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भीड़ ने जिंदा जलाया रेल कर्मचारियों को

ब्यूरो, भोपाल.

भीड़ ने जिंदा जलाया रेल कर्मचारियों को
गुलाबगंज रेलवे स्टेशन पर ट्रेन की चपेट में आने से दो बच्चों की मौत के 
बाद भड़की हिंसा
 
बेकाबू भीड़ ने डिप्टी एसएस और पीडब्ल्यूएस को आफिस में बंद कर किया 

आग के हवाले 

विदिशा-बीना सेक्शन के बीच गुलाबगंज स्टेशन पर ट्रेन से दो बच्चों के कटने के बाद एक लोमहर्षक घटना में हिंसक भीड़ ने स्टेशन मास्टर और प्वाइंटस मैन को जिंदा आग के हवाले कर दिया। इनमें से दो रेल कर्मचारियों की मौत हो गई, जबकि स्टेशन मास्टर को गंभीर हालत भोपाल के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस दौरान बचाने की कोशिश में एक तहसीलदार भी झुृलस गया। इससे बिफरे रेल कर्मचारियों ने काम बंद कर प्रदर्शन शुरु कर दिया। नतीजे में रिजर्वेशन, बुकिंग, पूछताछ, पॉर्सल का काम ठप हो गया। इससे शताब्दी सहित डाउन ट्रैक की टेÑने दो से चार घंटे तक की देरी से भोपाल स्टेशन पहुंच सकी।

भीड़ ने जिंदा जलाया रेल कर्मचारियों को
दरअसल, सुबह एक परिवार भोपाल आने के लिए टिकट लेने के बाद गुलाबगंज स्टेशन दूसरे प्लेटफार्म तक पहुंचने के लिए पटरी पार कर रहा था। इसी दौरान सेंट्रल लाइन पर थू्र टेÑन (बिना स्टेशन पर रुके गुजरने वाली एक्सप्रेस टेÑन) संपर्क क्रांति एक्सप्रेस आ गई, जिसकी चपेट में दो बच्चे आ गए। इन बच्चों की तत्काल मौत हो गई। इसके बाद आस पास के लोग इकट्ठा होने लगे। घटना से उत्तेजित भीड़ ने स्टेशन पर पथराव शुरु कर दिया और रेलवे स्टाफ से मारपीट की। इससे घबराकर रेल कर्मचाारी जान बचाकर भागे, भीड़ ने भी पथराव करते और मारो, जला दो का शोर मचाते स्टेशन को घेर लिया। इस बीच डिप्टी स्टेशन मास्टर संकेत बंसल ने कार्यालय के अंदर से जीआरपी और अगल-बगल के स्टेशनों को बच्चों के थ्रू टेÑन से कटने और हालात के बारे में 10:00 बजे सूचित किया। हिंसक भीड़ ने तोडफोड करते हुए गुलाबगंज स्टेशन भवन सहित मास्टर संकेत बंसल (40 वर्ष) के कक्ष में कैरोसीन डालकर आग लगा दी। भीड़ ने कार्यालय का दरवाजा बंद कर दिया था। इससे पीडब्ल्यूएस भगवान दास के 100 प्रतिशत जलने से मौत हो गई।
70 प्रतिशत झुलसे एसएम
आग की चपेट में आने से एसएम 70 प्रतिशत झुलस गए, जिनको गंभीर हालत में पहले विदिशा लाया गया, लेकिन हालत बिगड़ने पर भोपाल के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं, आगजनी की सूचना पाकर मौके पर पहुंचे स्थानीय तहसीलदार हरीशंकर विश्वकर्मा भी बचाने की कोशिश में झुलस गए, जिनको विदिशा के जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है।
जाम हो गया रेल नेटवर्क 
भीड़ ने जिंदा जलाया रेल कर्मचारियों को
आग के कारण गुलाबगंज स्टेशन स्थित भवन और शेड बर्बाद हो गया है। इससे कंट्रोल पैनल भी जल गया है, जिससे रेल नेटवर्क जाम हो गया। इससे दिल्ली से भोपाल आने वाली टेÑनों को सिग्नल मिलने में परेशानी आने लगी। इसके साथ ही रेलवे के टेलीफोन केबल भी आग के कारण जल गई, जिससे हालात का पता करना मुश्किल हो गया। ऐसे में बीना से रेलवे स्टाफ बुलाया गया, जिसने तेजी से काम किया और टेÑनों को दोपहर बाद करीब ढाई बजे से निकालने की शुरुआत हो सकी।
अशोका गार्डन के थे बच्चे
संपर्क क्रांति की चपेट में आने वाले बच्चे ग्राम मुंगवारा निवासी श्रीमती चांदनी पति जमील के दो बच्चे क्रमश: अनम आयु 12 साल और अली आयु 3 वर्ष है। यह परिवार गुलाबगंज से भोपाल के अशोका गार्डन आने के लिए सुबह स्टेशन पहुंचा था और टिकट लेने के बाद यात्री पुल नहीं होने के कारण पटरियां क्रास करके दूसरी ओर के प्लेटफार्म पर जा रहे थे, कि हादसा हो गया।
रेल कर्मचारियों ने बंद किया काम
भीड़ ने जिंदा जलाया रेल कर्मचारियों को
 हादसे की सूचना मिलते ही रेल कर्मचारियों ने काम बंद कर दिया और कार्यालयों के बाहर निकल आए। पश्चिम मध्य रेल मजदूर संघ के मंडल अध्यक्ष राजेश पांडे की अगुवाई में नारेबाजी करते रेल कर्मचारियों ने यात्रियों को भी स्टेशन से बाहर खदेड़ दिया। इसके साथ ही टिकट बुकिंग, रिजर्वेशन में भी काम बंद करवाया गया। इसके बाद शाम को शताब्दी एक्सप्रेस के रवाना होते वक्त इंजन के सामने धरना दे दिया। किसी तरह स्टेशन प्रबंधक आनंद सिंह यादव सहित कई अधिकारियों के समझाने के बाद ही हटे। पश्चिम मध्य रेल एंप्लाइज यूनियन के मंडल अध्यक्ष राजेश तिवारी, उपाध्यक्ष हेलेन माइकल, सचिव फिलिप ओमन की अगुवाई में कर्मचारियों ने पूरे स्टेशन का चक्कर काटा और नारेबाजी करते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाने की मांग की।
पुरानी है एफओबी की मांग
गुलाबगंज स्टेशन पर यात्रियों को एक से दूसरे प्लेटफार्म तक जाने के लिए पटरियों को पार करना पड़ता है। ऐसे में बीते कई सालों से फुट ओवर ब्रिज बनाने की मांग चली आ रही है। इसके लिए धरना देकर कई बार ज्ञापन भी सौंपे जा चुके है। इसके बाद भी मांग की अनसुनी होने से क्षेत्रीय जनता में आक्रोश है, जिसके चलते दो बच्चों की मौत होते ही जनता भड़क गई। 

मनीषशंकर शर्मा, पुलिस महानिरीक्षक, रेल से सीधी बात
-घटना की असली वजह क्या थी?
-पटरी पार कर रहे परिवार के दो बच्चों की मौत संपर्क क्रांति की चपेट में आने से हो गई। इसके बाद उत्तेजित भीड़ ने एसएम और एक अन्य कर्मचारी को कार्यालय के अंदर करके आग लगा दी। इससे एक कर्मचारी की मौत हो गई।
-आगजनी और पथराव पर क्या कार्रवाई की गई?
-रेलवे संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, आग लगाने, बलवा करने के साथ ही हत्या करने के आरोप में 16 व्यक्तियों को नामजद आरोपी बनाया गया है। इनमें से 11 आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया गया है। बाकी आरोपियों की गिरपतारी के लिए जिला पुलिस के साथ जीआरपी की टीमे बनाई गई हैं। बाकी आरोपी भी चौबीस घंटे के अंदर ही गिरफ्तार कर लिए जाएंगे।

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