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इधर सुशासन का संकल्प, उधर मनमाना आदेश..

जौरा के मुख्य नगर पालिका अधिकारी की मनमानी
अब सफाई कर्मी करेंगे लिपिक एवं दरोगा का काम

 
जौरा.


सुशासन की शपथ के बाद कुशासन...प्रदेश सरकार प्रशासनिक कसावट लाने के लिये चाहे जितने प्रयास कर ले, लेकिन अधिकारियों की मनमानी पर लगाम लगा पाना बहुत मुश्किल होता जा रहा है। हाल ही में एक ऐसा ही मामला नगर परिषद जौरा में उजागर हुआ है। मुख्य नगर पालिका अधिकारी ने प्रदेश सरकार के निर्देशों के तहत अधिकारी कर्मचारियों को सुशासन की शपथ दिलाने के महज कुछ घण्टों बाद ही सुशासन के संकल्प की एसी धज्जियां उड़ा्इं ग्इं कि देखने-सुनने वाले हैरान हैं। मुख्य नगर पालिका अधिकारी ने नागरिकों को सुशासन की शपथ दिलाने के कुछ घण्टे बाद ही निकाय के एक पार्षद के दो सफाई कर्मी पद पर कार्यरत परिजनों को वरिष्ठताक्रम की अनदेखी कर मनमाने तौर पर प्रमोशन दे डाला।
मुख्य नगर पालिका अधिकारी द्वारा निकाय के एक पार्षद को निजी लाभ देने की गरज से हाल ही में उसके सफाई कर्मी के पद पर कार्यरत एक भाई एवं पुत्र को आवक-जावक लिपिक एवं प्रभारी दरोगा बनाये जाने के मनमाने आदेश जारी किये हैं। ज्ञातव्य हो कि उक्त पार्षद का सफाई कर्मी के पद पर पदस्थ एक अन्य भाई पूर्व से ही प्रभारी दरोगा का कामकाज देख रहा है। जानकारों का कहना है कि मुख्य नगर पालिका अधिकारी को बगैर अध्यक्षीय परिषद के ठहराव के इस प्रकार के आदेश जारी करने का अधिकार नहीं है। हद तो यह है कि मुख्य नगर पालिका अधिकारी ने इस आदेश में राज्य शासन के बरिष्ठताक्रम के दिशा-निर्देशों की भी की है।  

सुशासन की शपथ के बाद कुशासन...
मुख्य नगर पालिका अधिकारी के आदेश के बाद निकाय के जनप्रतिनिधि एवं कर्मचारी सकते में हैं। इसके साथ ही इस मनमाने आदेश के बदले में लेन देन की चर्चाएं भी जोर पकड़ रहीं हैं। कुछ लोग हाल ही में सीएमओ के निजी ड्रायवर के निकाय सामग्री को शासकीय गाड़ी में रखकर कबाड़े की दुकान पर बेचने के दौरान रंगे हाथों पकड़े जाने के मामले में पार्षद का मुंह बंद करने का प्रयास बता रहे हैं 

कर्मचारी पूर्व में ही कर चुके हैं शिकायत...
पार्षद एवं उसके परिजनों के संबंध में निकाय के सभी कर्मचारी सामूहिक रूप से पूर्व में ही प्रशासनिक अधिकारियों सहित मंत्रालय को पद का दुरूपयोग करने एवं निकाय में स्वार्थों की पूर्ति के लिये कर्मचारियों पर अनावश्यक दबाव डालने की शिकायत कर चुके हैं। जानकारी के अनुसार सालभर पहले निकाय में पदस्थ लेखापाल एवं कैशियर भी एक लिखित आवेदन देकर इसी पार्षद एव उसके रिश्तेदारों के खिलाफ दबाव ड़ालने और धमकी देने की शिकायत कर चुके हैं।

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