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जबरन थमाते हैं चिल्लर के बजाय चाकलेट या माचिस

खुल्ले पैसे की कमी से परेशान हैं ग्राहक और दुकानदार
 
शब्बीर अहमद, बेगमगंज.

जहां एक ओर रिजर्व बैंक व्यापारियों को एक, दो, पाचं एवं दस रुपए के सिक्के बड़ी संख्या में उपलब्ध कराने का दावा कर रहा है, वहीं दूसरी ओर, बेगमगंज में चिल्लर की कमी मुंह बाए खड़ी है। ग्राहक के पास खुल्ले पैसे नहीं होने पर दुकानदार उसे चाकलेट या माचिस थमा देता है। ऐसे में गांवों से आने वाले ग्राहकों को न चाहते हुए भी माचिस ले जानी पड़ती हैं। हलांकि, स्टेट बैंक के जरिए, जो चिल्लर प्रदान की जाती है, वह उनके ग्राहकों और बड़े व्यापारियों तक पहुंचती है, लेकिन छोटे दुकानदार फिर भी चिल्लर की कमी से जूझ रहे है।
शहर में रोजाना सैकड़ों ग्राहको को इस तरह के हालात से दो-चार होना पड़ रहा है। इस तरह की शिकायत सिर्फ किराना दुकान की ही नहीं है, बल्कि बसों में सफर करने वाले यात्रियों, टोल टैक्स नाकों, चाय पान की गुमठियों सहित दुग्ध कार्नरों की भी है। करीब डेढ़ माह पहले स्टेट बैंक ने 1, 2, 5 के सिक्के व्यापारियों को दिए थे, बावजूद इसके नगर में चिल्लर का भारी संकट है। नगर में पांच, दस के कटे-फटे नोट चल रहे हैं, जिन्हें कई जगह टेप से जोड़ा गया होता है। दूसरी ओर, बैंक टेप लगे नोट जमा करने से साफ मना कर रहे हैं, लेकिन यही फटे नोट चिल्लर की कमी के चलते मार्केट में अवश्य चल रहे है।

देते हैं, लेकिन लेने से करते हैं मना
स्टेट बैंक कालोनी में रहने वाले रिटायर्ड शिक्षक हजारी लाल प्रतिदिन सुबह दुकान पर दूध लेने जाते है तो एक रुपया खुल्ला नहीं होने के कारण दुकानदार शेष पैसों की चाकलेट या माचिस थमा देता है। जब वह घर पर रखी चाकलेट या माचिस दुकानदार को वापस देते है, तो वह लेने से इंकार कर देता है। यह शिकायत अकेले हजारी लाल की दूध की दुकान की नहीं है। किराना दुकान से लकर मेडीकल स्टोर तक पर खुल्ले पैसे के बदले चाकलेट, हाजमोला या माचिस नहीं लेने पर फिर अतिरिक्त सामान लेने के लिए दबाव बनाया जाता है। खुल्ले पैसों के चक्कर में दुकानदारों से ग्राहकों की अक्सर बहस होती रहती है।

दुकानदारों को हो रहा है दोहरा मुनाफा
बाजार से जुड़े सूत्र बताते हैं कि, अधिकतर दुकानदार जानबूझकर अतिरिक्त मुनाफा पाने के लिए जबरन चाकलेट या माचिस देते है। चाकलेट और माचिस कंपनियां दुकानदरों को 20 फीसदी और हल्की चाकलेट माचिस पर 35 फीसदी तक कमीशन देती है। इसके चलते बड़े दुकानदार जहां रोजाना 400 रुपए की और छोटे दुकानदार 200 रुपए तक की चॉकलेट माचिस बेच लेते हैं। गौरतलब होगा कि, नगर में दो हजार से ज्यादा छोटे-बड़े दुकानदार हैं।

कर सकते हैं शिकायत
करंसी के बदले चाकलेट या माचिस देना, गैर कानूनी है। ग्राहक इसके खिलाफ कलेक्टर, अनुविभागीय अधिकारी, खाद्य आपूर्ति विभाग को अपनी शिकायत मय शपथ पत्र के कर सकते हैं। इसके अलावा कंज्यूमर कोर्ट में सीधे शिकायत दर्ज करवा सकता है। हालांकि, यह प्रक्रिया बेहद लंबी होने के अलावा स्थानीय स्तर पर संबंधों को प्रभावित कर सकती है। ऐसे में कोई भी शिकायत नहीं करता और परेशान होता रहता है।

चिल्लर मुहैया करवाने की बढ़ती मांग
नगर के व्यापारिक संस्थानों नफीस किराना स्टोर, प्रिंस जनरल स्टोर, गुलाब किराना स्टोर, नोमानी ट्रेडर्स, श्रीजी ट्रेडर्स, शमीम किराना स्टोर, शाहमीर किराना स्टोर, साहू किराना स्टोर, हाजी किराना स्टोर के अलावा हजारी लाल, एसपी सिंह, मंशाराम, उदयराम यादव, महेश नेमा, कमलेश विश्वकर्मा, राशिद मंसूरी, शाहिद दाद खां, इरशाद बाबू, भगवानदास नेमा, विष्णु साहू, सुनील शर्मा, नासिर नवाब, विपिन तोमर आदि ने कलेक्टर रायसेन से बैंकों के माध्यम से चिल्लर उपलब्ध कराने की मांग की है।

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