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भोजपुरी भाषा के उत्थान के लिए सरकार को आगे आना होगा

अजय मिश्र, मुंबई.
मुंबई भोजपुरी फिल्मों में अपने अभिनय का लोहा मनवा चुके चर्चित अभिनेता विनय आनंद ने भोजपुरी भाषा को एक मुकाम दिलवाने के लिए उत्तर प्रदेश और बिहार की सरकार से सार्थक और प्रभावी भूमिका निभाने का आव्हान किया है। उन्होंने दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों अखिलेश यादव और नितीश कुमार से अपील की है। विनय आनंद चाहते हैं कि, भोजपुरी फिल्मों को टैक्स-फ्री करने के साथ ही राज्यों के मल्टीप्लैक्स सिनेमाघरों में आवश्यक रुप से दिखाया जाए। 
अभिनेता विनय आनंद

भोजपुरी फिल्मों के स्टार विनय आनन्द ने भाषाई संरक्षण के लिए बिहार और उत्तर प्रदेश सरकारों से आगे  आकर सार्थक प्रयास करने का  आव्हान किया

अपने घर पर न्यूज रेलिक रिपोर्टर से बातचीत में उन्होंने कहा कि, मल्टीपलैक्सों में भोजपुरी सिनेमा को देखने के लिए हर वर्ग के दर्शक मिलेंगे। जिससे भोजपुरी फिल्मों के प्रति लोगों का झुकाव बढ़ेगा। जनता भोजपुरी में बनने वाली अच्छी फिल्मों को नजर अंदान नही कर सके गी। अभी मल्टीपैलेक्स में फिल्में न लगने से इनकों सही दर्शक व दरजा नही मिल पा रहा है। उत्तर भारतीय को भोजपुरी को बढ़ावा देना चाहिये।
भोजपुरी फिल्मों में कामयाबी का रिकार्ड
अभिनेता विनय आनंद
विनय का पारिवारिक बैंकग्राउंड फिल्मी होने के कारण उन्होंने बचपन से ही अभिनय की राह पकड़ ली। उनका बचपन ठुमरी की मशहूर गायिका व विनय की नानी स्व. निर्मला देवी, नाना अरुण आहूजा तथा गोविंदा की देख-रेख में बीता। पिता रवि आनंद भी फिल्मों के अच्छे लेखक थे। विनय को मां पुष्पा से बड़ा लगाव था। विनय ने 2001 से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की। उनकी पहली फिल्म लो मै आ गया, सौतेला, जहां जाईएगा हमे पाईयेगा, आमदनी अठन्नी खर्चा रुपया जैसी हिन्दी फिल्मों में काम किया। विनय को पूजा-पाठ व भगवान के प्रति काफी निष्ठा है। सन् 2006 में विनय ने भोजपुरी फिल्मों में बतौर अभिनेता अपना कदम रखा, उनकी पहली फिल्म तोहरा से प्यार बा बड़े पर्दे पर आई। इसके बाद विनय ने फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा और छ साल के दौरान उन्होंने 70 भोजपुरी फिल्में की। विनय की फिल्में समाज को कोई न कोई संदेश देने वाली होती है।
यूपी और बिहार में बने फिल्म सिटी
विनय आनंद विहार के एक मित्र ब्रजेश के साथ
विनय आनंद विहार के एक मित्र ब्रजेश के साथ
 विनय कहते हैं कि, मैं सदैव भोजपुरी समाज का आभारी रहूंगा, जो मुझे इतना मान-सम्मान मिला। विनय ने कहा कि, भोजपुरी अपने सम्मान के लिए लड़ रहा है। महाराष्ट्र सरकार अपने क्षेत्रीय भाषा में बनने वाली फिल्मों को आर्थिक मदद करती है। हमारी सरकार को भी कुछ ऐसा ही करना चाहिये। प्रत्येक राज्यों से गुटका व मादक पदार्थों के सेवन पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है, लेकिन यूपी में इस पर कोई रोक नही है। हमारी जनता राजनीति का शिकार हो रही है। हम अपने मुंह के अंदर हर वक्त होने वाले कैंसर को अपने साथ लेकर घूम रहे है। हमारे पास काम कम और बीमारियां ज्यादा है। यूपी व विहार में भी फिल्म सिटी बनना चाहिये, जिससे उत्तर भारतीयों को रोजगार की नई राह मिलेगी। जब हैदराबाद व अन्य जगहों पर फिल्म सिटी हो सकता है तो हमारी सरकार किससे कम है।
भोजपुरी फिल्मों का रीमेक बनने का दिन भी आए
अभिनेता विनय आनंदविनय का सपना है कि, मैं वो दिन देखना चाहता हूं कि, जब लोग भोजपुरी फिल्मों का रीमेक बने। हिन्दी फिल्में आज किसी न किसी फिल्म की 
रीमेक ही होती हैं। भोजपुरी में ऐसा नही होता। विनय की हाल में रिलीज होने वाली फिल्में मंगल फेरा, लक्ष्मण रेखा, बिहारी रिक्शा वाला व बिहारी टाईगर आने वाली है। इन फिल्मों से उन्हें काफी उम्मीद है। विनय हिन्दी फिल्मों के निर्देशक अनुभव सिन्हा व श्याम बेनेगल के साथ काम करना चाहते है।

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