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प्लॉट का कब्जा पाने के लिए सालभर से भटक रही हैं मां-बेटी

भोपाल.

प्लॉट का कब्जा पाने के लिए सालभर से भटक रही हैं मां-बेटी
-डीजीपी से लेकर एसडीएम तक ने दिए आदेश, फिर भी दर्ज नहीं हो सकी एफआईआर
-डीजीपी और कलेक्टर की जांच में साबित हो चुका है फर्जीवाड़ा
-फर्जी समझौता की आड़ में पहले पुलिस ने लगा दिया था खात्मा

 
प्लॉट के बदले सैकड़ों से लाखों रुपए ऐंठने वाले भूमाफिया के खिलाफ कार्रवाई करने बजाय टाल मटोल जारी है। आलम यह है कि, पुलिस महानिदेशक से लेकर कलेक्टर तक की करवाई गई जांच में फर्जीवाड़ा साबित होने के बाद ही एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए गए थे। बावजूद सालभर बाद भी भूमाफिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के बजाय फरियादियों को ही आज-कल में कार्रवाई करने का भरोसा दिलाकर टरकाया जा रहा है।
प्लॉट का कब्जा पाने के लिए सालभर से भटक रही हैं मां-बेटी
सीआरपी फाटक रोड, बैरागढ़ की झुग्गी बस्ती निवासी अजीजा बी को दस साल पहले अजीज मियां, निवासी छोला करीबबख्श कालोनी, वार्ड-14 ने दो प्लॉट बेचे थे। इन प्लॉाटों का कब्जा पाने के लिए अजीजा बी और उनकी बेटी सलमा कलेक्टोरेट और एसएसपी आॅफिस से लेकर पुलिस महानिदेशक के चक्कर काट रहे हैं। इस दौरान पुलिस ने जांच में जमीन बेचने वालों की ओर से पेश समझौता पत्र को सही मानते हुए मामले को नस्तीबद्ध कर दिया, जबकि अजीजा बी का साफ कहना है कि, कभी कोई समझौता हुआ ही नहीं। उनके फर्जी अंगूठा निशानी का इस्तेमाल किया गया।

बेच दिए गए सैकड़ों प्लॉट
कल्याण नगर, भानपुर में करीब दस साल पहले सैकड़ों प्लॉट काटकर बेच दिए गए। इनमें से कईयों की रजिस्ट्री भी करवाई गई। प्लॉट खरीदने वालों में ज्यादातर गरीब मजदूर मुसलमान थे, जिनमें से एक अजीजा बी पत्नी मोहम्मद इब्राहिम, निवासी सीआरपी फाटक रोड, झुग्गीबस्ती, बैरागढ़ भी है। इन्होंने 14200 रुपए देकर खसरा क्रमांक 76, 77, 56, 57 और 58 का अंशभाग ग्राम भानपुर, कल्याण नगर में प्लॉट नंबर 1101 एवं 1102 खरीदे थे। अधिकतर लोगों को इन प्लॉटों का कब्जा नहीं दिया गया, बल्कि बाद में देने का भरोसा दिलाया गया।

शिकायत दर शिकायत, कार्रवाई शून्य
अजीजा बी के प्लॉटों का कब्जा मांगा तो उल्टे धमकाया गया और भगा दिया गया। इसके बाद कलेक्टर की जनसुनवाई में 27 मार्च,12 को शिकायत की गई, जिस पर एसएसपी को जांच करके कार्रवाई के निर्देश दिए गए। इसके बाद कुछ नहीं हुआ तो 17 अप्रैल,12 को फिर से कलेक्टर और एसएसपी को आवेदन सौंपा गया। इस पर सीएसपी गौतमनगर को जांच करके 1 मई,12 तक कार्रवाई के लिए कहा गया, लेकिन हुआ कुछ नहीं। गौतलब होगा कि, एसडीएम एएस पवार ने राजस्व निरीक्षक से जांच करवाई थी, जिसमें फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद नोटिस जारी किए गए। इसके बाद नवंबर,12 में एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए गए थे, लेकिन भूमाफिया के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो सकी है।

डीजीपी के निर्देश भी अनसुने
परेशान होकर अजीजा बी ने पुलिस महानिदेशक की जनसुनवाई में आवेदन लगाया। इस पर एसएसपी को कार्रवाई के निर्देश दिए गए, लेकिन साल बीतने के बाद भी एफआईआर दर्ज नहीं हो सकी है। हालांकि, अब होता यह है कि, हर मंगलवार को पुलिस अधिकारियों के फोन जरुर पहुंच जाते हैं कि, ताकि मां बेटी को डीजीपी के सामने पेश होने से रोका जा सके। पुलिस अफसर हर बार कुछ दिनों बाद एफआईआर का भरोसा दिलाते हैं, लेकिन कार्रवाई नहीं होती।





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