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विद्यालयों की प अक्षर से बनेगी विशेष साख

10 प अक्षर मिलने से समृद्धशाली होंगे विद्यालय
पन्ना.


जिले के विद्यालयों को समाज के हर क्षेत्र में अच्छी से अच्छी शिक्षा दिलाने के लिए शिक्षा विभाग के सहायक संचालक द्वारा 10 प के फार्मूलों का प्रयोगकर अद्भुत कार्य कर दिखाया है. जो भी विद्यालय 10 प अक्षर को विस्तार से लागू कर लेगा वह विद्यालय अपने क्षेत्र ही नहीं अपितु जिले व प्रदेश में नाम रोशन कर सकता है.
उल्लेखनीय है कि 10 प अक्षर का फार्मूला केवल अच्छी प्रवृत्ति व अच्छी सोच के साथ कार्य करने वाले प्राचार्यों, शिक्षकों व छात्रों के लिए उपर्युक्त माना जा रहा है. जिले के हर हाईस्कूल व हायर सेकेण्डरी के प्राचार्यों को 8 प अक्षर के फार्मूले को जानकर अधिक खुशी हो सकती है. उन आठ प अक्षरों को हासिल करना कोई बड़ी बात नहीं है. इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए प्राचार्य, शिक्षकों व छात्रों को अपने - अपने कार्यों में ईमानदारी से जुटना होगा. इन आठ प अक्षरों के फार्मूले के लागू होने से उस विद्यालय के प्राचार्य, शिक्षकों को राजनैतिक, प्रशासनिक स्तर पर सम्मान मिलेगा. वहीं उस विद्यालय को जिले के प्रशासनिक मुखिया एवं राजनेता भी आर्थिक रूप से महत्व देंगे. विद्यालय के हर वर्ष का परीक्षा परिणाम भी जिले एवं प्रदेश में नाम रोशन कर सकता है. शिक्षा विभाग में पदस्थ सहायक संचालक अंजनी त्रिपाठी ने बताया कि पहला प से आशय अच्छी पढ़ाई से है. दूसरा प से आशय पर्यावरण से है. अच्छे पार्यावरण होने से छात्रों व शिक्षकों, मन, मस्तिस्क अच्छे कार्यों में रूचि रखता है. विद्यालय में तीसरे प से पुस्तकालय होने से छात्रों को हर क्षेत्र में ज्ञान उपलब्ध होता है. चौथा प का प्रयोगशाला से आशय है. छात्र को प्रयोग करने में अधिक रूचि रखते हैं. उससे उनकी प्रतिभा निकल कर आती है. पांचवे प का आशय पेयजल से है. विद्यालय में स्वच्छ पेयजल से छात्रों को बीमारी नहीं फैलती और स्वस्थ रहते हैं. वहीं छठवें प से आशय पाठ सहगामी क्रियाओं से है. पाठ सहगामी क्रियाओं में खेलकूद, निबंध व अन्य प्रतियोगिताओं को सम्पन्न कराना चाहिए. सातवें प से आशय है कि प्रशाधन शौचालय को साफ - स्वच्छ होना चाहिए. ऐसा माना जाता है कि हमारी संस्कृति में देवालय, भोजनालय, विद्यालय एवं शौचालय हमेशा साफ - स्वच्छ रखे जाते हैं. सातवें प के पश्चात सबसे महत्वपूर्ण आठवां प होता है. इस आठवें प से विद्यालय को अच्छा परीक्षा परिणाम लाना पड़ता है. परीक्षा परिणाम श्रेष्ठ आने से विद्यालय की पूंछ परख बढ़ जाती है.

नौंवा व दसवां प देते हैं बजट
विद्यालय में 8 अक्षर प के फार्मूले को लागू करने के पश्चात जब समाज में स्कूल की साख बन जाती है तो फिर किसी भी राजनेता अथवा जिले के मंत्री, प्रभारी मंत्री को बुलाना आसान हो जाता है. प्रभारी मंत्री के आने पर विद्यालय के लिए पैसा देकर जाते हैं. इन समस्त दस प अक्षर के फार्मूले की सफलता का परिणाम सभी के समक्ष प्रस्तुत है. सतना जिले के बिरसिंहपुर शा. उ.मा. विद्यालय के पूर्व शिक्षा मंत्री इन्द्रजीत पटेल ने एक करोड़ की राशि दी थी. वहीं शा. कन्या उ.मा. विद्यालय धवारी में कलेक्टर द्वारा करोड़ों की जमीन विद्यालय को दी थी, इसी प्रकार स्टेशन रोड स्थित महारानी लक्ष्मी बाई उ.मा.विद्यालय सतना में मंत्री बाबूलाल गौर द्वारा 51 लाख रू. दिए गए थे.

दस प अक्षरों का महत्व
प - पढ़ाई
प - पुस्तकालय
प - प्रयोगशाला
प - पर्यावरण
प - पेयजल स्वच्छ
प - पाठ सहगामी क्रियाएं
प - प्रशाधन
प - परीक्षा परिणाम
प - प्रभारी मंत्री
प - पैसा

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