हुआ कि यदि इस मनोरम घाटी का निर्माण हो जाता है तो यह पन्ना की सबसे खूबसूरत घाटी होगी.
आदिवासी ग्रामों का हो सकेगा विकास
खजरीकुडार-बनहरी सडक मार्ग कई दशकों से बंद है, |
सडक बनने से जंगल की भी होगी सुरक्षा
उखड़ चुके मार्ग पर बिखरी पड़ी सागौन सिल्लियों की छीलन |
विकसित होंगे कई पर्यटन स्थल
सागौन वृक्ष के ठूंठ |
दस्यु गिरोहों पर भी लग सकेगी रोक
इलाके में घना जंगल व घाटियां होने के कारण यह पूरा क्षेत्र दस्यु गिरोहों के लिए सुरक्षित शरण स्थली बन जाता है. यदि घाटी व मार्ग दुरूस्त हो जाता है और इस मार्ग पर आवागमन होने लगता है तो दस्यु गिरोहों की सक्रियता पर जहां अंकुश लगेगा वहीं डकैत यहां के जंगल को अपना ठिकाना भी नहीं बना सकेंगे. इस तरह से देखा जाय तो खजरी कुडार की पुरानी घाटी का जीर्णोद्धार कराना जनहित व विकास के हित में होगा.