Type Here to Get Search Results !

अपने स्कूली जीवन से ही हास्य को अपना लिया था राजा ने

ब्यूरो, शाहजहांपुर.
अपने स्कूली जीवन से ही हास्य को अपना लिया था राजा ने
स्व. राजकुमार को अपना गुरू मानने वाले राजा ने अपने स्कूली जीवन से ही हास्य प्रधानता भरी थी। स्कूल में टीचरों एवं विभिन्न अभिनेताओं की नकल उतार कर अपने साथियों को हसां हसां कर लोटपोट कर देने वाले अपने साथी रैंचो के साथ शाहजहांपुर महोत्सव में आये तो उनसे संक्षिप्त बातचीत हुई।
इस मुलाकात के दौरान उन्होंने बताया कि वे भारत ही नहीं अमेरिका, स्वीटजरलैण्ड, टोक्यों जैसे देशों में प्रदर्शन कर चुके हैं। उन्होंने बताया आज के आपाधापी के दौर में जब आदमी के पास हंसने तक का समय नहीं है, तमाम उलझनों के चलते आम आदमी हंसना भूल चुका है, ऐसे में उनके माध्यम से यदि लोगों की थोड़ी सी भी हंसी निकल आती है, यह उनका सौभाग्य है।
बंदर को अपना साथी बनाने के सवाल पर उन्होंने बताया कि अकेले हास्य के विभिन्न रूप करने के बाद भी जब मजा नहीं आया तो बन्दर के माध्यम से करने लगे व्यंग्य।
उन्होंने बताया कि वह कई फिल्मों में भी काम कर रहे हैं। एक सवाल के जबाब में उन्होंने बताया कि पुरानी फिल्मों में पहले कामेडियन का एक अलग स्थान हुआ करता था, मगर आज की दौर की फिल्मो में हीरो ही कोमेडियन का रोल कर लेते हैं। यह हमारे लिये एक कठिन दौर है। हमें हास्य का विस्तार करना होगा। उन्होंने शाहजहांपुर के शहीदों को नमन भी किया और कहा कि मेरा सौभाग्य है कि आज मैं उस भूमि पर पैर रख सका जिसने एक नहीं तीन - तीन शहीदों को जन्म दिया।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.