फिर से चम्बल को थर्राने की साजिश को बेनकाब करने में जुटी पुलिस और एटीएस
जगदीश शुक्ला, ग्वालियर.
चम्बल की पुरसुकून और अमन पसंद वीर प्रसूता वसुधा पर बीते दिनों दहशतगर्दी ने जिस कदर दबे पांव दस्तक देने की कायराना कोशिश की है, उससे जनमानस चिंतित और व्यथित है। खून-खराबा और हिंसा का यहां लम्बा इतिहास होने के बावजूद बस में लावारिस हालत में मिले टाइम बम ने एक बार फिर से लोगों की चिंता बढ़ा दी है। लावारिस हालत में मिला टाइम बम भले ही अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो सका, लेकिन यहां की शांत फिजा में जिस तरह इस घटना के बाद आतंक पसरा है, वह चिंताजनक होने के बावजूद यहां के नागरिकों को आत्मरक्षा के लिये हर वक्त सतर्क रहने का संकेत भी दे गया। हालांकि अंचल में पहली बार दबे पांव आतंकवाद की दस्तक के बाद प्रशासनिक अमले ने सक्रिय होकर लोगों में दहशतगर्दी के भय को दूर करने की सराहनीय कोशिश भी की है, जिसके लिये जिले का प्रशासनिक अमला बधाई का पात्र भी है।
गौरतलब है कि बुधवार की शाम मुरैना से ग्वालियर जाने वाली एक बस से उतरकर एक संदिग्ध युवक बानमौर कस्बे के पास राजे पेट्रोल पम्प पर एक थैले में रखे टाइम बम को लावारिस हाल छोड़कर मौके से गायब हो गया था। पेट्रोल पम्प कर्मचारी धर्मेन्द्र की नजर जब लावारिस हाल रखे लाल रंग के थैले पर पड़ी तो उसने बगैर देर किये इसकी इत्तला बानमौर थाना पुलिस को दी। सूचना के बाद मौके पर पहुंचे पुलिस कर्मी किशन यादव एवं राजेश कुशवाह ने तत्परता से उस थैले को एक बांस की मदद से दूर खेत में रखकर पुलिस अधिकारियों को इस संबंध में सूचित किया। पुलिस अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर मामले की जांच शुरू की तो थैले में बम के साथ दो परिचय पत्र भी मिले, जिनपर मथुरा के गोविंदपुरा का पता अंकित था। पुलिस अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर आनन-फानन में बम निरोधक दस्ते के लिये बीएसएफ के बम निरोधक दस्ते सहित अन्य जांच विशेषज्ञों को बुलाकर बम को डिफ्यूज करवाया। मामले की जांच के दौरान प्राथमिक तौर पर यह बात स्पष्ट हो चुकी थी, कि बम के साथ थैले में रखे परिचय पत्र जांच को गुमराह करने के उद्देश्य से रखे गये हैं। पूछताछ के दौरान यह बात भी उजागर हुई कि, अज्ञात युवक के साथ बस में एक अन्य नौजवान एवं एक महिला भी थी, जोकि बाद में वहां से गायब हो गये। मामले की जांच में लगी एटीएस की टीम ने आज बम के साथ मिले परिचय पत्रों की छानबीन मथुरा के गोविंदपुरा क्षेत्र में पहुंचकर की, लेकिन वहां इस नाम का कोई नहीं मिला। इसी प्रकार मथुरा परिवहन कार्यालय में भी संदिग्धों की खोज-खबर की, लेकिन काफी मशक्कत के बाद भी जांच दल के सदस्यों को कोई सफलता नहीं मिली।
तरह तरह के कयास....
चम्बल अंचल की शांत फिजा में आतंकवाद की इस दस्तक को पुलिस एवं प्रशासन ने एक चुनौती के रूप में लिया है। घटना के बाद बसों एवं अन्य वाहनों की जांच भी शुरु की गई है। अंचल में पहलीबार आतंकवादी प्रयास के बाद इसके बारे में जनसतह में तरह-तरह के कयास लगाये जा रहे हैं। किसी का अनुमान है कि यह बम बानमौर से कुछ किलोमीटर के फासले पर पेट्रोल एवं डीजल के विशाल भण्डार रायरू डिपो पर रखे जाने थे। संभवत: किसी चूक के कारण आरोपियों ने यह बम बानमौर में रखे। वहीं कुछ लोग इसे शरारती तत्वों की हरकत मान रहे हैं। कुछ लोग बम के विस्फोट से भारी जानमाल की हानि होने की आशंका जता रहे हैं,वहीं कुछ लोग इसे कमतर आंककर इसे कम विस्फोटक क्षमता का बता रहे हैं। हालांकि अभी बम की विस्फोटक क्षमता के संबंध में जांच रिपोर्ट आने से पूर्व कुछ भी नहीं कहा जा सकता है, फिर भी जिस तरह बम रखकर यहां की शांत वातावरण को अशांत बनाने की कोशिश की गई है, उससे यह तय है कि बम रखने वालों के मंसूबे अच्छे नहीं थे। बम रखे जाने का उद्देश्य भले ही लोगों में दहशत फैलाना रहा हो तथा उसकी विस्फोटक क्षमता कितनी ही कम क्यों न हो, बम रखे जाने के पीछे उनकी एक मंशा तो साफ है कि, वे यहां की शांत फिजा में अशांति फैलाना चाहते थे। सुकून की बात यह है कि उनके मंसूबे कामयाब नहीं हो सके।
कहते हैं जिम्मेदार
बुधवार की शाम बानमौर कस्बे के पैट्रोल पम्प के पास लावारिस हालत में मिले बम के मामले में अभी जांच चल रही है। बम की विस्फोटक क्षमता की जांच के लिये उसे प्रयोगशाला भेजा गया है। मामले की जांच में एटीएस के साथ ही एसटीएफ एवं स्पेशल ब्रांच को लगाया गया हैं। जल्दी ही जांच के परिणाम सामने आयेंगे।
जयदेवन एस., पुलिस अधीक्षक, मुरैना
चम्बल में दहशत गर्दी की दस्तक...
दिसंबर 16, 2012
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