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रायसेन जिले में आदिवासी बालिका के अपहरण पर बवाल

वकील और पुलिस की मिलीभगत से अंगूठा टेक नाबालिग बालिका का फर्जी आयु प्रमाण पत्र बना
थाना बम्होरी से गायब बालिका को एसडीएम कोर्ट से बयान के बाद भागने से पहले भीड़ ने घेरा

 
ब्यूरो, बेगमगंज (रायसेन).


नाबालिग आदिवासी बालिका का अपहरण करने के बाद फर्जी आयु प्रमाण पत्र बनाकर बालिग ठहराने की कोशिश पर शनिवार को एसडीएम कोर्ट, बेगमगंज के बाहर बवाल मच गया। इस दौरान एसडीएम कोर्ट में बालिका के बयान करवाने और फिर अपहरणकर्ताओं को अपने घर में छुपाने वाले वकील श्याम रावत से भीड़ की झड़प हो गई।
दरअसल, थाना बम्होरी के अंतर्गत ग्राम सीतापार के नवल भिलाड़ा की 16 वर्षीय बालिका को इसी गांव के मोहन पुत्र घूमसिंह, ज्ञानसिंह एवं हीरालाल पुत्र खुमान गांव के बाहर से जबरन उठा कर ले गए थे। इसकी रिपोर्ट 7 दिसम्बर,12 को की गई थी। इसके बाद यह बालिका अचानक बयान देने के लिए शनिवार को एसडीएम लखन सिंह टेकाम, बेगमगंज के सामने पहुंचे। लड़की के साथ ही दो आरोपी भी पहुंच गए। इसके बाद वकील श्याम रावत से मिलने के बाद बालिका के बयान दर्ज करवाने की कोशिश की गई, ताकि बालिका को अपनी मर्जी से प्रेमी के साथ जाना बताया जा सके। इस पर एसडीएम टेकाम ने बेगमगंज पुलिस को सूचित किया। इस पर बालिका के बेगमगंज थाने पहुंचने से पहले ही दो युवक अपने साथ मोटर साइकिल में लेकर टीचर कॉलोनी में वकील श्याम रावत के घर पहुंच गए। यहां पर बालिका पर दबाव डालकर बयान सिखाए जा रहे थे कि, इसी बीच बालिका को ढूंढ़ते हुए उसके मां बाप भी पहुंच गए। अपने मां बाप की आवाज सुन कर बालिका बाहर निकल कर भागी और अपने मां बाप को सारी बात बताई। इसके बाद मां बाप ने अपनी बेटी को नाबालिग बताते हुए अपहरण और सामूहिक बलात्कार का आरोप लगाया। इस पर हंगामा मचने लगा और कांग्रेस एवं अन्य पार्टियों के कार्यकर्ता भी पहुंच गए।

बालिका ने बताई असलियत
मां बाप अपने साथ बालिका को लेकर दोबारा एसडीएम कोर्ट पहुंचे, जहां पर बालिका ने अपने बयानों में साफ तौर पर बताया कि उसका अपहरण करके बंधक रखा गया और इस दौरान उसके साथ बलात्कार किया गया। अब वह अपने मां बाप के साथ जाना चाहती है। बालिका ने साफ किया कि, पहले उसने राजी खुशी से प्रेमी के साथ जाने वाले बयान वकील श्याम रावत के सिखाने और बहकाने पर दिए थे। इसके बाद एसडीएम ने पुलिस को बालिका का जिला मेडिकल बोर्ड से मेडिकल परीक्षण कराने और माता पिता को सौंपने के आदेश दिए।

पुलिस और वकील पर बिफरी जनता

आदिवासी बालिका के अपहरण और गैंग रेप की खबर मिलते ही एसडीएम कोर्ट के बाहर पूर्व ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह तोमर, बम्होरी के कांग्रेस कार्यकर्ता इरशाद भाई साथियों सहित जा पहुंचे और पुलिस पर दिल्ली कांड के बाद बचे हंगामे के कारण मामला दबाने का आरोप लगाया। तोमर ने कहा कि, इस मामले को महिला आयोग तक ले जाएंगे। उन्होने प्रदेश में बढ़ रही गैंग रैप की घटनाओं पर पुलिस को आड़े हाथों लिया। तब तक काफी संख्या में समाज सेवी और नागरिक एसडीएम कोर्ट के बाहर एकत्रित हो गए और घटना की निष्पक्ष जांच कर दोषियों को पकड़ने की मांग करने लगे। इसके साथ ही नाबालिग आदिवासी बालिका के अपहरणकर्ताओं को आश्रय देने और बालिका के फर्जी बयान करवाने वाले वकील श्याम रावत के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। इस दौरान वकील श्याम रावत को भीड़ ने घेर लिया, लेकिन पुलिस ने किसी तरह सुरक्षित निकाला।

अंगूठाटेक को बताया पढ़ी लिखी
वकील श्याम रावत और अपहरण कर्ताओं ने नाबालिग आदिवासी बालिका को बालिग ठहराने के लिए फर्जी प्रमाण पेश किए। खरगोन के किसी डॉक्टर का जांच प्रमाण पत्र और स्कूल का प्रमाण पत्र पेश किया गया। इसके अनुसार बालिका की उम्र 18 साल से कुछ दिन अधिक हो रही थी। बालिका के जन्म तारीख के स्कूली प्रमाण पर बालिका के मां बाप ने सच्चाई बताई की उनकी बेटी कभी स्कूल गई ही नहीं और न ही कभी नाम स्कूल में लिखवाया है। बालिका की उम्र सिर्फ 16 साल है, जिसको वकील श्याम रावत और अपहर्ताओं ने फर्जी दस्तावेजों से बढ़ाकर 18 साल से अधिक बताने की साजिश की थी।

कठोर कार्रवाई की जाएगी
रायसेन जिला पुलिस अधीक्षक शशिकांत शुक्ला ने न्यूज रेलिक से बातचीत में स्पष्ट किया कि, पूरे मामले में पुलिस बेहद सतर्कता से आगे बढ़ रही है। प्राथमिक साक्ष्य और बयानों के आधार पर आपराधिक प्रकरण कायम किया जाएगा। दोषी कोई भी हो, बख्शा नहीं जाएगा और कठोर कार्रवाई होगी। इसके साथ ही फर्जी बयान करवाने और अपहरणकर्ताओं को अपने घर में पनाह देकर पुलिस की जांच में बाधा पहुंचाने वाले वकील श्याम रावत के बारे में जांच के निर्देश दिए गए हैं।

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