विभांशु यादव, वाराणसी.
पान के लिए विश्व प्रसिद्द बनारस अब अपने घर में ही पैदा हुए पान के पत्तों से अपना स्वाद लोगों के मुंह में घोलेगा। प्रदेश सरकार ने गुणवत्तायुक्त पान की खेती को बढ़ावा देने के लिए उद्यान विभाग के सहयोग से एक प्रोत्साहन योजना शुरू की है। गुणवत्तायुक्त पान प्रोत्साहन योजना के लिए वाराणसी सहित प्रदेश के 21 जिलों का चयन किया गया है।
वाराणसी में इस योजना के अंतर्गत तीन इकाइयां (बरेजा) लगाई जाएंगी। मिर्जापुर में दो, सोनभद्र में दो, आजमगढ़ में छह, लखनऊ मंडल में 11और सबसे ज्यादा 24 इकाइयां महोबा में लगेंगी। फरवरी के पहले सप्ताह में उद्यान विभाग विज्ञापन के माध्यम से किसानों को पान की खेती करने के लिए आमंत्रित करेगा। एक इकाई लगाने के लिए किसान के पास कम से कम 1500 वर्ग मीटर की कृषि योग्य भूमि होना आवश्यक है। प्रत्येक इकाई की अनुमानित लागत 151360 रुपये है। जिसमे से आधी रकम सरकार सब्सिडी के रूप में किसानों को देगी। इस योजना के लिए चुने गए किसान को इकाई लगाने के बाद खर्च हुई रकम का ब्यौरा उद्यान विभाग में जमा करना होगा। इसके पश्चात लागत की आधी रकम सीधे किसान के खाते में भेज दी जाएगी।
कैबिनेट की मीटिंग में गुणवत्तायुक्त पान प्रोत्साहन योजना और एग्रो पार्क के आधुनिकीकरण के मसौदे पर सहमति बनी थी। इन दोनों योजनाओं के लिए आवश्यक धनराशि भी प्रदेश सरकार द्वारा जारी कर दी गई है। पान प्रोत्साहन योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए उद्यान विभाग ने पूरी तैयारी कर ली है।
उद्यान विभाग की देख रेख में जिले में पहली बार होने जा रही पान की खेती को लेकर अधिकारी भी उत्साहित हैं।
उद्यान विभाग के उपनिदेशक डा. भूपेन्द्र वीर सिंह ने बताया कि योजना के अंतर्गत चुने गए किसानों को विभाग की तरफ से पूरा सहयोग दिया जायेगा। किसानों के लिए पान की खेती एक नई शुरुआत है। इसको ध्यान में रखते हुए उद्यान विभाग के विशेषज्ञ किसानों के साथ उनके खेत में भी जायेंगे।
अभी तक वाराणसी में पान की खेती रामनगर के कुछ चुनिन्दा किसान ही करते आ रहे हैं। पान व्यवसाइयों को अब पान के पत्तों के लिए दूसरे प्रान्तों और गैर जनपदों पर आश्रित नहीं रहना पड़ेगा।
अबकी बसंत में सरसो के फूलों के साथ महकेगा पान का बरेजा
जनवरी 18, 2013
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