ब्यूरो, लखनऊ.
सिविल एविएशन मंत्री चौधरी अजीत सिंह |
आरएलडी सुप्रीमो चौधरी अजीत सिंह ने एक प्रेस वार्ता में कहा की प्रदेश की सरकारों ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय और एअरपोर्ट अथारिटी के नए हवाई अड्डों के निर्माण और विकास के कदम का कोई साथ नहीं दिया है। अजीत सिंह ने साफ किया की प्रदेश की सरकार को दो दर्जन चिट्ठी भेजने के बाद भी सरकार गंभीर नहीं है और उसका कोई जवाब नहीं दे रही है। नए हवाई अड्डों के निर्माण के लिए सरकार कोई कदम नहीं उठा रही है, जिसका अहसास इसी से हो जाता है कि, अड्डों के निर्माण के लिए जमीन उपलब्ध नहीं करा रही है।
दिल्ली साढे तेरह और यूपी दो फीसदी भी नहीं
अजीत सिंह ने बताया कि, दिल्ली के इंटरनेशनल एअरपोर्ट का देश की जीडीपी में 13.5 फीसदी योगदान है, लेकिन देश की कुल आबादी के 18 फीसदी वाले यूपी का 2 प्रतिशत से भी कम योगदान है। यूपी में एअरपोर्ट अथारिटी के महज दो हवाई अड्डे हैं, जो दुर्दशा की कहानी बयां कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि, देश के कोने-कोने से नेता उनके पास आते हैं और अपने शहर के लिए हवाई अड्डे की मांग करते हैं, लेकिन यूपी से कोई मांग नहीं आती है। इसके बाद भी अगर हम हवाई अड्डा बनाना चाहते हैं तो यूपी सरकार जमीन नहीं उपलब्ध कराती।
आरक्षण बिल का किया विरोध
चौधरी अजीत सिंह ने प्रमोशन में आरक्षण के मुद्दे पर यूपीए सरकार को सबको विशवास में लेने की सलाह दे डाली और कहा कि, जिस स्वरुप में ये बिल आया है, उनकी पार्टी इसका विरोध करती है। इतना ही नहीं, उन्होंने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट की एक बेंच की मांग भी कर दी और कहा की इलाहाबाद के नेताओं ने इसका हमेशा ही विरोध किया है। अजीत सिंह ने यूपी सरकार पर ये भी आरोप लगाए की सरकार किसानो के साथ न्याय नहीं कर रही है और उनके साथ धोखा हुआ है।
कभी दोस्त थे, अब मुखालिफ हो गए
कभी समाजवादियों के साथी रहे चौधरी अजीत सिंह अब सपा सरकार के खुले विरोधी हैं और सीधे आरोप लगा रहे हैं। हवाई अड्डों के मुद्दे पर तो अजीत सिंह ने यूपी की बीस सालों की सियासत पर सवाल खडा कर दिया, लेकिन अजीत सिंह ये भूल गए की उनकी राष्ट्रीय लोक दल पार्टी भी कई दफे यूपी की सत्ता का स्वाद चख चुकी है।