वर्तमान में मीडिया में घुस आए चरित्रहीन और धन-सत्ता लोलुपों के कारण नौजवान पीढ़ी का भरोसा डगमगा गया है। हमारे वाराणसी के युवा पत्रकार साथी राम सुन्दर मिश्रा ने इसी गिरावट का खुलासा बेहद ईमानदारी और दिलेरी से किया है। उनके पत्र को जस का तस प्रकाशित कर रहे हैं। अपेक्षा है कि, मीडिया के साथी और हर पाठक इस पत्र को सिर्फ पढ़कर ही इतिश्री न करें, बल्कि इस मुद्दे पर आगे भी अपनी भूमिका जरुर निभाएं।
इसी अपेक्षा के साथ-
न्यूज रेलिक टीम
सेवा में,
परम आदरणीय संपादक जी,
विषय - इलेक्ट्रानिक मीडिया की लगाम गुंडों माफियाओ के हाथ में होने के विषय में
महोदय ,
मैंने, राम सुंदर मिश्र काशी हिन्दू विश्व विद्यालय से स्नातक करने के उपरांत मार्केटिंग में नौकरी करके अपना और अपने परिवार के जीवन का भरण पोषण करते थे, टीवी पत्रकारिता से मैं काफी प्रभावित रहता था। उसी का परिणाम रहा की मेरे एक मित्र ने स्थानीय केबल चैनल की शुरुआत की और मुझे मार्केटिंग की जिम्मेदारी सौप दी। मैं मार्केटिंग के साथ-साथ रिपोर्टिंग करने लगा । कुछ साल बाद मेरे मित्र ने चैनल बंद कर दी। उसके बाद मैं दूसरे लोकल केबल चैनल में काम करने लगा। अपनी मेहनत और कर्मठता के बल पर शहर में अलग छवि बना ली। इसी दौरान जब जी न्यूज यूपी आया और वाराणसी के ब्यूरो इंचार्ज विकास कौशिक ने मुझे जी न्यूज में बतौर स्ट्रिंगर रिपोर्टर के रूप में रखवा दिया। लगभग 3 सालों तक जी न्यूज में काम करता रहा हं, जी न्यूज के बदौलत मैंने समाज में अपनी एक नयी पहचान बनाई। सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा था, लेकिन कुछ प्रायोजित विवादों का ऐसा शिकार हुआ की कुछ माह पूर्व जी न्यूज से सम्बन्ध टूट गया, लेकिन मुझे इस बात का गर्व था की मैंने अपने सिद्धांतो और पत्रकारिता के मूल सिद्धांत के साथ समझौता नहीं किया। बहुत कठिनाईयों के साथ मंजिल पाने के लिए जीवन में संघर्ष कर रहा हूं। लेकिन विगत 16 दिसंबर को एक ऐसी घटना घटी, जिससे पत्रकारिता को लेकर मेरा मन टूट सा गया है। और वो घटना थी, वाराणसी में केबल ब्यवसाय को लेकर शिवपुर थाना क्षेत्र में पुष्कर शुक्ल की हत्या। इस हत्या कांड में डेन के निदेशक धर्मेन्द्र सिंह उफर् दिनेश कुमार सिंह उफर् दिनु का नाम सामने आया, जिनका पूर्व में भी कई आपराधिक घटनाओ में नाम है। पत्रकारिता के मूल सिद्धांत के विपरीत स्थानीय से लेकर नेशनल चैनल तक ने खबर का प्रसारण नहीं किया। लेकिन जी न्यूज उत्तर प्रदेश/उत्तराखंड और जी न्यूज ने प्रमुखता से खबर का प्रसारण किया। समाचार पत्रों ने भी इस घटना की निंदा करते हुए घटना को प्रमुखता से स्थान दिया, लेकिन सबसे बड़ा दुर्भाग्य ये रहा कि, जी न्यूज और जी न्यूज यूपी पर खबर चलते ही डेन ने दोनों चैनलो का प्रसारण ही बंद कर दिया है। क्योकि हत्या कांड के आरोपी डेन के निदेशक धर्मेन्द्र सिंह उफर् दिनेश कुमार सिंह उफर् दिनु का नाम सामने आया था और दोनों चैनलो ने खबर को प्रमुखता से दिखाया था। दिनु का आपराधिक इतिहास भी मै आपको दे रहा हूं, जो मेल के साथ फाईल अटैच कर रहा हंू। कृपया आप स्वयं देख ले कि, कौन लोग ऐसे हैं जिनके हाथ में आपने मीडिया की लगाम दे रखी है। डेन के निदेशक धर्मेन्द्र सिंह उफर् दिनेश कुमार सिंह उफर् दिनु अपने परिवार में अपराधी नहीं बल्कि इसका भाई नागेश सिंह, संजय सिंह और साला सतेन्द्र कुमार भी अपराधी है, ये सभी वाराणसी के थाना रामनगर के हिस्ट्रीशीटर है। सभी का आपराधिक इतिहास साथ में दे रहा हूं।
वाराणसी में खबर दिखाने के बाद प्रसारण बंद होने से इलेक्ट्रानिक मीडिया की काफी बदनामी हो रही है कि, आखिर ऐसा क्यों? क्या यही रह गया है कि, पत्रकारिता में सबसे विश्वसनीय माना जाने वाला इलेक्ट्रानिक मीडिया अब इन गुंडों और माफियाओ के हाथ से संचालित होगा। ये एक बड़ा सवाल आप सबके सामने रख रहा हूं। आप स्वयं उचित निर्णय लें, ताकि इन माफियाआ को कानून के शिकंजे में पहुंचाया तथा इलेक्ट्रानिक मीडिया की साख को बचाया जा सके।
निवेदक,
राम सुंदर मिश्र,
वाराणसी.
09336933552, 09918701615
इलेक्ट्रानिक मीडिया की लगाम माफियाओं के हाथ में
दिसंबर 30, 2012
0