कार्यपालन यंत्री सहित आधा दर्जन के खिलाफ आर्थिक अपराध अनुसंधान ब्यूरों ने दर्ज किया मामला
ब्यूरो, भिंड/भोपाल.
भिण्ड जिले के लोक स्वास्थ्य एवं यांत्रिकीय विभाग में सिर्फ 15 दिन में एक करोड़ से ज्यादा की राशि के हेराफेरी के मामले में आर्थिक अपराध अनुसंधान ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) ने शिंकजा कस दिया है। ब्यूरो ने तत्कालीन कार्यपालन यंत्री सहित आधा दर्जन के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कर लिया है।
ब्यूरो के सूत्रो के अनुसार, तत्कालीन कार्यपालन यंत्री विमल कुमार सोनी ने वित्तीय वर्ष 2010 के समापन से 15 दिन पहले आनन फानन में ठेकेदारों को वर्क आर्डर देकर 1 करोड़ 10 लाख खुर्दबुर्द किए थे। जांच के बाद ईओडब्ल्यू ने विमल सोनी के साथ एक अन्य कार्यपालन यंत्री केआर गोयल, ठेकेदार अनूप देवपुरिया, देशराज राठौर, संजय शर्मा, शिवशंकर शर्मा और अल्पना शर्मा के खिलाफ मामला पंजीबद्ध किया है।
ईओडब्ल्यू के अनुसार, मिलीभगत कर ठेकेदारों को वर्क आॅर्डर जारी किए और सेल्फ चेकों से 1 करोड़ 10 लाख रुपए की हेराफेरी की। क्षेत्रीय विधायक रणवीर जाटव ने इस मामले की शिकायत ईओडब्ल्यू में की थी। जांच में पता चला कि कार्यपालन यंत्री ने शासकीय सेवा में रहते हुए नियम विरुद्ध तरीके से ठेकेदार के साथ आर्थिक लाभ लिया। कार्यपालन यंत्री विमल कुमार सोनी ने टैक्सी परमिट में भी गड़बड़ी की। इतना ही नहीं आरोपी अधिकारी के खिलाफ जांच करने में दूसरे कार्यपालन यंत्री केआर गोयल ने षड़यंत्रपूर्वक साक्ष्य छिपाए। तत्कालीन कार्यपालन यंत्री विमल कुमार सोनी ने 1 जुलाई 2009 से 22 दिसंबर 2009 तक कैश बुक में हेराफेरी की, जिससे शासन को करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ।