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परिवर नियोजन को ठेंगा : 42 वर्षीय महिला ने दिया 14वें बच्चे को जन्म

कुपोषण प बीमारी के चलते चार बच्चों की पूर्व में हो चुकी है मौत
दादी और मां बनने का सुख एक साथ मिला पन्ना जिले की महिला को
प्रदेश में परिवार नियोजन कार्यक्रम के आंकड़ों के खिलाफ है सच्चाई

अरुण सिंह, पन्ना.


प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र सलेहा
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र सलेहा
मध्यप्रदेश में परिवार नियोजन कार्यक्रम को यह आइना दिखाने जैसा है। बुन्देलखण्ड क्षेत्र के सबसे पिछड़े जिले पन्ना में एक बयालिस वर्षीय महिला ने सरकारी अस्पताल में चौदहवें बच्चे को जन्म दिया है। इस महिला के चार बच्चों की मौत बीमारी और कुपोषण के चलते पूर्व में हो चुकी है, लेकिन 10 बच्चे अभी भी जीवित हैं। सबसे बड़े बच्चे की उम्र 20 वर्ष है, जिसकी शादी हो चुकी है और इसके भी दो बच्चे हैं।

भूरीबाई
भूरीबाई

दादी बनने के साथ ही मां बनने का रिकार्ड बनाने वाली महिला श्रीमती भूरीबाई पत्नी श्याम लाल साहू जिला मुख्यालय पन्ना से लगभग 60 किमी दूर स्थित ग्राम उजनेही की निवासी है। इस महिला ने तीन दिन पूर्व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र सलेहा में अपने चौदहवें बच्चे को जन्म दिया है। जच्चा और बच्च दोनों स्वस्थ्य हैं। आर्थिक तंगी और गरीबी के बावजूद महिला या उसके पति को इस बात की कोई फिक्र नहीं है कि, उनके इतने बच्चे हैं। भूरीबाई का कहना है कि, बच्चे तो भगवान की देन हैं, इसमें भला हम क्या कर सकते हैं।

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श्यामलाल साहू
श्यामलाल साहू
मजदूरी करके किसी तरह परिवार का भरण पोषण करने वाले 14 बच्चों के के पिता श्यामलाल साहू के अनुसार, उसके बड़े बेटे 20 वर्षीय राकेश की शादी हो चुकी है और उसके दो बच्चे हैं। इसके बाद बेटी सुषमा 18 वर्ष, बिटुआ 16 वर्ष, कल्लू 14 वर्ष, गौरीबाई 12 वर्ष, सविता 10 वर्ष, सौरभ 8 वर्ष, गौरव 6 वर्ष, छोटी 4 वर्ष तथा हाल में जन्मी बच्ची तीन दिन की है। परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत नसबंदी करवाने के सवाल पर श्यामलाल का कहना है कि, मेहनत मजदूरी करनी पड़ती है, आपरेशन कराने से कमजोरी आ जाती है, इसलिए नहीं कराया। गांव की महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता ने भूरी बाई को आॅपरेशन कराने के लिए कहा था, लेकिन वह भी तैयार नहीं हुई। इसके नतीजे में बच्चों की भारी भरकम फौज इस परिवार के लिए समस्या बन चुकी है। बच्चों का न तो ठीक ढंग से पालन पोषण हो पा रहा है और न ही उन्हें उचित शिक्षा मिल पा रही है। अब आगे क्या इरादा है, यह पूछे जाने पर श्यामलाल मुस्कुराकर कहता है, भगवान की जो मर्जी होगी वही होगा, हम भला क्या कर सकते हैं।


परिवार नियोजन से छूटने की होगी जांच
 डा. जीपी सिंह

पन्ना के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. जीपी सिंह ने हैरानी जताते हुए कहा कि आज के समय में भला यह कैसे संभव है, फिर भी इस मामले की सलेहा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र से पूरी जानकारी ली जाएगी। यह पता लगाया जाएगा कि, परिवार नियोजन कार्यक्रम से आखिर यह दम्पत्ति कैसे छूट गया? वैसे अशिक्षा के कारण ही परिवार नियोजन के अपेक्षित परिणाम नहीं मिल पाते।

लालू यादव से प्रेरित होंगे


प्रदेश के संचालक, स्वास्थ्य, डॉ. अशोक शर्मा का कहना है कि, 14वें बच्चे को जन्म देने की जानकारी अभी नहीं है, चेक करवाएंगे। वैसे लगता है कि, 11 बच्चों वाले लालू यादव से यह दंपत्ति प्रेरित है। 
उनका कहना है कि , पॉपुलेशन कंट्रोल का आंकलन करने के लिए तो पूरे प्रदेश के डॉटा को सामने रखते हैं, सिर्फ एक फेमिली के आधार पर रिजल्ट नहीं निकाला जा सकता। 


अलर्ट के बाद भी यह हाल
गौरतलब होगा कि, पन्ना जिले को स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से अलर्ट वाला माना जाता है, क्योंकि प्रदेश में एड्स के सर्वाधिक रोगी इसी जिले में पाए गए हैं। देवेंद्र नगर इलाके में स्ट्रीट सैक्स वर्कर सर्वाधिक हैं। इसके अलावा सिलिकोसिस से दर्जनभर गांवों के प्रभावित होने और बीते सालभर में पत्थर खदानों में काम करने वाले आधा दर्जन मजदूरों की मौत हो चुकी है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों के दौरे इस जिले में होते ही रहते हैं। इसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग का मैदानी अमला इस महिला को परिवार नियोजन अपनाने के लिए प्रेरित नहीं कर सका। परिवार नियोजन कार्यक्रम का मुंह चिढ़ाते हुए सरकारी अस्पताल में ही बयालिस वर्षीय महिला ने अब तक अपने चौदह बच्चों को जन्म दिया है।


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