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तुलसीपार डेम से पानी मिले तो फसलें सूखने से बचें

फसलों को सूखने से बचाने के लिए किसान आर पार की लड़ाई की तैयारी में
ब्यूरो, बेगमगंज.


तहसीलदार को ज्ञापन सौंपते किसान
तहसीलदार को ज्ञापन सौंपते किसान
सिंचाई नहीं होने से सूखती फसलों ने किसानों का गुस्सा भड़का दिया है। क्षेत्र के किसानों ने युवक कांग्रेस की अगुवाई में एसडीएम के नाम का ज्ञापन तहसीलदार बृजेन्द्र रावत को सौंपकर चैनपुरा स्थित तुलसीपार डेम से नाले के जरिए सेमरी नदी में पानी छोड़ने की मांग की, ताकि इस पानी से सिंचाई हो सके।
ज्ञापन सौंपने आए ग्राम सुमेर, महूना, सागोनी, बेरखेड़ी, कोकलपुर के किसानों का कहना था कि, नदियों में पानी नहीं होने के कारण उनकी फसले सूख रही हैं, पशु प्यासे मर रहे है। सुमेर में सेमरी नदी पर जो स्टाप डेम बनाया गया था, वह भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया, जिसमें चुल्लूभर पानी नहीं है। कुछ दिन पहले तुलसीपार डेम से जो पानी छोड़ा गया था, उस पानी को भी बीच में ही रोक लिया गया है। इसके नतीजे में ग्राम सुमेर, महूना, सागोनी, बेरखेड़ी, कोकलपुर के किसानों को अपनी खेती की सिंचाई के लिए पानी नही मिल पा रहा है।

किसानों ने दी तीन दिन की मोहलत
नाराज किसानों ने एक बार फिर तुलसीपार डेम से पानी छोड़ने की मांग करते हुए चेतावनी दी है कि यदि तीन दिन में पानी उपलब्ध नहीं कराया गया तो किसान मजबूर होकर तुलसीपार डेम के गेट स्वयं खोलेगें, जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी। किसानों ने कहा कि, फसल सूखने से भूखों मरने के बजाय जेल जाना पसंद करेंगे। ज्ञापन सौंपने वालों में धनसिंह साहू, राजेन्द्र सिंह तोमर, उदयराम यादव, उमाशंकर पांडे, बाबूलाल पंथी, ,धर्मलाल, महेन्द्र साहू, रमेश विश्वकर्मा, अरविन्द कुमार, संतोष कुमार, प्रेमनारायण, हीरालाल, करतार सिंह, राजेश साहू, रवि साहू, हरिनारायण, मुन्नालाल, युनुस अली,अजुर्न सिंह, योगेश कुमार, दीपेश साहू, शैतानसिंह, गुलाबसिंह, राघवेन्द्र आदि थे।

पानी रोकने की होगी जांच
तहसीलदार वृजेन्द्र रावत ने इस मौके पर मीडिया से चर्चा में बताया कि, तुलसीपार डेम के अधिकारियों से जानकारी लेने पर पता चला है कि तीन दिन पहले कमांड एरिया के नियम के तहत तुलसीपार डेम से पानी छोड़ा जा रहा है। पानी निरन्तर छोड़ा जा रहा है। इसके बाद भी किसानों ने पानी नहीं मिलने की शिकायत की है, ऐसे में इस बात की जांच करवाएंगे कि, पानी कहां रुक रहा है या किसान रोका है।

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