महेंद्र मनकी ठाकुर, सीहोर.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले के ग्राम खामलिया में मंगलवार की सुबह उस समय सनसनी फैल गई, जब दबंगों ने गांव से निकल रही एक शवयात्रा का रास्ता रोक दिया। इसके नतीजे में 4 घंटे तक शवयात्रा रूकी रही। आखिरकार पुलिस के हस्तक्षेप के बाद ही
शवयात्रा आगे निकल सकी और अंतिम संस्कार
हो सका। इस दौरान शवयात्रा में शामिल
ग्रामीणों से मारपीट करने की भी खबर है,
लेकिन पुलिस ने इससे इन्कार किया है।
आमतौर पर कहा जाता है की मरने के बाद व्यक्ति को सुकून मिल जाता है, मगर सीहोर में जिले में जीवन का अंतिम संस्कार करना भी अब आसान नही रहा। नजदीकी ग्राम खामलिया में मंगलवार को जो कुछ हुआ, वो मानवता के मुह पर करारा तमाचा है।
समीपस्थ ग्राम खामलिया में मंगलवार की सुबह उस समय सनसनी फैल गई। जब गांव के दबंगों ने गांव से निकल रही एक शवयात्रा का रास्ता रोक दिया और शवयात्रा में शामिल ग्रामीणों से मारपीट की। सूचना पर पुलिस के पहुंचने पर शवयात्रा निकाली गई। इससे भड़के ग्रामीणों ने करीब चार घंटे शव को खेत में रखकर धरना दे दिया। पुलिस सूत्रों के अनुसार इस दौरान पूर्व सरपंच मनोहर सिंह द्वारा और उसके साथियों द्वारा शवयात्रा में शामिल ग्रामीणों के साथ मारपीट करने की शिकायत सामने आई है।
अवैध कब्जा है विवाद की जड़ में
पूरा मामला ढाई एकड सरकारी जमीन पर कब्जे के रूप में सामने आ रहा है। ग्राम के राम सिंह और कमल सिंह ने बताया की अतिक्रमण करने वाले ही दबंगाई दिखा रहे हैं, जबकि पूर्व सरपंच मनोहर सिंह का कहना है कि, जिस जमीन को कुछ ग्रामीण अवैध कब्जा बता रहे है, उस जमीन को लेकर उसके पास कोर्ट का स्टे है। जमीन छुड़ाने में नाकाम रहने वाले शवयात्रा रोकने और मारपीट का झूठा इल्जाम लगा रहे हैं।
सीहोर में दबंगों ने रोकी शवयात्रा
जनवरी 15, 2013
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