अजय मिश्र, मुंबई.
ठाणे के राजनीतिक दलों को बम्बई हाई कोर्ट ने खुद ही अवैध कार्यालयों को ढ़हाने का निर्देश दिया था, लेकिन इन दलों ने अनसुनी की। इसके नतीजे में शनिवार से मनपा प्रशासन ने पुलिस की मौजूदगी में अवैध कार्यलयों को गिराना शुरु कर दिया है। मनपा अतिक्रमण विरोधी दस्ते ने शनिवार के बाद सोमवार को भी तोडू कार्रवाई जारी रखी और शिवसेना के पांच और मनसे के एक कार्यालय को बुलडोजर से कड़े पुलिस बंदोबस्त के बीच ढहा दिया है। दूसरी ओर, कोर्ट के निर्देश के कारण किसी भी दल के नेताओं ने विरोध नहीं किया।
बता दें कि पिछले वर्ष महानगर पालिका के सर्वेनुसार ठाणे शहर में राजनैतिक दलों के 167 कार्यालय है। इनमें से 8 कार्यालयों को कोर्ट के निर्देश पर मनपा तोड़क दस्ते ने पहले ही ढहा दिया था, जबकि 31 कार्यालयों को सबंधित दलों के नेताओ ने खुद निकाल दिया है। बाकी बचे 77 कार्यालयों पर स्थगन आदेश लेने में पार्टी के नेता कामयाब हो गए थे। इसके नतीजे में मनपा को तोड़क कार्रवाई रोकना पड़ी थी। नेताओं का कहना है कि 22 कार्यालय वर्ष 1995 के पहले के है, जिन्हें राज्य सरकार के नए नियमनुसार सुरक्षा मिली है। ऐसे में इनको तोडा नहीं जा सकता है। इसी के चलते इन 22 कार्यालयों पर किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं की जा सकी थी।
शनिवार से शुरु हुई तोड़क कार्रवाई
हाईकोर्ट के आदेश के बाद इन कार्यालयों पर तोड़क कार्रवाई की शुरुआत मनपा अतिक्रमण दस्ते ने शनिवार से की। शनिवार को कुल नौ अवैध कार्यालयों को मनपा ने गिराया था। सोमवार को भी अतिक्रमण दस्ता मनपा आयुक्त आरए राजीव और पुलिस आयुक्त केपी रघुवंशी के मार्गदर्शन में कड़े पुलिस बंदोबस्त के बीच सुबह पौने सात बजे ही तोडू कार्रवाई करने में जुट गया। सोमवार को तोडू दस्ते ने घोडबंदर रोड स्थित आनंद नगर, पवार नगर, मनोरमा नगर, शिवाई नगर स्थित चार शिवसेना के अवैध कार्यालयों को गिरा दिया। जबकि अम्बिका नगर में शिवसेना ने खुद ही अपना कार्यालय तोड़ दिया। इसी तरह पारकर कसार वड वली में मनसे के अवैध कार्यालय पर मनपा का बुलडोजर चला है। इस प्रकार कुल 22 कार्यालयों में से 15 अवैध कार्यालयों को मनपा ने ढहा दिया है, बाकी के सात कार्यालय पर मंगलवार को तोड़क कार्रवाई की जाएगी।
शिवसेना और मनसे के छह अवैध कार्यालयों पर चला बुलडोजर
फ़रवरी 18, 2013
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