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मरम्मत नहीं होने से प्रधानमंत्री सड़कों ने दम तोड़ा

शब्बीर अहमद, बेगमगंज.

मरम्मत नहीं होने से प्रधानमंत्री सड़कों ने दम तोड़ा प्रधानमंत्री सड़क योजना अन्तर्गत गांव-गांव बनाई गई सड़कों एवं उन पर बने पुल पुलियों की पांच सालाना गांरटी होने के बाद भी ठेकेदारों द्वारा मरम्मत नहीं कराए जाने से सड़के व पुल पुलिए दम तोड़ती नजर आ रहीं है। जगह जगह से उखड़ती और गड्ढों में तब्दील हो गई सड़कों को बने अभी दो से तीन साल ही बीते हैं कि, सड़कों ने दम तोड़ दिया है। ऊबड़ खाबड़ गिट्टी उखड़ी सड़कें ऐसी लग रहीं है मानो ठेकेदारों द्वारा औपचारिकता पूरी की गई हो। यही हाल इन सड़कों पर बने तीन पुलों का भी है, जो क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। बावजूद इसके, घटिया निर्माण कार्य की कई शिकायतें होने के बाद भी न तो ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई शुरु हो सकी है और न ही उखड़ी पड़ी सड़कों की मरम्मत हो सकी है।
प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत बेगमगंज विकास खंड में निर्मित 16 प्रधानमंत्री सड़कों का स्तरहीन निर्माण कर ठेकेदार चम्पत हो गए हैं। जबकि, सड़कों एवं पुल पुलियों के रख रखाव की पाचं साल की गांरटी ठेका शर्तो में शामिल है। हुआ इसका उल्टा, सड़क निर्माण कर विभाग से बिल वसूलने के बाद ठेकेदारों ने दोबारा सड़कों की तरफ पलट कर भी नहीं देखा। अब आलम यह है कि, निर्माणकर्ता ठेकेदार गायब तो इन क्षतिग्रस्त सड़क  की मरम्मत कौन करे? दूसरी ओर, विभागीय अधिकारी ठेकेदारों की जिम्मेदारी बताकर पल्ला झाड़ रहे हैं।

भ्रष्ट ठेकेदारों एवं विभाग की सांठ-गांठ
मरम्मत नहीं होने से प्रधानमंत्री सड़कों ने दम तोड़ा
प्रधानमंत्री सड़क योजना अन्तर्गत कई मार्ग तो पापड़ की तरह डामर की परत छोड़ चुके है तो कई बड़े गहरे गड्ढों में तब्दील हो गए है। ऊबड़ खाबड़ हो चुकी सड़कों में सुल्तानगंज से सुनवाहा, चांदोड़ा से गुलवाड़ा, बेगमगंज से सुनेहरा हैं, जिन पर दो पुल करीब ढेड़ साल से क्षतिग्रस्त पडे हैं। इसके नतीजे में सुनेहरा के आस पास गांवों का इस रास्ते से आवागमन बंद हो गया है। भोपाल सागर रोड से वीरपुर तक, बोरिया सड़क से शाहपुर सुल्तानपुर सड़क पिछले साल बनी और उखड़ गई। यहां दोनो नालों पर पुलिया निर्माण नहीं हो पाया, जिससे रोड कट रहा है। टेकापार से खमरिया के बीच पुलिया पूरी तरह क्षतिग्रस्त होकर धसक गई है। ग्रामीणों का आरोप है कि, जबसे सड़कें बनी हैं ठेकदारों ने पलट कर नहीं देखा। सुल्तानगंज से सुनवाहा तक 18.10 किमी की सड़क का डामर जगह जगह से ऊखड़ गया है। यही स्थिति बेगमगंज से सुनहरा 7.20 किमी एवं बेगमगंज से वीरपुर 9.60 किमी तक की सड़कों की हैं, जो आखिरी सांसे ले रही हैं।

साठ साल में भी नहीं बन सकी 25 किमी सड़क
बेगमगंज से सुल्तानगंज 25 किमी लंबाई की सड़क बीते 60 साल में भी नहीं बन सकी है। इसका निर्माण लोक निर्माण विभाग को करना है, लेकिन कोई न कोई बहाना बनाकर सडक निर्माण को अधर में लटकाए रखा गया है। इस सड़क से 25 किमी का सफर पूरा करने में साढे तीन से चार घंटे का समय लगता है। क्षेत्र वासियों में बढ़ते गुस्से और धरना आंदोलन के बाद अब जाकर इस सड़क के भाग्य खुले हैं और काम लगा हुआ है।

हो रहा है घटिया निर्माण

मरम्मत नहीं होने से प्रधानमंत्री सड़कों ने दम तोड़ा सुल्तानगंज रोड से मरखंडी तक, सुल्तानगंज-सियरमऊ रोड से उमरहारी एवं वीरपुर से बढ़गवां मुंजप्ता सड़क का घटिया निर्माण होने की ग्रामीणों ने शिकायत की है। सागर रोड से चंदोरियां मार्ग पर बीना नदी पर बने पुल व बेगमगंज से सुनेहरा रोड पर दूधई नदी पुल के क्षतिग्रस्त होने की शिकायतें की जा चुकी हैं। इसी तरह बेगमगंज से महुआ खेड़ा कला तक की घटिया सड़क को लेकर ग्रामीण आंदोलन कर चुके हैं। इसके बाद भी पीडब्ल्यूडी सड़कों के घटिया निर्माण पर अकुंश नहीं लगा पाया है। गुणवत्ताविहीन निर्माण होने से सड़कों का बरबाद होना भी तय है। खुलेआम सरकार को करोड़ो का चूना ठेकेदारों और अधिकारियों की मिली भगत से लगाया जा रहा है।

फरमाते हैं जिम्मेदार
प्रधानमंत्री सड़क योजना अन्तर्गत बनाई गई सड़कों के संधारण का दायित्व संबंधित ठेकेदार का है, जिन्हें मरम्मत करवाना चाहिए। अगर कोई गड़बड़ी की गई है या गांरटी पीरियड में सड़कें खराब हो रही हैं तो यह काम प्रधानमंत्री सड़क अभिकरण को देखना चाहिए।
केबी मालवीय, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत, रायसेन


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