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सारे जहां से अच्छा हिंदोस्तां हमारा...

ब्यूरो, भोपाल.
सारे जहां से अच्छा हिंदोस्तां हमारा...
मुल्क के बंटवारे के दौरान लाखों मुस्लिम परिवार का भी बंटवारा हो गया, आधे परिवार हिंदुस्तान में ही रह गए तो काफी बड़ी तादाद में पाकिस्तान चले गए। ऐसे परिवार, जब भी बॉर्डर पर तनाव होता है तो चिंता में डूब जाते हैं, क्योंकि इसका सीधा असर उनकी जिंदगी पर पड़ता है। अपनों से मिलने में आने वाली दुश्वारियों और अनहोनी की दहशत से ज्यादा दिल में दर्द होता है कि, आखिर पाकिस्तान ऐसा करता ही क्यों है? हाल ही में भारतीय सैनिकों के साथ बरती गई बर्बरता से आहत मुस्लिम परिवार, जहां हिंदुस्तान की मकबूलियत, तरक्की और अमन की दुआ करते हुए सारे जहां से अच्छा गुनगुना रहे हैं, वहीं पाकिस्तान के नेस्तनाबूद हो जाने की बदुआएं भी दे रहे हैं।

पाकिस्तान छोड़ कनाडा में बसे

पाकिस्तान में मेरी बहन और दूसरे रिश्तेदार रहते थे, लेकिन हालात बिगड़ने पर कई साल पहले ही कनाड़ा शिफ्ट हो चुके हैं। वहां पर निजाम बचा नहीं है, ऐसे में जो भी पढ़ लिख गए तो फॉरेन में जाकर बस गए। अभी के ताजा हालात बेहद अफसोसनाक और चिंताजनक हैं, हिंदुस्तान को आगे बढ़कर इंसाफ करना चाहिए।

नूरजहां अलीग, शिक्षाविद्, एयरपोर्ट रोड़

महीनेभर के बजाय 20 दिन में लौटे 

आधा परिवार कराची में ही रहता है, ऐसे में चिंता होती है। बीते साल मिलने गए थे, लेकिन हालात इतने खराब हैं कि, महीनेभर के बजाय 20 दिन में ही वापस आ गए। पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा बॉर्डर पर की गई हरकत बेहद घिनौनी है और इसके लिए जो भी जिम्मेदार हैं तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।
शाइस्ता सुल्तान, मेन रोड़, डीआईजी बंगला


 
पछता रहे हैं मुल्क छोड़ जाने वाले
 
कराची के औरंगी टाउन में हमारा परिवार रहता है, जिनसे कभी कभार बात होती रहती है। अभी बॉर्डर पर तनाव के कारण चिंता बढ़ गई है। अभी तक शांति थी तो आराम से वीजा मिलता था, आना-जाना होता था। लेकिन, पाकिस्तानी सैनिकों की करतूत काबिले माफी नही है। हिंदुस्तान ऐसा सबक सिखाए कि मिसाल कायम हो।
सबाहत बानो, शिक्षिका, टीला जमालपुरा

पाकिस्तान मिटाकर हिंदुस्तान में मिलाएं


आधे से ज्यादा परिवार तो कराची के लांड्री इलाके में है, लेकिन सब परेशान है। अब रोते हैं कि, भारत छोड़कर क्यों गए? वहां तो जंगल का कानून चल रहा है, कहीं निजाम नहीं बचा है। हिंदुस्तान को चाहिए कि, सैनिकों की मौत का बदला ले और पाकिस्तान को नक्शे से ही मिटाकर भारत के नक्शे में शामिल कर ले।
नाजमा अंसारी, पार्षद, कांग्रेस,वार्ड-17

 
पाकिस्तान जाने का दिल नहीं करता

पाकिस्तान के नाम से ही कोफ्त होने लगी है, वहां तो ऐसी बरबादी और क्राइम फैला है कि, सांस लेना मुश्किल है। खुलेआम मुहाजिरों को मारा और लूटा जा रहा है, जिसकी सुनवाई पुलिस तो क्या किसी भी जगह नहीं होती। पाकिस्तान तो धोखेबाज है, जिससे शांतिवार्ता के बजाए आमने सामने की लड़ाई बेहतर।
शफीक यार ‘प्यारे मियां’, किसान, फिरदौस कॉलोनी

 
चिंता तो होती है, लेकिन मुल्क पहले है

हमारे कई परिवार कराची और लाहौर में हैं, जिनसे बात होती रहती है, सभी बेहद परेशान है। पाकिस्तानी सेना की करतूत के कारण हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। हिंदुस्तान बार बार चेतावनी देता रहता है,
लेकिन पड़ोसी सुधरने का नाम नहीं ले रहा। ऐसे में हमला करके हमेशा के लिए निपटारा कर दिया जाए।

शब्बीर हुसैन, कर्मचारी, सेकेंड स्टाप




पाकिस्तान को मिटा दे हिंदुस्तान

पाकिस्तान का नाम आते ही हर मुसलमान का सिर शर्म से झुक जाता है, भले ही वहां हमारे परिवार जा बसे हैं। वहां तो खुलेआम औरतों को उठा ले जाते हैं और घर में घुस कर लूट लेते हैं। ऐसे मुल्क से शांति वार्ता करने की जरुरत ही नहीं है, सीधे फौज को जवाबी हमले का हुक्म दे देना चाहिए।
ताजवर जाफरी, टैक्नीशियन, शाहजहांनाबाद

 
दिल में है गम और गुस्सा


कराची और लाहौर में परिवार के कई लोग हैं, लेकिन अब तो पाकिस्तान को लेकर दिल में सिर्फ गम और गुस्सा ही है। ऐसी हैवानियत की है कि, सजा तो मिलनी ही चाहिए। पाकिस्तान जाने वाले अब पछता रहे हैं कि, 
आखिर अपनी जमीन छोड़कर क्यों गए? मौका मिले तो सब वापस आ जाएंगे।
यास्मीन अनवर, आर्टिस्ट, मंगलवारा

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