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आसानी से छूट जाते है छेडछाड करने वाले

महेन्द्र ठाकुर, सीहोर.

आसानी से छूट जाते है छेडछाड करने वाले
 युवतियों से छेड़खानी की घटनाओं पर अंकुश लगाने और अपराधियों में खौफ पैदा करने की राह में कमजोर कानूनी धाराएं आड़े आ रही हैं। 
पिछले एक महीने के दौरान पुलिस ने जोर-शोर से मनचलों के खिलाफ अभियान छेड़ा, युवतियों ने भी आगे आकर शिकायतें दर्ज करवाई, जांच के बाद गिरफ्तारी भी हुई, लेकिन आरोपियों को आसानी से जमानत मिल गई। अब वे कानून का मखौल उड़ाते हुए खुलेआम घूम रहे हैं। खौफ है तो शिकायतकर्ता लड़कियों के चेहरे पर। जहां दिल्ली गैंग रेप मामले में पूरे देश में दुराचारियों को फांसी जैसी सख्त सजा की मांग उठ रही है, वहीं शहर में भी कई संगठन छेड़छाड़ करने वालों के लिए सख्त गैर जमानती धाराओं की मांग करने लगे हैं।

युवतियां तो जागी, अब कानून तो बदलो
पुलिस ने युवतियों को छेड़छाड़ की घटनाओं के प्रति जागरूक करने और बचाव के लिए स्कूल-कालेजों में अभियान छेड़ा था। इसका नतीजा यह हुआ कि लड़कियां खुलकर छेड़छाड़ का विरोध करने लगी। छात्राओं ने आत्मरक्षा के गुर भी सीखे, शासकीय पीजी कालेज में कराते शिविर में बडी संख्या में छात्राऐं भाग ले रही है।

कई राज्यों में छेड़छाड़ पर नहीं होती जमानत
बताया जाता है की अगर आरोपियों पर लगने वाली धाराओं के तहत जमानत का प्रावधान नहीं होगा तो छेड़छाड़ करने से लोग डरेंगे। आंध्र प्रदेश और उड़ीसा में आईपीसी की धारा 354 गैर जमानती है। इसी तरह मध्यप्रदेश में भी इसे सख्त बनाया जाना चाहिए। समाजसेवी संतोष सिंह का कहना है कि, छेड़छाड़ करने वालों की जमानत नहीं होनी चाहिए।

हक के लिए लंबा संघर्ष
दिसम्बर में इमलीखेडा की छात्रा का अपहरण और बलात्कार के मामले में पुलिस ने पहले घटना के 3 दिन दिन बाद केवल गुमशुदगी दर्ज की थी, लेकिन परिजनों के लंबे विरोध के बाद इसमें बलात्कार और अपहरण की धाराएं भी एक माह बाद जोड़ी गई।

खुलेआम पिटाई
नगर के गंज क्षेत्र में महाराणा प्रताप कालोनी में एक 16 साल की लडकी को छेड़ने वाले को छात्रा के विरोध करने पर लोगों ने जमकर पीटा और उसे पुलिस के हवाले कर दिया। दिल्ली घटना के बाद लोगों में आई जागरूकता का यह प्रत्यक्ष प्रमाण है।

फरमाते हैं जिम्मेदार
पुलिस ने छेड़छाड़ के लगभग सभी मामलों में आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। शिकायत मिलने पर पुलिस तत्परता से कार्रवाई करती है।
अमित सक्सेना, एएसपी, सीहोर

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