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पुलिस ने ही उडाई बेटी बचाओ अभियान की धज्जियां

महेन्द्र सिंह ठाकुर ‘मनकी’, सीहोर.
सीहोर जिले में बेटी बचाओ अभियान की धज्जियां कोई और नहीं, बल्कि पुलिस ही उड़ाने पर उतारु है। ताजा मामले में छेडछाड का शिकार हुई छात्रा के परिजनों पर ही झूठा प्रकरण मात्र इसलिए लाद दिया गया है, क्योंकि छेडछाड का आरोपी पुलिसकर्मी का रिश्तेदार है। इस शर्मनाक सच्चाई के सामने आने पर अब पुलिस अधिकारी जांच के बाद खात्मा करने का राग अलाप रहे हैं।

 पुलिस ने ही उडाई बेटी बचाओ अभियान की धज्जियां

-मुकद्मा कायमी में छेडछाड के आरोपी को बख्शा
-छात्रा के परिजनों पर
लाद
दिया झूठा प्रकरण

इस शर्मनाक मामले का खुलासा करते हुए गंज निवासी श्रीमति रामदेवी नरोलिया ने बताया कि उनकी पुत्री सीहोर कालेज में अध्यनरत है। वह, जब भी कालेज आती-जाती है तो डोहर मोहल्ला निवासी मनोज उसके साथ छेडछाड करता है और मोबाईल से उसकी फोटो लेता है, जिस कारण उसकी बेटी ने कालेज जाना बंद कर दिया है। कालेज की छात्रा का विवाह संबंध पिपरिया में तय हो गया था, जिसकी रस्म अदायगी 11 फरवरी को होनी थी, जिसके लिए सुंदर गार्डन बुक किया गया और आवश्यक खरीदी भी की गई। श्रीमति रामदेवी नरोलिया ने बताया कि उनके पति शासकीय विद्यालय कुक्षी में शिक्षक हैं। उनके पास लड़के पक्ष से फोन आया कि उन्हे कोरियर के माध्यम से एक पत्र और मेमोरी कार्ड मिला है, इस पत्र के कारण छात्रा का विवाह संबंध टूट गया। यह पत्र भेजने वाला मनोज ही है, जिसने छात्रा के बारे में गलत बातें लिखी थीं।
परिजन पर ही दर्ज किया मारपीट का झूठा मुकद्मा
छात्रा के पीड़ित परिजन की रिपोर्ट पर कोतवाली पुलिस ने मनोज द्वारा कि गई छेडछाड और पत्र भेजकर रिश्ता तोडवाने पर आपराधिक मामला कर लिया। इसके बाद भी पुलिस ने आरोपी मनोज को छोड दिया गया। इसके बाद मनोज का एक रिश्तेदार तो जीजा बताया जाता है, उसका नाम नीरज नरोलिया है और वह मंडी थाने में आरक्षक है। नीरज ने पुलिस में होने का नाजायज फायदा उठाते हुए अपने साले यानि मनोज की ओर से फरियादी पक्ष के रामचरण नरोलिया, रामप्रकाश और सुनील के खिलाफ मंडी थाने में झूठा प्रकरण दर्ज करवा दिया। यह तीनों छात्रा के परिजन हैं जोकि दो चाचा और एक भाई है। इस झूठे प्रकरण के पीछे की सच्चाई यह थी कि छात्रा की शिकायत जो कोतवाली पुलिस में की गई थी उसे वापस लिया जाए। झूठी शिकायत इस बात से भी प्रमााणित हो गई कि छेडछाड के आरोपी के रिश्तेदार आरक्षक नीरज नरोलिया ने छात्रा के जिन परिजनों को फंसवाया, उनमें छात्रा के चाचा रामचरण नरोलिया भी शामिल हैं। रामचरण अभी पुलिस लाईन में पदस्थ होकर दर्शाए गए घटना के समय वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री के आगमन पर वीआईपी ड्यूटी पर तैनात थे।
मुख्यमंत्री के जिले की पुलिस कटघरे में
फरवरी माह में यह दूसरा मामला है जब पुलिस ने छात्राओं से छेडखानी के मामले में गंभीर लापरवाही बरती है। इससे पहले ग्राम थूनाकलां में छात्रा पूजा मालवीय ने 1 फरवरी को कोतवाली पुलिस में छेडखानी की शिकायत दर्ज कराई थी तो पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की थी। उलटे पुलिस में की गई शिकायत की सूचना आरोपियों तक पहुंच गई और उन्होंने छात्रा पूजा को धमकाया था। इसके नतीजे में पूजा ने आत्महत्या कर ली थी, मामले में पुलिस को अपनी गलती का अहसास हुआ और दो पुलिसकर्मियो पर कार्रवाई की गई थी। अब एक बार फिर पुलिस की भूमिका छेडछाड के मामले में लापरवाह बनी हुई है। इस बार छात्रा की मां ने 12 फरवरी को पुलिस में आवेदन दिया और 13 फरवरी को मंडी पुलिस ने छेडछाड का शिकार हुई छात्रा के परिजनों के खिलाफ ही झूठा मामला दर्ज कर लिया। अब छेडछाड का आरोपी खुलेआम छात्रा के परिजनों को धमकी दे रहा है।
परिजन की सच्चाई की कोई सुनवाई नहीं
प्रधान आरक्षक रामप्रकाश नरोलिया ने बताया कि वह ढोहर मोहल्ला, गंज क्षेत्र में रहते हैं। मेरी भतीजी सीहोर कालेज में पढती है, उसका विवाह संबंध पिपरिया में तय हुआ था। सीहोर के ढोहर मोहल्ला गंज निवासी मनोज पिता बाबूलाल ढोहर ने लडके वालों के यहां एक मेमोरी कार्ड व पत्र भेजा, जिसके कारण लडके वालों ने युवती से विवाह संबंध तोड़ दिया। जबकि 11 फरवरी को युवती की सगाई रस्म होने वाली थी, जिसके लिए युवती पक्ष ने गार्डन भी तय कर लिया था। इसके बाद 11 फरवरी को युवती की मां रामदेवी ने एसडीओपी को इस मामले की शिकायत की। 13 फरवरी को कोतवाली थाना में मामला दर्ज किया गया, लेकिन 14 फरवरी को आरोपी को छोड दिया गया। इसके बाद आरोपी मनोज के बचाव में उसके जीजा जो मंडी पुलिस में आरक्षक है ने युवती के भाई सुनील नरोलिया, चाचा रामचरण नरोलिया, चाचा रामप्रकाश नरोलिया के खिलाफ मंडी थाने में मारपीट का झूठा प्रकरण दर्ज करा दिया। रामप्रकाश नरोलिया का कहना है उन पर झूठा प्रकरण इसलिए दर्ज करवाया गया है कि वह केस वापस ले। जबकि आरोपी युवक अपराधी प्रवृत्ति के है, जिन पर पहले से कई मामले दर्ज हैं।
मुख्यमंत्री की वीआईपी ड्यूटी में था
सीहोर के रक्षित निरीक्षक पंकज परमार ने बताया कि, मारपीट की घटना में प्रधान आरक्षक का नाम शामिल किया जाना गलत है। उस दिन तो प्रधान आरक्षक मुख्यमंत्री के आगमन   के चलते वीआईपी ड्यूटी पर था, जिससे रात को मोबाइल फोन पर बात भी हुई थी। इसकी पुष्टि कॉल डिटेल से की जा सकती है, जिसमें टाइम और लोकेशन दोनों का पता चल जाएगा।
अब झूठे प्रकरण में लगेगा खात्मा
इस मामले में गड़बड़ी सामने आने के बाद भी मंडी थाना प्रभारी सूर्यकांत अवस्थी का कहना है कि, मामले में पुलिस जांच कर रही है यदि झूठा प्रकरण दर्ज पाया जाएगा तो मामले में खात्मा लगा दिया जाएगा। दूसरी ओर, एसडीओपी अविनाश बंसल फरमाते हैं कि, छात्रा के साथ छेडछाड के मामले में आरोपी के  खिलाफ धारा 509 और 354 के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया गया है, वहीं छात्रा के परिजनों पर क्या मामला दर्ज हुआ है और किसने किस कारण यह दर्ज कराया है, विस्तार से जांच कराई  जाएगी। इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि किसी के साथ अन्याय न हो।

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