राम सुन्दर मिश्रा, वाराणसी.
बनारस के 500 वर्ष पुराने विश्व प्रसिद्ध नाटी इमली भरतमिलाप को अमूर्त धरोहर के रूप में संरक्षित किये जाने हेतु विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जाएगी। इसके तहत नाटी इमली भरत मिलाप मैदान पर या आस पास का अतिक्र मण सख्ती से हटाया जाएगा। इसके साथ ही मैदान के चारों ओर ऊंची बिल्डिंगों के निर्माण पर भी रोक लगेगी, ताकि भरत मिलाप के समय सूर्य की किरणें नहीं रुकें और देश विदेश के श्रद्धालु मनोहारी दृश्य को बिना किसी बाधा के देख सकें।
-कमिश्नर चंचल तिवारी ने दिए अतिक्रमण रोकने के निर्देश
-मैदान के चारों तरफ बड़ी बिल्डिंगें नहीं बन सकेंगी
-मैदान से 15 मीटर तक नहीं होगा कोई नवनिर्माण
-संरक्षण और सौंदर्यीकरण की बनेगी योजना
कमिश्नर चंचल कुमार तिवारी ने इस संबंध में निर्देश देते हुए कहा है कि, अतिक्रमण सख्ती से रोके जाएं। नाटी इमली भरतमिलाप मैदान के सुन्दरीकरण की जिम्मेदारी विकास प्राधिकरण को सौपते हुए उन्होने सचिव विकास प्राधिकरण को निर्देशित किया कि वे मौके का निरीक्षण कर आवश्यकतानुसार सुन्दरीकरण कार्य कराये।
कमिश्नर चंचल कुमार तिवारी आज अपने कैम्प कार्यालय स्थित सभागार में नाटी इमली भरतमिलाप को हेरिटेज घोषित किये जाने के संबंध में अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे। उन्होने कहा कि मौके पर सम्भावित बडी इमारतों के निर्माण से भरतमिलाप के समय सूर्य की आने वाली किरणें प्रभावित न हो, क्योंकि इस विश्व प्रसिद्व भरतमिलाप का पौराणिक महत्व है। पुरातत्व विभाग के अधिकारी ने बताया कि पुरातत्व विभाग द्वारा मूर्त धरोहर को ही हेरिटेज के रूप में घोषित किये जाने की व्यवस्था है और चूंकि, भरतमिलाप अमूर्त धरोहर है, इसलिये अमूर्त धरोहर को संरक्षित करने की कार्यवाही संस्कृति मंत्रालय द्वारा किये जाने की व्यवस्था है। कमिश्नर तिवारी ने क्षेत्रीय सांस्कृतिक केन्द्र के केन्द्र प्रमुख डा. रत्नेश वर्मा को अमूर्त धरोहर के रूप में संरक्षित करने हेतु शीघ्र विस्तृत प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया।
नवनिर्माण और मंजिलों का निर्धारण किया गया
सचिव विकास प्राधिकरण सर्वज्ञराम मिश्र ने बताया कि महायोजना-2031 में नाटी इमली भरतमिलाप को शामिल किया गया है। इसके तहत स्थल से 15 मीटर तक कोई नवनिर्माण नही हो सकेगा, 15 से 50 मीटर तक एक मंजिलें भवन का ही निर्माण हो सकेगा तथा 200 मीटर तक दो मंजिला भवन का ही निर्माण हो सकेगा। उन्होने जिलाधिकारी को निर्देशित किया कि राजस्व विभाग के अधिकारियों को मौके पर भेजकर भरतमिलाप मैदान का सीमाकंन तुरन्त करवा दिया जाए। सीमाकंन के बाद मौके पर पत्थर आदि लगाने का कार्य विकास प्राधिकरण करे, ताकि अतिक्रमण रोका जा सके।
सचिव विकास प्राधिकरण ने बताया कि महायोजना में नाटी इमली भरतमिलाप के अलावा संकटमोचन मंदिर, दुर्गा मंदिर, मानस मंदिर, कमच्छा स्थित बटुक भैरव मंदिर, लहरताला स्थित कबीर टीला सहित पंचकोशी के पांचों पड़ावों को भी शामिल किया गया है। इस दौरान शहर के पौराणिक महत्व के तालाबों एवं कुण्डों को भी महायोजना में शामिल किये जाने का निर्देश दिया।
इस दौरान जिलाधिकारी सौरभ बाबू ने विश्व प्रसिद्व चेतगंज नक्कटैया एवं नाग नथैया को भी महायोजना में शामिल किये जाने का सुझाव देते हुए कहा कि इससे यह ऐतिहासिक उत्सव भी संरक्षित हो सकेगा। कमिश्नर ने इनको भी महायोजना में शामिल किये जाने का निर्देश दिया।
अमूर्त धरोहर के रूप में संरक्षित होगा नाटी इमली का भरत-मिलाप
जनवरी 24, 2013
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