ब्यूरो, भोपाल.
विद्युत विभाग में बाबू अर्जुनदास लालवानी के यहां लोकायुक्त पुलिस ने छापामार कार्रवाई करते हुए 40 करोड़ से अधिक की काली कमाई उजागर की है। मंगलवार तड़के से देर शाम तक चली कार्रवाई में जांच एजेंसी ने बाबू के बैरागढ़ स्थित मकान से दो दर्जन से अधिक बैंक खाते, लाखों रुपए की एफडी सहित कृषि भूमि, दुकान-मकान और फ्लेट-प्लाट के दस्तावेज जब्ती में लिए हैं।
एजेंसी के एक अधिकारी ने बताया, यह सब केवल प्रारंभिक पड़ताल में सामने आया। जब्ती में लिए गए दस्तावेजों के परीक्षण के बाद कई अन्य संपत्तियों का खुलासा भी हो सकता है। टीम जब यहां पहुंची तो भव्य मकान को देख हतप्रभत रह गई। आलीशान मकान में रहने वाले मध्यप्रदेश मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के गोविंदपुरा स्थित सेंट्रल जोन कार्यालय में वर्षों से पदस्थ हैं। जानकारी के हिसाब से शासकीय सेवा में रहते हुए अर्जुनदास ने भ्रष्टाचार कर करोड़ों रुपए की संपत्ति जुटाई है। इस बारे में बीते कुछ दिनों से लोकायुक्त को लगातार शिकायतें मिल रही थीं। जांच एजेंसी ने इसी आधार पर छापामार कार्रवाई की। जब टीम उनके घर पहुंची तब घर के सदस्य नींद में थे। दरवाजे खुलने पर टीम ने बताया कि वे लोकायुक्त से हैं, तो लालवानी और उनके परिजनों के हाथ पैर फूल गए। घर के सदस्यों को एक ओर कर लोकायुक्त की टीम ने घर की तलाशी ली।
अब तक की पड़ताल में संपत्ति का आंकलन 40 करोड़ बताया जा रहा है। जांच में लालवानी ने प्रापर्टी में काफी राशि निवेश की है। उनके घर से 4 फ्लेट, 4 प्लाट, 2 गैरिज, 2 जमीन के दस्तावेज, 100 ग्राम सोने के जेवर मिले हैं। जांच अधिकारियों के अनुसार, फिलहाल दस्तावेजों का निरीक्षण किया जा रहा है, इस हिसाब से पूर्णत: राशि नहीं बताई जा सकती है। संपत्ति बढ़ने का अनुमान है। जांच अधिकारी अर्जुनदास के बैंक लॉकरों का पता लगाने में जुटे हैं। छापामार टीम में डीएसपी विनोद शर्मा, डीएसपी साधना सिंह, डीएसपी सज्जन सिंह चौहान, राजकुमार शुक्ला, हरप्रताप सिंह सिद्धू, निरीक्षक अंबरेश बोहरे, सुनील लाटा, आरक्षक विश्वंभर भदौरिया आदि थे।
यह मिला बाबू के घर से
बाबू के ठिकानों से लोकायुक्त पुलिस ने 4 फ्लेट जिनमें से एक एमपी नगर क्षेत्र में स्थित है, 4 प्लाट, 2 गैरिज, भौरी में 1.41 एकड़ जमीन, 53 लाख की एफडीआर, 51 हजार नगद, चार पहिया वाहन, महंगा घरेलू सामान।
26 बैंक खाते उजागर
प्रारंभिक जांच में बाबू के घर से 25 बैंक के खाते पता चले हैं। वहीं एक खाता डाकघर में होना मिला है। लोकायुक्त टीम जांच में चुटी है कि इन खातों में कितना पैसा जमा है। साथ ही 100 चांदी के सिक्के, सोने के जेवर और चांदी के आभूषणों की जानकारी भी मिली है।
कभी तबादला ही नहीं
जांच में यह भी सामने आया है कि विद्युत विभाग भी सहायक ग्रेड दो अर्जुनदास लालवानी पर मेहरबान रहा। उनका कभी तबादला ही नहीं किया गया। अर्जुनदास एक ही शाखा में पदस्थ है। वर्तमान में उसके पास कामर्शियल बिजली कनेक्शन देने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। दूसरी ओर, विद्युत विभाग अब उन्हें निलंबित करने की तैयारी में जुट गया है।
40 करोड़ी निकला विद्युत विभाग का अदना सा बाबू
फ़रवरी 05, 2013
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