पंकज साहू, ओबैदुल्लागंज.
औबेदुल्लागंज के समीप ग्राम खसरोद में चल रही श्रीमद भागवत कथा में उज्जैन धाम मंदिर के महामंडलेश्वर श्री स्वामी शांति स्वरूपानंद जी महाराज ने भगवान शब्द की व्याख्या करते हुए कहा कि, यह 6 होती है, ज्ञान, वैराग्य, यश, एश्वर्य, श्री और धर्म जिसमे यह 6 गुण सदा विद्यमान रहे उसे भगवान कहते है। जब धर्म की हानि हो जाती है, तब भगवान का अवतार होता है। संत सुधारने का काम करते है, जब संतो से समाज नहीं सुधरता तब भगवान संहार करने आते है। स्वामी जी ने कहा कि, मन स्वभाव जल की तरह है, जल नीचे की ओर जाता है, उसी तरह मन भी विषयों की और जाता है, जैसे जल को ऊपर चढ़ाने के लिए मोटर लगानी पड़ती है, वैसे ही मन ऊपर परमात्मा में ले जाने को सत्संग साधना करनी पड़ती है।
धर्म की स्थापना के लिए होता है अवतार
दिसंबर 19, 2012
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