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एफडीआई और निजीकरण के खिलाफ फूटा गुस्सा

11 ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मोर्चा ने रैली निकालकर नीलम पार्क के पास सैकड़ों श्रमिकों ने दी गिरफ्तारी ब्यूरो, भोपा


खुदरा व्यापार के क्षेत्र में एफडीआई और मुनाफे में चल रहे सार्वजनिक उद्यमों को मल्टीनेशलन कंपनियों को बेचने के खिलाफ 11 केंद्रीय श्रम संगठनों एवं विभिन्न कर्मचारी संगठनों ने रैली निकालकर गिरफ्तारी दी। 
टेड यूनियनों के संयुक्त मोर्चा के आव्हान मंगलवार को यादगारे शाहजहांनी पार्क से नीलम पार्क तक रैली निकाली गई, जिसके चलते करीब दो घंटे तक जाम लगा रहा।
टेड यूनियनों के संयुक्त मोर्चा में शामिल भामसं के सुल्तान सिंह शेखावत, इंटक के आरडी त्रिपाठी, एटक के रुपसिंह चौहान, सीटू के प्रमोद प्रधान, एआईयूटीयूसी के जेसी बरई, टीयूसीसी के रामचंद्र परमार ने रैली को संबोधित किया। इन्होंने कहा कि, बीते वर्ष पूंजीपतियों को 5 लाख करोड़ तक की कर अदायगी में छूट दी गई, दूसरी ओर श्रमिको का न्यूनतम वेतनमान 10 हजार करने के लिए समय नहीं है। एफडीआई के नाम पर विदेशी लूट के लिए रास्ता खोला जा रहा है। प्रदेश में श्रम कानूनों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। यूनियनों के पंजीकरण में मालिकों के इशारे पर रोड़े अटकाए जा रहे हैं। आजादी के 65 साल बाद भी श्रमिको के लिए कोई सामाजिक सुरक्षा नहीं है।

20-21 फरवरी को देशव्यापी हड़ताल
संयुक्त मोर्चा के प्रवक्ता पूषण भट्टाचार्य ने बताया कि देश और जनविरोधी नीतियों के खिलाफ 20 और 21 फरवरी को देशव्यापी हड़ताल होगी। इसके जरिए बढ़ती महंगाई पर लगाम, रोजगार कटौती पर रोक, श्रम कानूनों का पालन, लाभ वाले उपक्रमों का विनिवेश बंद किया जाए, सामाजिक सुरक्षा, महंगाई सूचकांक से जोड़ते हुए न्यूनतम वेतन, ईपीएफ पर सीलिंग बंद करने की मांग होगी।

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