सीहोर में ग्रामीणों की दबंगई,
प्रशासन हुआ असहाय,
भगवानपुरा डेम का पानी सीवन नदी में नहीं छोडने दिया,
डेम के गेट का वॉल निकाला कहा पहले तकीपुर डेम में भेजो पानी फिर सीवन नदी में जाने देंगे पानी
मध्यप्रदेश में एक और जहां राज्य सरकार नदियों को जोडने की बात कर रही है वहीं डेम से नदियों में पानी तक नहीं छोड पा रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के ग्रह जिले सीहोर में बुधवार को प्रशासन ने जब भगवानपुरा डेम का पानी सीवन नदी में छोडने का प्रयास किया तो चार गांव के ग्रामीणों ने दबंगता दिखाते हुए इस प्रयास को असफल कर दिया।
सीहोर नगर में बहने वाली सीवन नदी में नगर के नजदीक स्थित भगवानपुरा डेम से पानी छोडा जाता है, लेकिन इस बार ग्राम चंदेरी, पिपल्या, तकीपुर, भगवानपुरा सहित आधे दर्जन ग्राम के लोगों ने प्रशासन को खुली चुनौती दी कि, पहले तकीपुर डेम में पानी छोडा जाए उसके बाद पानी को सीवन नदी में जाने देंगे। बुधवार को जब जलसंसाधन विभाग का अमला भगवानपुरा डेम पहुंचा तो ग्रामीणों ने एकत्रित होकर इस दल को पानी छोडने से रोक दिया। अब जबकि मुख्यमंत्री के ग्रह जिले में ही डेम का पानी नदी में छोडने में प्रशासन असफल हो गया है तो मध्यप्रदेश में नदियो को जोडने का काम कितना सफल होगा, इसका अनुमान लगाया जा सकता है।
सूखी पडी है जीवनदायिनी
लगभग आधे शहर के जलस्त्रोतों को रिचार्ज करने वाली पवित्र सलिला सीवन नदी सूखी पडी हुई है। अनदेखी के कारण सीवन पूरी तरह से उथली हो गई है। इसके अलावा एक प्रमुख कारण सीवन नदी की सफाई की तरफ भी प्रशासन और नगरपालिका द्वारा अनदेखी की जा रही रही है। इसके कारण सीवन में धार भगवानपुरा तालाब पर ही आश्रित रह गई है। सीवन में पानी सूखने के साथ ही साल में दो-तीन बार भगवानपुरा तालाब से पानी छोडा जाता है। जिससे सीवन में पानी भरा नजर आता है और सीवन नदी के आसपास निवास करने वालों के हैंडपंप जलस्त्रोतों में भी पानी का तल बना रहता है।
पानी रोकने डटे हैं आधा दर्जन गांव के लोग
भगवानपुरा तालाब का पानी सीवन नदी में जाने से रोकने के लिए ग्राम चंदेरी, पिपल्या, तकीपुर, भगवानपुरा सहित आधे दर्जन ग्राम के लोगों ने प्रशासन को खुली चुनौती दी। उनका कहना है कि पहले तकीपुर डेम में पानी छोडा जाए। इसके बाद पानी को सीवन नदी में जाने दें। आज बुधवार को जलसंसाधन विभाग का अमला भगवानपुरा डेम पहुंचा तो ग्रामीणों ने एकत्रित होकर इस दल को पानी छोडने से रोक दिया। डेम पर करीब तीन सौ गांव के लोग डंडे लेकर खडे हुए हैं।
सफाई अभियान के बाद सख्ती जरूरी
सीवन नदी की सफाई अभियान के बाद सख्ती जरूरी है। सीवन में सफाई होने के बाद सीवन में गंदगी फैलाने वालों पर सख्ती होना चाहिए। सीवन नदी की सफाई पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। इसके अलावा सीवन नदी में खुलने वाले नालियों को भी बंद करने की दिषा में ध्यान देना होगा। साथ ही नदी में पाइप डालकर पानी चुराने वालों पर भी सख्ती दिखाना होगा। इसके बाद सीवन में पानी के जलस्तर बना रह सकता है।