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विराट सोमयज्ञ मय हो गया सीहोर नगर

सीहोर के इतिहास में पहली बार आयोजित सोमयज्ञ की निकली ऐतिहासिक शोभायात्रा,विदेशो से आए श्रृद्धालु
महेन्द्र ठाकुर, सीहोर.
अध्यात्म की नगरी ने एक नई करवट ली और एक स्वर्णिम पृष्ठ जोड़ते हुए इतिहास में पहली बार आयोजित विराट सोमयज्ञ की ऐतिहासिक शुरूआत विशाल शोभायात्रा के रूप में हुई। 6 फरवरी से 11 फरवरी तक आयोजित होने वाले विराट सोमयज्ञ की शोभायात्रा की शोभा देखते ही बन रही थी। सजे धजे रथो में सोमकलश मनोरथी और मुख्य सहयजमान विराजे थे, वही इस यज्ञ के प्रणेता अनन्त श्री विभूषित सर्वतोमुख साग्निचित,श्री गोकुल उत्सवजी महाराज एवं डा. सर्वतोमुखी साग्निचित,सोमयाजी दीक्षित व्रजोत्सवजी महाराज पैदल-पैदल शोभायात्रा में चल रहे थे। यज्ञ के मुख्य यजमान विधायक रमेश सक्सेना एवं उनकी धर्मपत्नी श्रीमती ऊषा सक्सेना सिर पर कलश रखे चल रहे थे। मालवा के प्रसिद्ध भजन गायक हरिकिशन साबू उर्फ भोपू गाते हुए शामिल थे। खजांची लाईन स्थित श्रीजी के मंदिर से शुरू हुई शोभायात्रा बीएसआई मैदान में यज्ञ के लिये बसाये गये वल्लभाचार्य नगर पर समाप्त हुई।

देखते ही बन रहा है वल्लभाचार्य नगर
सीहोर के इतिहास में पहली बार आयोजित सोमयज्ञ की निकली ऐतिहासिक शोभायात्रा,विदेशो से आए श्रृद्धालु
विराट सोम यज्ञ के संयोजक विनोद मंत्री ने बताया कि आजादी के बाद नगर के अध्यामिक इतिहास में पहली बार आयोजित हो रहा विराट सोमयज्ञ नगर के उत्तरी छोर पर स्थित बीएसआइ खेल मैदान पर बनाये गये वल्लभाचार्य नगर में आयोजित हो रहा है। इसकी सजावट देखते ही बन रही है। वैदिक रीति से एक मुख्य यज्ञ स्थल तथा उप यज्ञ स्थल पर 12 वैदिक कुण्ड बनाये गये है इन पर 28 यजमान एक साथ श्री गोपाल यज्ञ एवं श्री गोपाल सहस्त्र नाम यज्ञ कर सकेगें। बाहर से आये वैष्णवो के लिये एक भोजन शाला निर्मित की गई है, साथ ही सम्पूर्ण यज्ञ के नियत्रंण के लिये एक मुख्य कार्यालय बनाया गया है। यज्ञ स्थल पर ही बने सभा मण्डप में हर रोज रात्री में महाराज श्री के प्रवचन आयोजित होगें। पहले दिन वामन अवतार की कथा सुनाई गई।

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