गैंगरेप की शिकार दामिनी को 2 मिनिट का मौन रख कर दी श्रद्धांजलि
ब्यूरो, बेगमगंज.
नई पीढ़ी को चाहिए कि वह ऐसे संस्कार अपने अंदर आत्मसात करें, ताकि देश का सिर दुनिया में गर्व से ऊंचा हो सके। जो दिल्ली के दामनी कांड के कारण शर्मसार हुआ है। उसे नव वर्ष की मधुर बेला में अच्छे संस्कार पेश कर ऊंचा उठाना है। नर्व वर्ष में हम कुछ नया करें कि आने वाली पीढ़ियां याद रख उसका अनुसरण कर सकें।
स्मृति पब्लिक स्कूल में नव वर्ष में दामनी के श्रद्धाजंलि कार्यक्रम में बुजुर्ग महिला रामवती श्रीवास्तव ने यह विचार व्यक्त करते हुए रेप के आरोपियों को फांसी की सजा देने की मांग की। गौरतलब होगा कि, दामिनी कांड के चलते नव वर्ष पर कार्यक्रम नगर में आयोजित नहीं हुए। और जहां आयोजित भी हुए तो वहां पहले दामनी को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। नगर में इससे पूर्व पिकनिक स्पाटों पर नव वर्ष की खुशियां मनाई जाती थी। विभिन्न आयोजन होते थे, लेकिन इस बार ऐसा कोई भी कार्यक्रम आयोजित नहीं किया गया।
इस अवसर पर ज्योति श्रीवास्तव, कमलाबाई, उर्मिला बाई, फायजा खान, लक्ष्मी रायकवार, कमला ठाकुर, अमीता सोनी, गीता बाई कुशवाहा, तुलसा बाई, कमलारानी, निर्मला खरे, प्रभाबाई पंथी, राजकुमारी पंथी, संध्या श्रीवास्तव, हेमलता ठाकुर,वर्षा पंथी, अंजना सराठे, कामनी श्रीवास्तव,अंबिका श्रीवास्तव, रूपाली कोली, अमरीन बी, पूजा साहू, आफरीन बी सहित अनेको बालिकाएं उपस्थित थी।
दामनी कांड पर बालिकाओं-महिलाओं के विचार
महिला मोर्चा अध्यक्ष ज्योति श्रीवास्तव ने कहा, गैंग रेप के आरोपियों की आंखे निकालने की सजा दी जाकर उन्हें जन्म के लिए अंधा बना दिया जाए। ज्योति रजक ने फांसी देने का कानून बनाने की बात कही। कालेज छात्रा वर्षा पंथी ने ऐसे आरोपियों को सरेआम फांसी देने की बात कही, तो अम्बिका श्रीवास्तव ने काले पानी जैसी सजा देने तथा छात्रा फायजा खान ने सऊदी हुकुमत के कानून की तरह संगसार करने का सुझाव दिया। अमरीन अफरीन ने जिंदा जला देने की बात कही। गृहणी कमला चौहान ने ऐसे आरोपियों के हाथ पैर काटकर छोड़ने की सजा देने का कानून बनाने की वकालत की।
इस अवसर पर बुजुर्ग महिलाओं ने बालिकाओं से पश्चिमी सभ्यता को छोड़कर भारतीय सभ्यता अनुसार पहनावा पहनने, माता पिता से पूछे बिना और किसी को साथ लिए बिना कहीं न जाने का आव्हान किया। उन्होने बालिकाओं को समझाया कि आप तो संस्कारवान और अच्छे विचारों वाली है, लेकिन जो नर पिशाच प्रवृत्ति के लोग हैं, वे संस्कारवान नहीं हैं, उनके विचार अच्छे नहीं ह। इसी कारण आए दिन देश में ऐसी घटनाओं में बढ़ोत्तरी हो रही है। घटना को रोकने के लिए हमें पहल करना होगी।
बुजुर्गों ने कहा, लड़कियों को संस्कारवान बनाने की जरुरत
जनवरी 01, 2013
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