सड़क मरम्मत कार्य संतोषजनक नहीं होने पर कलेक्टर ने दिया अल्टीमेटम
एमआरपी के बजाय कम रेट पर होगी दवा खरीदी और गरीबों को मिलें प्लाट
ब्यूरो, भोपाल.
सड़कों की मरम्मत और डामरीकरण में बरती जा रही कोताही और भ्रष्टाचार से आजिज आए कलेक्टर निकुंज कुमार श्रीवास्तव अब स्वयं सड़कों पर उतरेंगे।
जी हां, कलेक्टर अगले दो दिनों में राजधानी में सड़क मरम्मत की असलियत जानने के लिए मुआयना शुरु करेंगे। सोमवार को टाइम लिमिट की बैठक में कलेक्टर ने पीडब्ल्यूडी के कार्यपालन यंत्री से दो टूक कहा कि, जिले में सड़कों के निर्माण और मरम्मत का कार्य संतोषजनक नहीं है। सड़कों के निर्माण कार्य को पूरा करने के लिए तय की गई समय सीमा के हिसाब से काम नहीं हो रहा है। ठेकेदारों से गुणवत्तापूर्ण काम करवाने की जिम्मेदारी विभाग की है, ऐसा नहीं होने पर पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर जिम्मेदारी से बच नहीं सकेंगे। बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत राकेश श्रीवास्तव, एडीएम बसंत कुर्रे, उमाशंकर भार्गव तथा अन्य विभागों के जिला प्रमुख मौजूद थे।
वास्तविक दर से खरीदें दवाएं
कलेक्टर ने सीएमएचओ डॉ. पंकज शुक्ला को ताकीद की कि अस्पतालों के लिए खरीदी जाने वाली दवाईयां वास्तविक कीमत पर खरीदी जायें ना की एमआरपी पर। कईं कंपनियों द्वारा एमआरपी अधिक रखी जाती है और कभी कभी तो यह वास्तविक कीमत से दोगुने से भी अधिक होती है। इसलिए जरूरी है कि दवाईयों के वास्तविक मूल्य की बारीकी से तस्दीक कर उन्हें वास्तविक मूल्य पर क्रय किया जाए।
धरपकड़ की कार्रवाई जारी रखें
कलेक्टर ने कृषि और खाद्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अमानक स्तर के खाद बीज बेचने वालों और खाद बीज बेचने में गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ धरपकड़ की कार्रवाई जारी रखें। उन्होंने खनिज अधिकारी से भी कहा कि वे अवैध खनिज उत्खनन और परिवहन पर कड़ी निगरानी रखें । जो भी व्यक्ति अवैध उत्खनन व परिवहन करते पाए जाय उनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई करे।
कमजोर वर्गों को दिलाएं भूखंड
कलेक्टर ने निर्देशित किया कि, आवासीय कालोनियो में आर्थिक रूप से कमजोर तथा निम्न आय वर्ग के लिए भूखण्ड और आवास शासन के प्रावधान अनुसार दिलाना सुनिश्चित किया जाए। परियोजना अधिकारी जिला शहरी विकास अभिकरण से कहा कि वह सोसाइटियों और बिल्डर्स से इस संबंध में प्राप्त प्रस्तावों पर तत्परता से विचार करें और पात्र व्यक्तियों को आवासीय भूखंड और आवासीय ईकाईयां दिलाना गंभीरता से सुनिश्चित करें।
स्कूलों के निर्माण में हो रही है देरी
कलेक्टर ने स्कूल भवन निर्माण में हो रही कोताही पर कहा कि, बर्दाश्त नहीं की जायगी। शिक्षा मिशन के तहत माचना कालोनी और बागसेवनियां के शालाओं के निर्माण की गति अंत्यंत धीमी है, इसी प्रकार हर्राखेड़ा माडल स्कूल की धीमी गति पर भी कलेक्टर ने क्षोभ व्यक्त किया।
डामरीकरण की सच्चाई परखने सड़कों पर उतरेंगे कलेक्टर
दिसंबर 10, 2012
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