रामपुर नैकिन जनपद के भरतपुर वार्ड के गांवो में अज्ञात बीमारी फैल गई है, जिसके कारण क्षेत्र की एक चौथाई जनता विकलांग हो गई है। इस बात का खुलासा स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी किये गये विकलांगता प्रमाण पत्र एवं सामाजिक न्याय विभाग द्वारा स्वीकृत पेंशन से हो रहा है।
ज्ञात हो कि शासन ने विकलांगो की दशा सुधारने के लिये पेंशन देने की शुरूआत कर दी है, जिसे लेकर भरतपुर जनपद बार्ड के कपुरी, अमिलई, भैसरहा ग्राम पंचायत में कोई बीमारी फैल गई है। इस बीमारी के प्रकोप से ज्यादातर नागरिक विकलांग होते जा रहे है। आंकड़ों पर नजर दौड़ाई जाए तो 16 सौ की मतदातावाली ग्राम पंचायत अमिलई में तीन सौ से ज्यादा नागरिक विकलांग हो चुके हैं, जबकि एक हजार से कम की मतदातावाली ग्राम पंचायत कपुरी कोठार में 250 मतदाता विकलांग हो गये है। इससे तो यह लगता है कि, दोनों ग्राम पंचायतो में कोई बीमारी फैल गई है, जिसका निदान नहीं हो पा रहा है। विकलांगता के शिकार होने वालों में बच्चें एवं महिलाऐं भी शामिल है। अज्ञात बीमारी से अमिलई एवं कपुरी कोठार के ही रहवासी प्रभावित नहीं हो रहे हैं, बल्कि इसका असर भरतपुर, खारा, भैसरहा एवं आस पास के गावों में भी तेजी से हो रहा है।
दूसरी ओर, विकलांगों की बढ़ती तादाद को देखते हुए शासन ने जांच शुरू करवा दी है, लेकिन सवाल उठा है कि जब स्वास्थ्य विभाग ने विकलांगता प्रमाण पत्र जारी कर दिया है, तब इनकी पहचान आम लोगो में प्रशासनिक अमला कैसे करेगा। देखना है कि शासन की योजनाओं में बट्टा लगाने वालो को कब तक में बेनकाब किया जा सकता है।
अमिलई में 171 है विकलांग
अज्ञात बीमारी ने जिन लोगो को विकलांग बना दिया है उनमें अमिलई ग्राम पंचायत से प्रशांत पिता नागेन्द्र चतुर्वेदी, गायात्री द्विवेद्वी पति इन्द्रमणि द्विवेदी, अंजनी मिश्रा पिता राघवेन्द्र मिश्रा, मुनेन्द्र मिश्रा पिता राघवेन्द्र मिश्रा, संध्या मिश्रा पिता वंशमणि मिश्रा, शशि बैस पति राजकुमार बैस, शीला तिवारी पति रामाश्रय तिवारी, अमोल चंन्द्र पिता बाबूलाल प्रजापति, राजेन्द्र तिवारी पिता जगदीश तिवारी, कृष्णादेवी पति चन्द्रशेखर शुक्ला, धर्मेन्द्र चतुर्वेदी पिता मोहनलाल, कलावती चतुर्वेदी पति हरिनारायण चतुर्वेदी, ममता मिश्रा पति अरूण मिश्रा, पंचम कोल पिता चैता कोल, रामसुन्दर मिश्रा पिता रामप्रताप मिश्रा, अरूणा पिता ठाकुरदीन, सियादुलारी मिश्रा पति गोविन्द्र मिश्रा, मद्यु कोल पिता डूहराई कोल, रामलखन प्रजापति पिता सुखइेव प्रजापति मोलई कोल पिता मुण्डा कोल, छोटेलाल कोल पिता छुरहा कोल, सूर्यवती मिश्रा पति जगदीस मिश्रा, सविता शुक्ला पति कमलेश शुक्ला, कामता मिश्रा पिता केदार नाथ, योगवल तिवारी पिता बाल्मीक, लालमणि तिवारी पिता रामप्रताप तिवारी, सियावती तिवारी पति रामसियां, शीला तिवारी पति लालमणि तिवारी, रामप्यारी मिश्रा पति रामवतार मिश्रा, रामदीन कोल पिता रामसुन्दर, राजकुमार तिवारी पिता रामचरण, पुरूसोत्तम तिवारी पिता देवराज, माया कोल पति बृजलाल कोल, प्रवल त्रिपाठी पिता राजेन्द्र त्रिपाठी, बृजनंदन कोल पिता उूहराई, लालमन कोल पिता मंगल कोल, सरास्वती तिवाीर पति राजेन्द्र तिवारी, बन्दना पाण्उेय पति इन्द्रभूषण, राजकुमारी पाण्उेय पति त्रिभुवन, गयात्री पाण्उेय पति इन्द्रजीत पाण्डेय, वेवी पाण्डेय पति राजमणि पाण्डेय, अधवलाल त्रिपाठी पिता अंजनी, दमोदर साकेत पिता राजगरीब, रामकिशोर कोल पिता समयलाल, दिनेश कोल पिता लालमणि, बृन्दावन पिता रामखेलावन कोल, माया बैस पति अजय बैस, रामगोपाल शुक्ला पिता कुजंविहारी, अंकुल पिता कमलेश्वर मिश्रा, मोलई पिता देवमन कोल, उर्मिला विश्वकर्मा पति रामसेवक, गणेश कोल पिता छोटेलाल कोल, रामसजीवन मिश्रा पिता शिवसहाय मिश्रा,रमेश पिता रामदयाल मिश्रा,शिवेन्द्र पिता व्यंकटेश्वर आदि करीब 171 व्यक्ति विकलांग है।
कपुरी ग्रामपंचायत भी अछूती नही
अज्ञात बीमारी अमिलई से फैली है, जो थमने का नाम नही ले रही। इसके प्रभाव से बीते दो वर्षो में कपुरी कोठार में विकलांग तेजी से बढ़े हैं। इनमें रीना द्विवेदी, रमाकांत द्विवेद्वी, आरती सुदामा तिवारी, दीपा/ प्रमोद शुक्ला, किरण/ समयलाल गुप्ता,राजेष /राममिलन पाण्डेय सुशीला/ रामलखन पाण्डेय,किरण/ प्रकाश चन्द्र गुप्ता, अरूणा/ राममुनेन्द्र शुक्ला, मानस/ जगदम्बा शुक्ला, रमेश /जगदीस गौतम, लालमणि /रामाधार पाण्डेय, विन्नू /गिरधारी गुप्ता ,सुशीला / श्रीनिवास शुक्ला, सविता/बंसत द्विवेदी, सरोज/रामसुशील द्विवेदी, प्रेमवती/सुधाकर गौतम , विवेक/राजेश गौतम, देवकी/ देवेन्द्र शुक्ला ,रोहणी/ आगमान्द शुक्ला ,लोकनाथ/छोटेलाल,शुक्ला गायात्री /कौशलेन्द्र तिवारी ,सुशीला/रामयस पाण्डेय, अम्बुज /राममणि शुक्ला ,नम्रता/इन्द्रमणि शुक्ला, शान्ती/मुनेन्द्र तिवारी ,सुरेशमणि/ मनमोहन शुक्ला, साक्षी/ भूपेन्द्र द्विवेद्वी, उमा/ द्वारिका तिवारी अन्जू / आशीष तिवारी, फु लमती / रामनरेश पाण्डेय ,श्यामवती /रामनरेश पाण्डेय सीतावाई / रामनिहोर पाण्डेय ,शुभम् / द्वारिका ,सरोज / विमल मिश्रा ,वर्षा / कौशलेन्द्र तिवारी ,सुधा/शेषमणि शुक्ला ,रिसी /अशोक शुक्ला ,सरोज /राजेश्वर शुक्ला, रामलोचन/शरमन तिवारी, सुधा / महेन्द्र शुक्ला, राखी / प्रभात द्विवेदी, राजेश / जर्नादन गौतम आदि 163 व्यक्ति विकलांग है।
हर महीने 150 रुपए की पेंशन
किस बीमारी की वजह से इतने ज्यादा ग्रामीण बीमार हो रहे है, इसकी सुध प्रशासन ने नहीं ली है। हालांकि, विकलांगों की मदद के लिए जनपद पंचायत द्वारा इनको 150 रूपये पेंशन हर महीने जरूर दे रही है, किन्तु मात्र पेंशन से इनका गुजारा कैसे हो रहा है, इस पर भी ध्यान देने की जरूरत नहीं समझी गई। सूत्रों का कहना है कि, अगर जिला चिकित्सालय एक जांच टीम गठित कर विकलांग व्यक्तियों को मिलने वाली सामाजिक सुरक्षा पेंशन की सूची लेंकर जांच करे तो पता तो चले कि कौन व्यक्ति कितने प्रतिशत विकलांग है और किस कारण से है? अगर इसी तरीके से दिन प्रतिदिन विकलांगों की तादात बढ़ती रही तो एक दिन पूरा गांव विकलांग हो जायेगा।
तेजी से बढ़ रही बीमारी सो रहा प्रशासन
अमिलई निवासी बलराम पाण्डेय ने बताया कि हमारे गांव में भी अज्ञात बीमारी से विकलांग व्यक्तियों की संख्या 250 सौ से पार हो गई है उक्त बीमारी से विकलांग होने का असर इतना फैल रहा है कि आस पास के भरतपुर, भैसरहा, खारा, खरहना के व्यक्ति भी विकलांग हो रहें है। प्रशासन इसका पता लगाये कि आखिर किस बीमारी के कारण यहां के लोग विकलांग हो गये है।
एक परिवार के चार-चार व्यक्ति है विकलांग
ग्राम पंचायत कपुरी कोठार अन्तर्गत ग्राम बरहट निवासी भूपेन्द्र कुमार द्विवेदी ने बताया कि अज्ञात बीमारी से हमारे गांव के एक ही परिवार के चार-चार व्यक्ति विकलांग हो गये है और उन्हें मात्र सामजिक सुरक्षा पेंशन मिल रही है। प्रशासन ऐसे परिवार की मदद करें और विकलांगता की इस बीमारी को दूर करने का प्रयास करें, क्योंकि सीधी जिले में ऐसा कोई गांव नही होगा जहां 171 व्यक्ति विकलांग हो।
बीमारी से निजात दिलाने हो पहल
अजयकपुरी पवाई निवासी अजय कुमार द्विवेदी ने जिला प्रशासन से ग्राम पंचायत कपुरी कोठार में अज्ञात बीमारी का स्थाई हल निकालने की मांग करते हुऐ बताया कि पंचायत के 25 प्रतिशत व्यक्ति विकलांग हो गये है, अगर इस पर ध्यान न दिया गया तो आने वाले समय में में स्थिति और गम्भीर हो सकती है। इस कारण प्रशासन को इसका स्थाई हल निकालना पड़ेगा, ताकि बीमारी आगे न बढ़ सकें।
पेंशन से नही होता गुजारा
अज्ञात बीमारी की चपेट मे आये लोगों को मात्र पेंशन के सहारे छोड़ देना उचित नही है। ग्राम कपुरी कोठार निवासी प्रभात कुमार द्विवेद्वी ने अपने गावं के अज्ञात बीमारी से शिकार विकलांग व्यक्तियों की प्रशासन द्वारा आर्थिक मदद बढ़ाने की मांग की है, ताकि उनके परिवार का भारण पोषण हो सके। सिर्फ 150 रूपये की जनपद पंचायत रामपुर नैकिन से मिलने वाली सामाजिक सुरक्षा पेंशन पर्याप्त नही है।
कमेटी गठित कर करायेंगे जांच- सीईओ
ग्राम पंचायतो में फैल रही विकलांगता की बीमारी के संबंध में जब जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ज्ञानेन्द्र कुमार मिश्रा से बात की गई तो उन्होने कहा कि मामले की जानकारी मिली है जिसके लिये टीम गठित की जा रही है इन गांवो में टीम जाकर विकलांगो का परीक्षण कर प्रशासनिक उपचार करेगी।
कैम्प लगाकर करायेगें परीक्षण
विकलांगता की बीमारी के संबंध मे जब जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी राधेश्याम अवस्थी से बात की गई तो उन्होने कहाकि प्रशासन ग्राम पंचायतो मे कैम्प लगाकर परीक्षण कराता रहता है, जिस तरह से बीमारी पैर फैला रही है, उसका शीघ्र परीक्षण करा कर कलेक्टर के निर्देशन पर फिर शिविर लगा कर मदद कराई जायेगी।